बहराइच हिंसा: हत्या के बाद भी खतरनाक थे आरोपियों के मंसूबे, लोड कर रखी थी बंदूक, यहां छिपाए थे हथियार

बहराइच/ महराजगंज कस्बे में रेहुवा निवासी रामगोपाल मिश्रा की निर्मम हत्या के बाद भी हत्यारोपियों के मंसूबे खतरनाक थे। तभी तो उन्होंने हत्या में प्रयुक्त बंदूक को लोड कर छिपाया था। उसके साथ एक अन्य अवैध असलहा भी रखा था, ताकि जरूरत पड़ने पर वह फिर से दहशत फैला सकें। इसका प्रमाण भी उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दे दिया। पुलिस के अनुसार महराजगंज में रविवार को जो हुआ वह सुनियोजित था। मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की छत पर पत्थर व ईंटें रखी थीं। कांच की बोतल भी मिली थीं।

बोले पिता व पत्नी, खुशी मिली लेकिन अभी संतोष नहीं
रामगोपाल मिश्रा की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद व उसके बेटों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं, पुलिस पर फायरिंग के बाद सरफराज व तालीम घायल भी हुए। इसके बाद भी रेहुवा के ग्रामीण व मृतक के पिता व पत्नी संतुष्ट नहीं हैं। बातचीत में पिता कैलाश नाथ व पत्नी रोली ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई से खुशी तो मिली, लेकिन पूरी संतुष्टि नहीं मिली। बेटे की हत्या करने वालों का पूरा एनकाउंटर होना चाहिए था।

हत्यारोपियों ने हत्या में प्रयुक्त बंदूक के साथ एक अवैध असलहा भी छिपाया था। जो कहीं न कहीं हत्यारोपियों के मंसुबे दिखाता है। आरोपी कहीं न कहीं घटना के बाद भी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। वहीं कुछ ग्रामीणों का यह भी कहना है कि हत्यारोपी मामला ठंडा होने के बाद एक बार फिर दहशतगर्दी फैलाना चाहते थे।

बोले पिता व पत्नी, खुशी मिली लेकिन पूरी संतुष्टि नहीं
रामगोपाल मिश्रा की निर्मम हत्या में शामिल मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद व उसके बेटो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं पुलिस पर फायरिंग के बाद पुलिसिया गोली से सरफराज व तालीम घायल भी हुए। लेकिन इसके बाद भी रेहुवा के ग्रामीण व मृतक के पिता व पत्नी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। बातचीत में पिता केलाश नाथ व पत्नी रोली ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई से खुशी तो मिली, लेकिन पूरी संतुष्टि नहीं मिली। बेटे की हत्या करने वालों का पूरा इंकाउंटर होना चाहिए था। रेहुवा गांव में भी ग्रामीण खून का बदला खून होने की बात करते सुने गए। गांव में बृहस्पतिवार को भी भारी पुलिस बल तैनात रहा।

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