हरियाणा में आशा वर्कर राज्य सरकार के अधीन कार्य कर रही हैं |जिनसे कार्य तो स्थायी कर्मचारियों की तरह करवाया जा रहा है बल्कि उन्हें श्रम कानून के हिसाब से मासिक वेतन नहीं दिया जा रहा है |जिसके चलते राज्य सरकार तथा आशा वर्कर यूनियन के बीच में वर्ष 2018 के फरवरी महीने में समझौता हुआ था |जिसे 4 महीने बीत चुके हैं जब कि उसे लागू नहीं किया गया|
जिसके बाद से आक्रोशित आशा वर्करों के धरने प्रदर्शन जारी हैं | स्वास्थ्य मंत्री श्रीमान अनिल विज की उपस्थिति में राज्य सरकार तथा आशा वर्कर यूनियन हरियाणा के बीच में एक समझौता हुआ था ‘जिसे अभी तक लागू न करने के कारण राज्यव्यापी हड़ताल पर आशा वर्कर्स बैठी हैं| आशा वर्कर यूनियन हरियाणा के सदस्यों ने बार-बार सरकार से अपील की कि हमारी मांगों को पूरा किया जाए| तथा हमें जरूरत की चीजों को पूरा किया जाए जो के कामकाज के लिए जरूरी है; जैसे कि अलमारी ,मेज,कुर्सियां वगैरा भी उनके लिए उपलब्ध नहीं है| ना ही उन्हें श्रम आयोग के तहत वेतन का भुगतान किया जा रहा |जिसे लेकर आशा वर्कर यूनियन में राज्य सरकार के प्रति बहुत बड़ी नाराजगी है| हड़ताल पर बैठे सदस्यों ने शुक्रवार को सरकार के अधिकारियों से बातचीत करते हुए अपनी बात रखी तथा बताया कि हमारी मांगे यदि पूरी नहीं की गई तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे|
पिछले काफी दिनों से आशा वर्कर्स की राज्य सरकार से नाराजगी के चलते हड़ताल जारी है| आशा वर्कर यूनियन हरियाणा के प्रतिनिधियों ने घोषणा की कि वे 9 जून तक अपनी हड़ताल जारी रखेंगे तथा 10 जून को आशा वर्कर यूनियन हरियाणा की कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी| जिसमें आने वाले दिनों में आंदोलन के बारे में फैसला किया जाएगा| जिसमें संबंधित (सीटू सर्व कर्मचारी संघ) आशा वर्कर यूनियन हरियाणा कि प्रदेश अध्यक्ष प्रवेश कुमारी तथा महासचिव सुरेखा ने बताया कि राज्य सरकार के बेरुखे तरीके से निपटने तथा अपने अधिकारों की रक्षा के लिए 17 जनवरी 2018 से हड़ताल शुरू की थी|जिसके बाद इस आंदोलन के परिणाम स्वरुप राज्य सरकार ने 1 फरवरी को समझौता किया था| इस समझौते के तहत राज्य सरकार ने फैसला लिया था कि आशा वर्करों का फिक्स ₹1000 से बढ़ाकर ₹4000 तथा प्रसूति भत्ता ₹200 से बढ़ाकर ₹300 करना एवं H.B.P.N.C की राशि बढ़ाकर ₹330 की जाएगी|उसी समय दुर्घटना में मृतक के परिवार को तीन लाख की राशि देने का ऐलान किया गया था | जिसके साथ साथ हरियाणा के सभी सब सेंटरों पर जरूरी साजो-सामान फर्नीचर , अलमारी तथा इलेक्ट्रॉनिक टेबलेट (मोबाइल) देने का वादा करते हुए समझौता किया | सरकार ने पक्षधर ना होकर इस फैसले को अभी तक लागू नहीं किया ; जबकि 4 महीने बीत चुके हैं| जिसको लेकर आशा वर्कर अपने अधिकारों की रक्षा तथा आत्म सम्मान के लिए हड़ताल को जारी रखा तथा सरकार को महसूस करा दिया कि जब तक उनके अधिकार उन्हें मिल नहीं जाएंगे तब तक वह अपने फैसले पर अड़िग रहेंगी तथा उनकी मांगे ना मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे| आशा वर्कर्स के लीडर्स ने बताया कि जब तक उन्हें सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी नहीं हो जाता तब तक वह चैन से नहीं बैठने वाले हैं| यूनियन के लीडरों ने बताया इन 4 महीनों में उनका प्रतिनिधिमंडल कई बार अधिकारियों से मिल चुका है| तथा लगभग 5 बार माननीय श्रीमान स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज जी से मिलकर उनके अधिकारों की रक्षा करने का सहयोग मांगा| लेकिन नतीजा यह हुआ कि बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद उनकी मांगो व मौलिक अधिकारों को पूरा नहीं किया जा रहा | जिसके परिणाम स्वरुप आशा वर्कर्स की हड़ताल जारी रहेगी तथा 10 जून को आशा वर्कर यूनियन हरियाणा की कमेटी की बैठक रोहतक में बुलाई जाएगी | जिसमें आगे की आंदोलन की जमीनी प्रक्रिया पर विचार विमर्श किया जाएगा| हरियाणा में आशा वर्कर्स को अधिकार दिलवाने के लिए राज्य के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सहयोग देने का फैसला लिया| सामाजिक कार्यकर्ता सुखविंदर सिंह ने बताया कि वह हरियाणा के आशा वर्कर्स को उनके अधिकार दिलवाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे| जिसके लिए वे सरकार से बातचीत के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं|
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