पर्यटन स्थलों के विकास से होगा बस्तर का समग्र विकास : बैज
चित्रकोट महोत्सव का मंत्री लखमा और सांसद बैज ने किया आगाज =
= तीन दिवसीय मेले के दौरान खेल गतिविधियों का भी भव्य आयोजन =
बस्तर 15 Feb, (Swarnim Savera) । हमारे बस्तर संभाग को प्रकृति ने तरह -तरह की संपदाओं का उपहार दिया है। बस्तर के गर्भ में लौह अयस्क और अन्य खनिजों का जहां अकूत भंडार है, वहीं पूरे संभाग में अनेक वाटर फॉल, प्राकृतिक सौंदर्य से आच्छादित वादियां, विभिन्न प्रजातियों के बेशुमार वन्यजीव, ईमारती एवं फलदार वृक्षों के घने जंगल उपलब्ध हैं। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित कर छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार जमीनी तौर पर काम कर रही है।
उक्त उदगार बस्तर के सांसद दीपक बैज ने प्रसिद्ध चित्रकोट महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए। महोत्सव का शुभारंभ आबकारी एवं उद्योग मंत्री तथा बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा एवं सांसद दीपक बैज ने दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक कार्य कर रही है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बस्तर में अनेक पर्यटन स्थलों का विकास किया गया है। पूरे भारत के विभिन्न राज्यों के साथ ही दूसरे देशों के सैलानी भी अब बस्तर आने लगे हैं। इससे स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं तथा स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल रहा है। श्री लखमा ने कहा कि बस्तर के विकास के लिए भूपेश बघेल सरकार कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। आज बस्तर तेज गति से आगे बढ़ रहा है। सांसद दीपक बैज ने कहा कि बस्तर पर भगवान ने अपार कृपा की है। प्रकृति ने दिल खोलकर यहां की धरती को अनगिनत उपहारों से नवाजा है। बस्तर की धरती रत्नगर्भा है। यहां लौह अयस्क और अन्य खनिजों का अथाह भंडार है। बस्तर की वादियां घने जंगलों से आच्छादित हैं, बेशकीमती ईमारती एवं फलदार पेड़ हैं। यहां के जंगलों में मिलने वाले तेंदू, चार, छिंद, महुआ आदि स्थानीय निवासियों की आमदनी के साधन हैं। संभाग में अनेक खूबसूरत वाटर फॉल और पर्यटन स्थल हैं। चित्रकोट का वाटर फॉल तो जग प्रसिद्ध है। यहां दुनिया भर से पर्यटक आते हैं। श्री बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार पर्यटन को उद्योग के रूप में स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। यहां आने वाले घरेलू और बाहरी पर्यटकों की संख्या जितनी बढ़ेगी, स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उतने ही ज्यादा मिलेंगे। उन्होंने कहा कि महिला स्व सहायता समूहों और स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में बस्तर के पर्यटन केंद्र अहम भूमिका निभा रहे हैं। श्री बैज ने कहा कि दूसरे राज्यों के पर्यटन स्थलों में होटल में एक दिन रुकने का किराया पांच – सात हजार रु. और एक टाइम खाने का खर्चा न्यूनतम पांच सौ रु. पड़ता है। इस लिहाज से छत्तीसगढ़ के पर्यटन केंद्रों में होटलिंग और भोजन का खर्च आधे से भी कम पड़ता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि पर्यटन स्थलों में स्वच्छता बनाएं रखें और पर्यटकों के साथ अतिथि जैसा व्यवहार करें, ताकि जब वे लौटें, तो बस्तर से जुड़ी अच्छी स्मृतियां साथ लेकर जाएं और अन्य लोगों को भी बस्तर आने के लिए प्रेरित करें।
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लगाए गए हैं अनेक विभागों के स्टॉल
चित्रकोट महोत्सव स्थल पर राज्य शासन के विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाए गए हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, उद्योग विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग समेत अन्य सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी इन स्टालों में मौजूद रहकर उनके विभागों के माध्यम से संचालित योजनाओं की जानकारी लोगों को दे रहे हैं और यथासंभव लोगों को लाभ भी पहुंचा रहे हैं। मंत्री श्री लखमा, सांसद दीपक बैज, क्षेत्रीय विधायक राजमन बेंजाम, इंद्रावती विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कलेक्टर, एसपी ने स्टालों का जायजा लिया। ये स्टॉल तीनों दिन लगे रहेंगे।
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महोत्सव स्थल पर चल रही हैं खेल गतिविधियां भी
चित्रकोट महोत्सव स्थल पर खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा खेल गतिविधियों का भी आयोजन किया जा रहा है। ग्रामीणों और महिलाओं के लिए खो – खो, कबड्डी, गिल्ली डंडा, फुगड़ी, बांटी, पिट्ठूल आदि खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। तीन दिनों तक चलने वाली खेल गतिविधियों में स्थानीय युवा, महिलाएं और बुजुर्ग उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। चारों ओर उल्लास बिखर रहा है। रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका आनंद समूचे बस्तर संभाग के लोग उठा रहे हैं। आखिरी दिन मेला भी लगेगा।