स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय तथा पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिवीजन दुर्ग के संयुक्त तत्वाधान में सात दिवसीय वाटर टेस्टिंग ट्रेनिंग प्रोग्राम का हुआ आयोजन

भिलाई , 10. April (Swarnim savera),, स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय तथा पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिवीजन दुर्ग के संयुक्त तत्वाधान में रसायन शास्त्र विभाग द्वारा सात दिवसीय वाटर टेस्टिंग ट्रेंनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय के एम.एस.सी रसायन शास्त्र चतुर्थ सेमेस्टर के सभी विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण लिया । रसायन शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रजनी मुदलियार ने बताया कि पी.एच.ई. विभाग दुर्ग एक सरकारी संस्था है जहां पर जल से संबंधित विभिन्न प्रकार की टेस्टिंग की जाती है, उपरोक्त ट्रेनिंग द्वारा विद्यार्थियों को वाटर टेस्टिंग से संबंधित बहुत सी जानकारी सीखने मिलेगी। महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी, डॉ. दीपक शर्मा ने इस ट्रेनिंग प्रोग्राम की सराहना की तथा विद्यार्थियों को पी.एच.ई विभाग से अधिक से अधिक ज्ञान अर्जन करने की सलाह दी। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने महाविद्यालय के विद्यार्थियों को ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पूर्ण करने हेतु बधाई दी तथा कहा की प्रशिक्षण द्वारा विधार्थी विषय के व्यावहारिक प्रयोग की सरलता से समझ सकते है । महाविद्यालय की उप प्राचार्या डॉ. अजरा हुसैन ने कहा की इस प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम विद्यार्थियों के व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ाने के लिए अति आवश्यक है अतः इस प्रकार की ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन समय-समय पर किया जाना चाहिए। इस ट्रेनिंग के अंतर्गत पी.एच.ई. विभाग द्वारा फ्लोराइड, हार्डनेस , बी.ओ.डी., सी.ओ.डी., टी.डी.एस., तथा जल में उपस्थित विभिन्न प्रकार के मेटल की पहचान कैसे की जाती है इसका प्रशिक्षण दिया गया।श्री परिमल दत्ता‍‍ ,केमिस्ट पी.एच.ई. डिवीजन दुर्ग के निर्देशन में पुष्पेंद्र साहू ,लैब टेक्नीशियन द्वारा विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के वॉटर टेस्टिंग का प्रशिक्षण दिया गया। ट्रेनिंग कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूर्ण करने के पश्चात पी.एच.ई विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया परीक्षा में निम्न प्रकार के प्रश्नों का समावेश किया गया- जल की क्षारीयता का मापन करने की विधि का वर्णन कीजिए, जल की कठोरता का पता किस प्रकार लगाया जाता है ? जल में कैल्शियम तथा मैग्नीशियम की उपस्थिति का पता किस प्रकार लगाया जाता है? आदि प्रश्न शामिल थे। ट्रेनिंग प्रोग्राम सफलतापूर्वक पूर्ण करने के पश्चात परीक्षा में सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

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