एक प्रदेश की प्रगति यात्रा : सपनों से संभावनाओं का गढ़ बनता छत्तीसगढ़, यहां बहती है संस्कृति की सहज धारा
छत्तीसगढ़ / दशकों तक देश के एक भूभाग के लाखों लोगों का सपना था कि उनकी पहचान में छत्तीसगढ़ नाम जुड़े। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन जागती आंखों में बसे सपने को पूरा किया और मध्य प्रदेश के नक्शे में समाहित 36 गढ़ों को पृथक करते हुए 25 साल पहले छत्तीसगढ़ के रूप में नए राज्य का गठन किया।
छत्तीसगढ़ के निर्माण के पीछे अटलजी का सपना था कि इस पिछड़े क्षेत्र में तेजी से विकास के साथ ही यहां की सांस्कृतिक अस्मिता को भी सहेजा जा सके। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में राज्य दशकों तक पिछड़ेपन का शिकार रहा। वर्ष 2003 से 2018 तक डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में विकास की नींव डाली गई। इन 15 वर्षों में राज्य का पीडीएस मॉडल पूरे देश में विशिष्ट रहा। छत्तीसगढ़ नागरिकों को खाद्य सुरक्षा का कानूनी अधिकार देने वाला पहला राज्य बना।
अटलजी के कार्यकाल में यहां एम्स जैसी संस्थाएं स्थापित की गईं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में आईआईटी और ट्रिपल आईआईटी जैसी संस्थाओं की स्थापना की जा रही है। राज्य आई मैप बनाने वाला छत्तीसगढ़ पहला प्रदेश है। भाजपा शासनकाल में ही छत्तीसगढ़ सभी नागरिकों को निशुल्क स्वास्थ्य बीमा देने वाला पहला राज्य बना।
वर्ष 2008 से घरों और खेती-किसानी से लेकर उद्योगों तक को बिना बाधा 24 घटे विद्युत आपूर्ति पहली बार यहीं संभव हुई। किसान और आदिवासी हमारी प्राथमिकता क्रम में ऊपर रहे हैं। इसी कड़ी में सरगुजा और बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण बनाकर इन समुदायों के विकास को गति दी गई। दिसंबर 2023 में भाजपा सरकार बनने के बाद से हमने इस कम समय में ही चुनाव पूर्व किए कई वादों को निभाया है। हमने 3,100 रुपए क्विंटल धान का मूल्य दिया साथ ही 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी। छत्तीसगढ़ में 144 लाख मीट्रिक टन धान का रिकॉर्ड उपार्जन हुआ। इस साल 160 लाख मीट्रिक टन धान के उपार्जन की आशा है।
एआई और ग्रीन स्टील पर काम
छत्तीसगढ़ में हम प्रकृति को सहेजते हुए विकास कर रहे हैं। हाल ही में मंजूर नई उद्योग नीति में हमारा जोर आईटी और जलवायु परिवर्तन से जुड़े उद्योगों को लेकर है। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी बढ़ावा दे रहे हैं, ऐसे उद्योगों को बड़े पैमाने पर सब्सिडी दी जाएगी। छत्तीसगढ़ में हम ग्रीन स्टील पर काम कर रहे हैं। 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन को ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ में सोलर एनर्जी को बढ़ावा दे रहे हैं। नया रायपुर को हम आईटी हब के रूप में विकसित कर रहे हैं।
तेजी से उड़ान
भारत के मध्य में होने से प्रदेश की विशिष्ट स्थिति है और विशाखापट्टनम का गलियारा हो या अन्य कॉरिडोर, छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ रही है। हमने जगदलपुर तथा अंबिकापुर एयरपोर्ट का भी विकास किया है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था तेजी से उड़ान भरने के लिए तैयार है इसके लिए पर्याप्त अधोसंरचना हम विकसित कर रहे हैं। महतारी वंदन योजना के तहत प्रतिमाह एक हजार रुपये माता-बहनों को अंतरित करना भी इसी का हिस्सा है।
- प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत 2047 का लक्ष्य की कड़ी में हमने वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया है और विकास के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर उसके मुताबिक रणनीति से काम कर रहे हैं। मैं कह सकता हूँ कि कभी सपनों का गढ़ रहा छत्तीसगढ़, असीम संभावनाओं का गढ़ है, जो अब खुशियों के गढ़ के रूप में तब्दील हो रहा है। निश्चित ही निकट भविष्य में देश-दुनिया के नक्शे पर अपनी अलग पहचान के साथ उभरेगा।