महिला की हत्या के बाद शव के पांच टुकड़े किए, सिर, हाथ-पैर काटे, 10 फीट गहरे गड्ढे में दफनाया

जोधपुर/ जोधपुर में एक महिला की हत्या कर उसके शव के 6 टुकड़े कर दिए गए। शव के इन टुकड़ों को बोरे में भरकर 10 फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया गया। पुलिस गड्ढे में दफन शव को बाहर निकाला गया। महिला का गला, दोनों हाथ और दोनों पैर कटे हुए थे। जिस तरह से उसके शरीर के हिस्सों को काटा गया है, उसे देखकर लगता है कि शव को काटने के लिए ग्राइंडर का इस्तेमाल किया गया है। महिला ब्यूटीशियन का काम करती थी और प्रॉपर्टी डीलिंग के व्यवसाय से भी जुड़ी थी। उसका ब्यूटी पार्लर सरदारपुरा में स्थित था। वह तीन दिन से लापता थी।  

जानकारी के अनुसार, सरदारपुरा क्षेत्र में रहने वाली 50 वर्षीय अनीता चौधरी की गुमशुदगी की रिपोर्ट उनके परिजनों ने 27 अक्तूबर को सरदारपुरा थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने महिला की खोजबीन शुरू की तो 27 अक्तूबर को महिला एक सीसीटीवी में दोपहर करीब 2:30 बजे अपने पार्लर को बंद कर एक टैक्सी में बैठकर जाते हुए नजर आई। टैक्सी के नंबर के जरिए पुलिस टैक्सी चालक तक पहुंची और उससे पूछताछ की। टैक्सी चालक ने बताया कि उसने महिला को शहर के बाहर गांगाणा क्षेत्र में छोड़ा था। पुलिस टैक्सी चालक को लेकर गांगाणा पहुंची, जहां पता चला कि वह जिस घर पर गई थी, वह महिला के ब्यूटी पार्लर के पास रफू का काम करने वाले गुलामुद्दीन का था।

पुलिस ने गुलामुद्दीन के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह घर पर नहीं था। पुलिस को शक हुआ तो उसके परिजनों से सख्ती से पूछताछ की गई। इस दौरान गुलामुद्दीन के परिवार वालों ने बताया कि महिला की हत्या करके शव को घर के सामने ही 10 फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी गुलामुद्दीन की पत्नी को हिरासत में ले लिया। अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।

मृतका अनीता चौधरी के बेटे ने कहा कि मां को विश्वास में लेकर गुलामुद्दीन और उसके परिवार ने घर पर बुलाया और उनकी हत्या कर दी। उसने बताया कि पिछले कई दशकों से गुलामुद्दीन के साथ पारिवारिक संबंध थे, मां गुलामुद्दीन को भाई मानती थी। हमें उम्मीद ही नहीं थी कि वे ऐसा कर सकते हैं।
इधर, पुलिस ने गड्ढे में दफन शव को निकालकर एम्स की मोर्चरी में रखवा दिया है, जहां पर मृतका के परिजन और समाज के लोग मौजूद हैं। सचूना पर आरएलपी नेता संपत पूनिया मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह हत्या उदयपुर के कन्हैयालाल की हत्या से भी ज्यादा जघन्य है। उन्होंने कहा कि जब तक पीड़ित परिवार को न्याय और मुआवजा नहीं मिलेगा, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल ने भी परिवार के साथ होने का आश्वासन दिया है।

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