रॉयल्टी का ये कैसा खेल ? कितना तालमेल-कितना घालमेल !

0- बिना रॉयल्टी परिवहन करने वाले वाहनों से शासन को हो रही है राजस्व की हानि
भिलाई। कुछ दिनों पहले की बात है एक तरफ जहां खनिज विभाग की टीम मुस्तैद नजऱ आती है जिस पर अवैध खनन की कार्रवाई के दौरान खनन माफिया हमला कर फरार हो जाते हैं. वहीं दूसरी ओर कार्रवाई? एक आरंग क्षेत्र का मामला तो दूसरा दुर्ग जिले के सेलूद क्षेत्र के पतोरा चुनकट्टा का जहां गिट्टी के खदान संचालित हो रहे हैं. इस क्षेत्र में चल रहे खदानों को लेकर हुई चर्चा में चौंकाने वाले खुलासे हुए. बताया गया कि कुछ खदानें रहमोकरम पर चल रही हैं पर किसके? जब ऐसे कुछ खदानों की जानकारी किसी माध्यम से खनिज विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंचती है तो उनके खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई की खबर कार्रवाई होने के पहले ही उन लोगों तक पहुँच जाती है और उच्चाधिकारियों की मेहनत का अंजाम सिफर, क्योंकि उन खदानों में हलचल ही नजर नहीं आती. इन खदानों से प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों के द्वारा गिट्टियों का परिवहन किया जाता है. यह आंकड़ा अधिक भी हो सकता है. इन वाहनों से किए जा रहे परिवहन में कितनी गाड़ी वैध यानी रॉयल्टी और कितनी अवैध बिना रॉयल्टी के निकलती हैं ये देखने वाली विभाग के इस क्षेत्र में तैनात टीम कही-न- कही चूंक तो नहीं कर रही है? एक वाहन वाले से रॉयल्टी को लेकर चर्चा की गई. तो उसने बताया कि मैं रॉयल्टी देकर महंगा माल ग्राहक को देता हूं . अगर दूसरा उसी को मुझसे कम कीमत में देता है तो इसका अंदाजा लगा सकते हैं. अब सवाल यहां पर यह उठता कि आखिर खदान से माल बिना रॉयल्टी बाहर कैसे निकलता है. क्या खदान का संचालन वैध रूप से किया जा रहा है? शासन को कितना नुकसान हो रहा है? यह भी नकारा नहीं जा सकता है कि विभाग या प्रशासन कार्रवाई नहीं करता। समय समय पर कार्रवाई से बिना रॉयल्टी परिवहन करने वाले वाहनों के मालिकों पर गाज गिरती रहती है. इससे यह साबित तो हो ही जाता है कि बिना रॉयल्टी के वाहन चलते हैं. कुछ चपेट में आ जाते हैं तो कुछ बच निकलते हैं. रॉयल्टी लेकर चलने वाले और बिना रॉयल्टी के वाहनों के आकड़ो में कितना अंतर है? कार्रवाई में और कसावट लाने की आवश्यकता है क्या? जिससे शासन के राजस्व को हो रही हानि को रोका जा सके.
इस संबंध में इसकी जानकारी विभाग के अधिकारी दीपक मिश्रा से फोन पर ली गई तो उन्होंने बताया कि हमें जिन क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों की सूचना मिलती है, उस जानकारी के आधार पर हमारा विभाग व प्रशासन अवैध खनन व परिवहन को लेकर बहुत ही तत्परता पूर्वक ठोस कार्रवाई करता है. इसमें हमारा विभाग ही नहीं क्षमता से अधिक भार वाले वाहनों पर पुलिस विभाग भी कार्रवाई करता है और आगे भी य़ह कार्रवाई निरन्तर चलती रहेगी. खदानों की वैधता को लेकर सवाल किए जाने के पहले उनका फोन कट गया था.
दीपक मिश्रा
खनिज अधिकारी, दुर्ग

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