राजिम कुंभ कल्प मेला 8 मार्च से, स्थानीय कलाकारों के लिए सज रहा मंच
Rajim /- . देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाला राजिम कुंभ कल्प इस वर्ष 24 फरवरी माघ पूर्णिमा से 8 मार्च महाशिवरात्रि तक आयोजित होगा. राज्य शासन ने इसे राजिम कुंभ कल्प का नाम दिया है. इस वर्ष राजिम कुंभ कल्प को रामोत्सव के रूप में मनाया जाएगा. इसके लिए राजिम त्रिवेणी संगम में भव्य तैयारियां की जा रही है. मेले में देशभर से साधु संत और पर्यटकों का आगमन भी होगा.
राजिम कुंभ कल्प की तैयारियों को लेकर धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विगत रात्रि मेला स्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने मेला स्थल में मुख्य मंच, स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति के लिए सहायक सांस्कृतिक मंच, गंगा आरती स्थल, साधु संतों के निवास, पेयजल, शौचालय, कुलेश्वर महादेव मार्ग एवं लोमश ऋषि आश्रम तक जाकर मेला के संबंध में की गई आवश्यक व्यवस्थाओं का जायजा लिया. साथ ही मेला स्थल में सभी जरूरी तैयारियों को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए. इस दौरान राजिम विधायक रोहित साहू, कलेक्टर दीपक अग्रवाल, एसएसपी अमित तुकाराम कांबले सहित गरियाबंद, रायपुर और धमतरी जिले के अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे.
मंत्री अग्रवाल ने मेला स्थल में तैयारियों का जायजा लेने के उपरांत मेला स्थल में ही अधिकारियों की बैठक लेकर सभी कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए. मंत्री अग्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कुंभ मेला स्थल में पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही लैब टेस्ट सुविधा, एंबुलेंस सहित आवश्यक एलोपैथिक और आयुर्वेदिक दवाइयों का स्टॉक रखने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी मंदिरों में व्हाइट वाश और लाइटिंग करने के निर्देश दिए.
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सीएसईबी के अधिकारियों को पर्याप्त बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने पीएचई विभाग के अधिकारियों को निर्बाध पेयजल सुविधा और जरूरी शौचालय व्यवस्था विकसित करने के निर्देश दिए. इसके अलावा सड़कों में धूल न उड़े, इसके लिए लगातार पानी का छिड़काव करने की बात कही. उल्लेखनीय है कि राजिम कुंभ कल्प 2024 के दौरान 3 दिन विशेष कार्यक्रम का आयोजन होगा. इसके अंतर्गत 24 फरवरी, 4 मार्च और 8 मार्च को राजिम त्रिवेणी संगम में विशेष स्नान का आयोजन किया जाएगा. राजिम कुंभ मेला के दौरान 15 दिनों तक विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.