इसलिए खाने में मिलाती थी मूत्र… घरेलू सहायिका का चौंकाने वाला कबूलनामा
गाजियाबाद / दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से शर्मसार करने वाला मामला सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। एक घरेलू सहायिका की घिनौनी हरकत से सब हैरान हैं। किसी ने यह सोचा भी नहीं होगा कि घरों में काम करने वाली मेड ऐसा काम भी कर सकती हैं। दरअसल, गाजियाबाद के एक घर में घरेलू काम करने वाली मेड पेशाब से खाना बनाकर परिवार को खिलाती रही, जब पूरे परिवार का स्वास्थ बिगड़ता चला गया तो परिवार ने रसोई घर में एक कैमरा लगाया।
कैमरे में घरेलू सहायिका की शर्मनाक करतूत कैद हो गई। जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बुधवार को सहायिका को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में घरेलू सहायिका ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। मेड के कबूलनामे से अफसर हैरान हैं।
पुलिस पूछताछ में पहले मेड मूत्र मिलाकर खाना बनाने से इनकार करती रही, लेकिन जब उसे सीसीटीवी फुटेज दिखाई तो उसने चुप्पी साध ली। इसके बाद सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया।
गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक की सोसायटी के रीयल एस्टेट कारोबारी ने शांतिनगर निवासी रीना के खिलाफ मंगलवार को नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वह मूल रूप से खुर्जा के मीरपुर की रहने वाली है। आठ साल से रीयल एस्टेट कारोबारी के यहां काम कर रही थी।
एसीपी वेव सिटी लिपि नगायच ने बताया कि आरोपी मेड रीना चार महीने से ऐसा कर रही थी। उसे यह जानकारी नहीं थी कि कारोबारी ने कुछ दिन पहले ही रसोईघर में सीसीटीवी कैमरा लगवा दिया है।
गिरफ्तार की गई घरेलू सहायिका रीना ने पूछताछ में बताया कि मालिक छोटी-छोटी बात पर डांटते थे। मेरे हर काम में कमी निकालते थे। मैं इससे खुद को अपमानित महसूस करती थी। इस अपमान का बदला लेने के लिए मैंने खाने में अपना मूत्र मिलना शुरू कर दिया था।
उसने बताया कि रोटी बनाते समय वह पानी की जगह मूत्र का इस्तेमाल करती थी। वह खाना परोसने के बाद जब देखती थी कि उन रोटियों को मालिक और उनके परिवार के लोग खा रहे हैं, तो उसे ऐसे लगता था जैसे अपने अपमान का बदला ले रही हो। वह काफी समय से ऐसा कर रही थी।
त्वचा रोग होने पर लगवाया कैमरा
रीयल एस्टेट कारोबारी ने बताया कि कुछ समय से परिवार के लोग बीमार पड़ने लगे। सभी को त्वचा संबंधी रोग हुए। उन्हें लगा कि शायद खाने में कुछ गलत ले रहे हैं। लेकिन, ऐसा नहीं था। इस पर शक हुआ कि रीना खाने में कुछ गलत चीज मिला रही है। सच्चाई जानने के लिए उसे बताए बगैर रसोईघर में कैमरा लगवा दिया। इसकी फुटेज देखकर पता चला कि वह रोटी बनाने में पानी की जगह मूत्र इस्तेमाल करती है। इसके बाद पुलिस से शिकायत की। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह उस पर पूरा भरोसा करते थे। कभी सोचा नहीं था कि वह ऐसा कर सकती है।
ऐसे खुला पूरा मामला
गाजियाबाद के थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके की एक सोसायटी में रियल एस्टेट कारोबारी अपने परिवार के साथ रहता है। थाने में दर्ज शिकायत में कारोबारी ने बताया कि उन्होंने घर में एक घरेलू सहायिका रीना को करीब आठ साल से काम पर रखा हुआ था। पिछले कुछ माह से परिवार के सदस्य लीवर की बीमारी से ग्रसित होने लगे। डॉक्टर को दिखाने पर भी राहत नहीं मिली।
घरेलू साहयिका पर शक हुआ तो कुछ समय पहले अपने घर और रसोईघर में सीसीटीवी कैमरे लगवाए। कैमरे लगवाने की जानकारी साहियका को नहीं थी।
14 अक्तूबर को उन्होंने कैमरे की रिकॉर्डिंग में देखा कि रीना रसोई में एक बर्तन में मूत्र कर रही है। इसके बाद उसने उससे रोटियां बनाईं। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने आरोपी साहयिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है।
बीमारी की जांच होना जरूरी
बिना जांच किए कुछ नहीं कहा जा सकता। एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संतराम वर्मा का कहना है कि बिना महिला के शारीरिक जांच किए कुछ कहा नहीं जा सकता। क्योंकि सामान्य तौर पर मूत्र से दिल, लीवर या शरीर के किसी अंग पर कोई साइड इफेक्ट नहीं पाया गया है। अगर किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होगी तो उसका दुष्प्रभाव हो सकता है।
गुस्सा निकालने का तरीका
वरिष्ठ मनोकाउंसलर डॉ. संजीव त्यागी का कहना है कि किसी को डांटने या प्रताड़ित करने पर वह बदला लेना चाहता है। तरीका सबका अलग हो सकता है। सामने वाले को आक्रमक रूप से नुकसान पहुंचाकर अपना बदला पूरा कर लेता है। घरेलू सहायिका ने भी बदला लेने के लिए इस तरह का कार्य किया होगा।
लोनी में जूस में मूत्र मिलाता था दुकानदार
इससे पहले एक मामला लोनी में सामने आया था। वहां खुशी जूस कार्नर पर दुकानदार आमिर फलों के जूस में मूत्र मिलाकर देता था। उसे गिरफ्तार किया गया। इस मामले के बाद ही प्रदेश सरकार ने तय किया कि खाने में अपशिष्ट मिलाने पर कड़ी कार्रवाई का कानून बनाया जाएगा। खाद्य सुरक्षा की टीम लोनी में सभी जूस की दुकानों की जांच कर चुकी है। इसके अलावा कई मामले थूककर रोटी बनाए जाने के सामने आ चुके हैं।