धमाके से हाईवे के दूसरी तरफ उड़कर गिरा टिनशेड..गोदाम के पीछे 400 मी. दूर खड़ी कार के शीशे चकनाचूर
गोंडा/ गोंडा जिले में एक बार फिर धमाका हुआ है। शनिवार को देर रात इटियाथोक स्थित किराना गोदाम में रखे अवैध पटाखों में विस्फोट से चपेट में आया युवक बुरी तरह से झुलस गया। मरणासन्न हाल में उसे पहले गोंडा मेडिकल कॉलेज में आकस्मिक उपचार के लिए ले जाया गया, वहां से चिकित्सकों ने हालत नाजुक बताते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया।
लखनऊ पहुंचने से पहले रास्ते में ही युवक की मौत हो गई। पटाखे के जखीरे में विस्फोट इतना जबरदस्त था कि गोदाम के परखच्चे उड़ गये। साथ ही दूर खड़े चारपहिया वाहनों के शीशे खुद-ब-खुद चकनाचूर हो गये। इससे पूर्व बेलसर नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड एक में गत 7 अक्तूबर को अवैध पटाखा कारखाने में हुए भीषण धमाके में तीन लोगों की मौत हो चुकी और दो अन्य घायल हैं। शनिवार को रात लगभग साढ़े 10 बजे गोंडा-बलरामपुर राजमार्ग पर इटियाथोक बाजार के मध्य तेलियानी मोड़ के पास यह धमाका हुआ है। रामजी गुप्ता की किराना दुकान का गोदाम एक किराये के मकान में है। यहां दोना-पत्तल व गिलास सहित अन्य सामानों का भंडारण किया जाता है। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन समाप्त होते ही अचानक गोदाम में जोरदार विस्फोट हुआ।
धमाके की चपेट में आ जाने से रामजी गुप्ता के पुत्र दुर्गेश गुप्ता (28) बुरी तरह से झुलस गये। वह गोदाम में पहले से ही मौजूद थे। धमाके के तुरंत बाद चीख-पुकार मच गई। आस-पड़ोस के लोगों की भीड़ जब मौके पर पहुंची तो आनन-फानन में परिवारीजन गंभीरावस्था में दुर्गेश को लेकर गोंडा मेडिकल कॉलेज भागे। आस-पड़ोस के लोगों की भीड़ जब मौके पर पहुंची तो आनन-फानन परिजन गंभीर अवस्था में दुर्गेश को लेकर गोंडा मेडिकल कॉलेज भागे। मौके पर चश्मदीद राजकुमार ने बताया कि धमाके की आवाज काफी दूर तक पूरे बाजार में सुनाई दी।
धमाके से गोदाम के सामने लगा टिनशेड हाईवे के दूसरी तरफ उड़कर गिरा। वहीं गोदाम के पीछे 400 मीटर दूर खड़ी मन्नू की वैगनआर कार के शीशे चकनाचूर हो गए। अन्य गाड़ियों के शीशे भी क्रेक हुए। दुकान के भीतर रखे दोना-पत्तल सब खाक में तब्दील हो गए। आस-पड़ोस के लोगों की भीड़ जब मौके पर पहुंची तो आनन-फानन परिजन गंभीर अवस्था में दुर्गेश को लेकर गोंडा मेडिकल कॉलेज भागे। मौके पर चश्मदीद राजकुमार ने बताया कि धमाके की आवाज काफी दूर तक पूरे बाजार में सुनाई दी।
धमाके से गोदाम के सामने लगा टिनशेड हाईवे के दूसरी तरफ उड़कर गिरा। वहीं गोदाम के पीछे 400 मीटर दूर खड़ी मन्नू की वैगनआर कार के शीशे चकनाचूर हो गए। अन्य गाड़ियों के शीशे भी क्रेक हुए। दुकान के भीतर रखे दोना-पत्तल सब खाक में तब्दील हो गए।
शोर सुनकर काफी लोग इकट्ठा हो गये। झुलसे युवक को बेहतर उपचार के लिए भेजा गया है। मौके पर छानबीन की जा रही है। डाग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। मामले में जो भी विधिक कार्रवाई होगी, की जाएगी।
छह दिन पहले दहल उठा था बेलसर, चंद रुपयों के लालच में 3 ने गंवा दी थी जान
अभी सात अक्तूबर दिन सोमवार को बीते महज छह दिन हुए हैं, जब नगर पंचायत क्षेत्र का बेलसर उत्तरी वार्ड भीषण धमाकों में थर्रा उठा था। बंद मकान में अवैध रूप से बनाए जा रहे पटाखों के जखीरे में विस्फोट हो गया था, जिसमें दो की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक ने लखनऊ के सिविल अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
दो अन्य झुलसे युवकों का इलाज अब भी जारी है। ये सभी गनपाउडर की मदद से अवैध कारखाने में पटाखे तैयार कर रहे थे। इसी बीच अचानक दोपहर 12.25 बजे जोरदार विस्फोट हो गया था। तरबगंज पुलिस ने मामले में विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत केस दर्ज कर एक चश्मदीद आरोपी आजाद को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया। जबकि इसी मामले में मौके पर पहुंचे एसपी ने देर शाम रगड़गंज पुलिस चौकी प्रभारी सुनील तिवारी को लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
चंद रुपयों के लालच में आकाश कनौजिया उर्फ छोटू, अयूब उर्फ लल्लू और अयाज मोहम्मद उर्फ तूफान को जान से हाथ धोना पड़ा, जबकि इशहाक और कृष्णकुमार बुरी तरह झुलस गए थे।
ताबड़तोड़ छापेमारी में जब्त हो चुके हैं 33 क्विंटल अवैध पटाखे, 13 जेल में
बेलसर पटाखा विस्फोट कांड के बाद पुलिस और प्रशासन तेजी से सक्रिय हुआ था। बीते सात, आठ और नौ अक्तूबर को पूरे जिले में ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान चला।
इस दौरान मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में लाइसेंसी पटाखा गोदामों में भंडारण व रखरखाव की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार की गई। मनकापुर, नवाबगंज, कौड़िया, वजीरगंज, कटराबाजार और नगर कोतवाली क्षेत्र से दुकानों व घरों से अवैध पटाखों की भारी मात्रा में बरामदगी की गई।
पुलिस ने लाखों की कीमत के 33 क्विंटल अवैध पटाखे जब्त किए। इन्हें गैरकानूनी ढंग से रखने और व्यापार करने के जुर्म में कुल 13 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई। सभी अवैध भंडारण और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत जेल की सलाखों के पीछे हैं।