सर्वमंगल कामना के साथ देवी मंदिरों में प्रज्वलित होंगे ज्योति कलश, जरहाभाठा मां दुर्गा मंदिर में सन 1995 से अखंड ज्योति आज भी जल रही
- इस साल तीन अक्टूबर से नौ दिनों तक होगा शारदीय नवरात्र
- सभी माताओं के मंदिर में ज्योति कलश की भव्य तैयारी
- तेल व घी की शुद्धता पर सावधानी बरत रही समितियां
बिलासपुर। नौ दिनों तक भक्त विशेष पूजा-अर्चना, यज्ञ, श्रीमद् देवी भागवत, दुर्गा सप्तशती पाठ, सतचंडी यज्ञ, जसगीत में लीन रहेंगे। मां महामाया मंदिर रतनपुर, तिफरा काली मंदिर, जरहाभाठा दुर्गा मंदिर, रेलवे मरीमाई मंदिर, मां नष्टी भवानी मंदिर, मां महामाया गणेश नगर, मगरपारा मरहीमाता मंदिर, कुदुदंड आई तुलजा भवानी मंदिर, माता चौरा मंदिर, काली मंदिर, हरदेव लाल मंदिर, सतबहिनिया मंदिर बंधवापारा, दुर्गा मंदिर पुलिस लाइन, दुर्गा मंदिर जवाली पुल, पीतांबरा पीठ सरकंडा में नवरात्र को लेकर तैयारी चल रही है। रंग-रोगन से लेकर साज सज्जा का काम अंतिम चरण में है।पितृ विसर्जन के साथ देवी मंदिर जगमग होंगे। ज्योति कलश कक्ष तैयार किए जा रहे हैं। मां महामाया मंदिर रतनपुर में इस बार मातारानी भक्तों को प्रतिदिन 19 घंटे दर्शन देंगी। सप्तमी तिथि पर पूरी रात मंदिर का पट खुला रहेगा। 101 पंडितों द्वारा पूजा-अर्चना, यज्ञ, श्रीमद् देवी भागवत, दुर्गा सप्तशती पाठ, सतचंडी यज्ञ किया जाएगा, जसगीत होंगे।
श्रद्धालुओं के लिए निश्शुल्क भोजन की व्यवस्था होगी। तिफरा काली मंदिर में नौ दिनों तक जसगीत, देवी भागवत, दुर्गा सप्तशती का पाठ होगा। जरहाभाठा दुर्गा मंदिर में नवमी तिथि पर माता का राजश्री श्रृंगार होगा। गायत्री मंदिर विनोबा नगर में 24 हजार गायत्री महामंत्र का अनुष्ठान होगा।
मां महामाया मंदिर, रतनपुर
मां महामाया मंदिर में इस साल 31 हजार मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाने की तैयारी है। इसमें पांच हजार ज्योति घी की होगी। तेल व घी की शुद्धता को विशेष रूप से जांच किया जाएगा। पहले ही देवभोग से 18 हजार लीटर घी मंगवा लिए गए हैं। वहीं 31 हजार लीटर तेल भी शामिल है।
मां काली मंदिर, तिफरा
मां काली मंदिर तिफरा में 3001 ज्योति कलश प्रज्वलित होंगे। जिसमें 201 घी के रहेंगे। यहां 44 साल पहले मंदिर में अखंड ज्योति प्रज्वलित की गई थी, जो आज भी निरंतर जल रही है। मंदिर में 152 देवी-देवता विराजमान हैं। पाताल भैरवी भी मंदिर में 10 फीट नीचे हैं।
मां दुर्गा मंदिर, जरहाभाठा
जरहाभाठा मां दुर्गा मंदिर में सन 1995 में वैष्णव देवी से आई अखंड ज्योति आज भी जल रही है। यहां भी इस साल ज्योति कलश को लेकर जोरशोर से तैयारी चल रही है। 501 तेज एवं 101 घी के ज्योति कलश प्रज्वलित करने की तैयारी है। दो अक्टूबर तक यहां पूरी स्थिति स्पष्ट की जाएगी।
तेल व घी की शुद्धता पर सावधानी बरत रही समितियां
\आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी के प्रसादम् में चर्बी मिलने की रिपोर्ट सामने आने के बाद देश भर के मंदिरों में प्रसाद का स्वरूप बदलने लगातार बैठकों का दौर जारी है। मंदिरों में इसे लेकर विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
भक्तों की आस्था को देखते हुए ट्रस्ट और समितियां अपने स्तर पर कार्ययोजना बना रही है। इस कड़ी में रतनपुर मां महामाया मंदिर सहित सभी देवी मंदिरों में ज्योति कलश को लेकर भी सजग हैं। तेल व घी की गुणवत्ता को लेकर बैठक कर कई अच्छे निर्णय भी लिए गए हैं