वैष्णव तिलक और पगड़ी पहनकर सजे बाबा महाकाल, भस्म आरती में श्री कृष्ण स्वरूप में दिए दर्शन

 

उज्जैन/ अश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि रविवार पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का अलौकिक श्रृंगार हुआ। इस दौरान बाबा महाकाल का वैष्णव तिलक और पगड़ी पहनाकर श्री कृष्ण स्वरूप में शृंगार किया गया। जिसने भी इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया वह देखते ही रह गया। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि अश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। आज बाबा महाकाल का श्री कृष्ण स्वरूप में शृंगार किया गया। उन्हें वैष्णव तिलक और पगड़ी पहनाई गई और फूलो की माला पहनाकर शृंगार किया गया। फिर महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। श्रद्धालुओं ने इस दौरान बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।

कन्या भोज सम्पन्न
प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी मन्दिर के अन्नक्षेत्र में कन्या-पूजन व कन्या-भोज सम्पन्न हुआ, जिसमें लगभग 170 कन्याओं ने भाग लिया। परंपरा अन्तर्गत मन्दिर के सहा. प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने भोज के पूर्व कन्याओं को अक्षत-तिलक लगाकर पाँव पूजे। कन्याओं को भेंट स्वरूप कंपास बॉक्स दिए गए।

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