स्वरूपानंद महाविद्यालय में “लर्निंग इज लाइफ” विषय पर कार्यशाला का आयोजन शिक्षा विभाग द्वारा किया गया

Bhilai, 14 April, (Swarnim Savera) / स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के शिक्षा विभाग द्वारा पंद्रह दिवसीय कार्यशाला कम्युनिकेशन स्किल्स एवं पर्सनालिटी डेवलपमेंट “लर्निंग इज लाइफ” का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम की प्रभारी डॉ. अभिलाषा शर्मा सहायक प्राध्यापक ने बताया कि इस कार्यशाला के अंतर्गत हम व्यक्तित्व के विभिन्न प्रकारों व्यक्तित्व परीक्षण समूह चर्चा शारीरिक भाषा प्रेरणा आत्मविश्वास मैनर्स एंड एटिकेट नेतृत्व क्षमता प्रस्तुतीकरण क्षमता बोलना लिखना पढ़ना सुनना इंटरपर्सनल स्किल व्यवहार और रणनीति जो एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से बातचीत करते समय उपयोग करता है कार्य नैतिकता कनफ्लिक्ट मैनेजमेंट समस्या समाधान के लिए संघर्ष का सामना करना इन सब पहलुओं को शामिल किया है इस कार्यशाला का उद्देश्य बीएड के विद्यार्थी जो हमारे भावी शिक्षक बनने जा रहे हैं उनके व्यक्तित्व के विकास में यह छोटा सा प्रयास महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा जिसके अंतर्गत हम समय-समय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया है जिससे क्रमशः सर्वप्रथम शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ पूनम निकुंभ ने विद्यार्थियों को व्यक्तित्व के प्रकारों के बारे में बताया और उनका व्यक्तित्व परीक्षण भी किया और विद्यार्थियों को उनकी व्यक्तित्व के बारे में बताया अगले क्रम में हिंदी विशेषज्ञ हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सुनीता वर्मा ने विद्यार्थियों को बोलचाल की भाषा में जो अशुद्धियां होती हैं उनके बारे में उदाहरण देकर बताया जैसे मैं आटा पिसाने जा रही हूं यह सही वाक्य नहीं है सही वाक्य मैं गेहूं पिसवाने जा रही हूं होगा इस तरह से बहुत से अच्छे टिप्स डॉ सुनीता वर्मा द्वारा दिए गए अगले क्रम में अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष श्रीमती संयुक्ता पाढी ने विद्यार्थियों को पत्र लेखन शारीरिक भाषा सार लेखन पीपीटी कैसे बनाना है पढ़ने की क्षमता के बारे में बताया अगले क्रम में जामुल महाविद्यालय के स.प्रा.श्री बलराज ताम्रकार ने साक्षात्कार के बारे में विद्यार्थियों को बताया कि साक्षात्कार शब्दों का जादू होता है यह मस्तिष्क और जुबान के बीच का सुंदर तालमेल है उन्होंने कहा कि अपनी एक हॉबी जरूर रखनी चाहिए हॉबी से तात्पर्य है जिसे करने की तीव्र इच्छा हो सर ने कहा साक्षात्कार के दौरान कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए साक्षात्कार में जवाब व्यावहारिक तरीके से देना चाहिए ना कि किताबी तरीके से हमेशा ऐसे उत्तर देना चाहिए जिसमें पुनः उत्पन्न होने वाले संभावित प्रश्नों का जवाब आसानी से दिया जा सके अगले क्रम में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की डी.सी.डी.सी. डॉ प्रीता लाल ने कहा कि जो गया उसको सोचा नहीं करते जो मिल गया उसे खोया नहीं करते सफलता उनको हासिल होती है जो वक्त और हालात पर रोया नहीं करते व्यक्ति की सच्ची कमाई उसका व्यक्तित्व होता है विद्यार्थियों का अपने संप्रेषण क्षमता को अच्छा रखने पर जोर देना चाहिए और अपनी सोच को सकारात्मक रखनी चाहिए इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अतिथि वक्ता बी. एड. की भूतपूर्व छात्रा सुश्री तनुश्री हंसदा जो वर्तमान में प्रिविलेज्ड एंड अंडरप्रिविलेज्ड स्टूडेंट की ट्यूटर के रूप में कार्य कर रही हैं तनुश्री ने बताया अपने व्यक्तित्व को किस प्रकार निखारा जाए हमारे बोलने पहनने उठने बैठने के ढंग से व्यक्तित्व पर क्या प्रभाव पड़ता है अपनी सोच को सकारात्मक रखनी चाहिए लक्ष्य को अपने सपनों से पहले प्राथमिकता देनी चाहिए और एक अच्छे शिक्षक में क्षमा करने का गुण अवश्य होना चाहिए कार्यक्रम का समापन महाविद्यालय की भूतपूर्व छात्रा के व्याख्यान के द्वारा किया गया

महाविद्यालय के सी.ओ.ओ.डॉ दीपक शर्मा ने शिक्षा विभाग के प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों को कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए बधाई दी l
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला के आयोजनों से विद्यार्थियों में पढ़ाई के साथ-साथ एक अलग व्यक्तित्व का विकास भी होता है संचार कौशल एवं व्यक्तित्व विकास के द्वारा कार्यस्थल में वे दूसरों के साथ प्रभावी ढंग से और सामंजस्य पूर्ण ढंग से काम करने की अपनी क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं ।

महाविधालय की उप प्राचार्य डॉ. अजरा हुसैन के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि इस कार्यशाला में हमने जितने भी पहलुओं पर व्याख्यान करवाया है यह एक अनूठा संग्रह है जहां विद्यार्थी सफलता के नए सोपानो को प्राप्त कर अपने व्यक्तित्व का स्वस्थ एवं सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगा।

कार्यशाला को सफल बनाने में शिक्षा विभाग के समस्त प्राध्यापक गण एवं विद्यार्थियों का विशेष योगदान रहा l कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अभिलाषा शर्मा द्वारा किया गया

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