प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘श्री अन्न’ डकार गए बिचौलिए
मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई रकम की हुई खूब बंदरबांट =
= बकावंड जनपद पंचायत क्षेत्र में जमकर भ्रष्टाचार का खेल =
= प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायत भेजने वाले हैं पार्टी के क्षेत्रीय नेता =
बकावंड 17 April, (Swarnim Savera) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोटे अनाज, जिसे श्री मोदी ने श्री अन्न नाम दे रखा है, का महत्व पूरी दुनिया को समझा रहे हैं। देश के भीतर भी मोटे अनाज के अधिक से अधिक उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। मोटे अनाज के उत्पादन को प्रोत्साहित करने केंद्र सरकार विशेष कार्यक्रम चला रही है। छत्तीसगढ़ सरकार भी इस दिशा में बेहतर काम कर रही है। मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार से प्राप्त राशि को छ्ग सरकार ने बस्तर जिले को आवंटित कर किसानों को मोटे अनाज की फसल लेने के लिए खाद, बीज, कृषि यंत्र, नकद अनुदान देने का आदेश जारी किया है। बकावंड विकासखंड में केंद्र सरकार की रकम की बंदरबांट कर श्री अन्न को पकने से पहले ही डकार लिया गया है। केंद्र से प्राप्त लाखों रु. के वारे न्यारे बकावंड जनपद में किए गए हैं। यहां के भाजपा नेता मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजने की तैयारी कर चुके हैं।
रागी, कोदो, कुटकी, कुल्थी, ज्वार, बाजरा, मक्का जैसे मोटे अनाजों की अहमियत भारत में ऋषि, मुनि और प्राचीनकाल के वैद्य सदियों पहले ही समझ चुके थे। यही वजह है कि ऐसे अनाजों का भोजन के तौर पर उपयोग हमारे देश में प्राचीनकाल से ही किया जाता रहा है। बस्तर के आदिवासी भी ऐसे अनाजों के महत्व से अवगत रहे हैं तथा पहले यहां इनकी खेती बड़े पैमाने पर होती थी।अब ऐसे अनाजों का उत्पादन देश में लगभग बंद हो गया है। बस्तर में अभी आंशिक रूप से कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार, मक्का की खेती कहीं कहीं की जाती है। मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने विशेष योजना चला रखी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो, कुटकी, कुल्थी, ज्वार, बाजरा, मक्का जैसे मोटे अनाजों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने तथा प्राचीन आदिवासी कृषि प्रणालियों को फिर से अस्तित्व में लाने के लिए केंद्र सरकार की योजना के साथ अपनी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना को जोड़कर बहुआयामी कार्यक्रम चला रखा है। इसके तहत गरीब तबके के आदिवासी तथा पिछड़े वर्गों के किसानों को खाद, बीज किट्स, बाड़ियों की मरम्मत और सुधार के लिए औजार के साथ ही नकद अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। बाड़ियों में आदिवासी अपनी जरूरत के लिए तथा आजीविका चलाने योग्य मोटे अनाजों की फसलें व सब्जियां उगा सकें, यह मंशा छ्ग सरकार की रही है। इस कार्यक्रम को बकावंड जनपद पंचायत के कर्मियों और कुछ जनप्रतिनिधियों, जगदलपुर व बकावंड के तथाकथित व्यापारियों, सरपंच, सचिवों ने मिलकर भ्रष्टाचार का जरिया बना लिया है। योजना में प्रति हितग्राही किसान 16 हजार 500 रुपए के व्यय का प्रावधान किया गया था। लेकिन किसानों को स्तरहीन बीज किट और फावड़ा, कुदाल जैसे मामूली कृषि औजार देकर उनके नाम से लाखों रु. आहरित कर लिए गए। बीज किट और औजार आपूर्ति का काम ऐसे जनप्रतिनिधियों को दिया गया था, जो मेडिकल स्टोर, कम्प्यूटर सिस्टम, स्टेशनरी शॉप, जनरल स्टोर्स आदि की दुकानें चलाते हैं। जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने भी किसानों को सामग्री आपूर्ति का काम ले रखा था। इन तथाकथित आपूर्तिकर्ताओं ने किसानों को बीज के एकाध – दो पैकेट, फावड़ा, प्लास्टिक का धमेला आदि थमा दिए और फर्जी बिल व पावती बनाकर रकम आहरित कर ली। जनपद की ग्राम पंचायत कोसमी, उड़ियापाल, मोंगरापाल के किसानों के नाम से बोगस बिल, पावती आदि जमा कर लाखों रुपयों की बंदरबांट की गई है। कोसमी ग्राम पंचायत में 16 हितग्राही आदिवासी किसानों को कोदो, कुटकी, मक्का रागी के बीज किट तथा बाड़ी सुधार के नाम से फावड़ा, कुदाल, तगाड़ी जैसे मामूली औजारों का वितरण कर हर हितग्राही के नाम पर 16 हजार 500 रु. का आहरण किया गया है। किसानों को जो बीज किट और औजार उपलब्ध कराए गए हैं, उनकी कुल कीमत नौ सौ रु. से ज्यादा नहीं है।
कम्प्यूटर रिपेयरिंग करने वाली फर्म का नाम भी शामिल जगदलपुर की फर्म एसआर सप्लायर्स भी इस बंदरबांट में शामिल बताई गई है। एसआर सप्लायर्स को भी कथित रूप से कोदो, कुटकी, मक्का व सब्जियों के बीज तथा कृषि कार्य में आने वाले औजारों की आपूर्ति का काम दिया गया था। इस फर्म ने जो बिल बकावंड जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यालय में पेश किया है, उसमें 1 लाख 95 हजार रु. के बीज व सामग्री किसानों को दिए जाने का उल्लेख है।हैरत की बात तो यह है कि एसआर सप्लायर्स के संचालक ने बिल बुक के पन्ने में अपनी फर्म द्वारा स्टेशनरी, स्पोर्ट्स, कम्प्यूटर रिपेयरिंग एंड सेल्स, एसीपी वर्क्स, फ्लेक्स एंड होर्डिंग्स, एल्यूमिनियम सेक्शन, डेंटिंग, पेंटिंग, रेडियम वर्क्स, इलेक्ट्रीक वायरिंग, स्टील आलमारी फर्नीचर आदि का काम किए जाने का उल्लेख किया है। बिल में कहीं भी कृषि सामग्री या बीज सप्लाई का काम का उल्लेख नहीं है। इस फर्जी फर्म और फर्जी व्यापारियों के नाम से बोगस बिल लगाकर लाखों के वारे न्यारे बकावंड जनपद पंचायत में किए गए हैं। मजे की बात तो यह है कि जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने फर्म के कार्यों को जांचे परखे बिना और उसके द्वारा कथित रूप से आपूर्ति की गई सामग्री का भौतिक सत्यापन किए बिना ही इस फर्म के बिल को पास करते हुए राशि भुगतान करने का आदेश जारी कर दिया।
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विधायक बघेल ने का निर्देश बेअसर
बकावंड जनपद में हुई गड़बड़ी के मामले में बस्तर के विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारियों ने उनके निर्देश की अनदेखी कर दी। जनपद पंचायत के किसी भी कर्मी के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। तीन माह पहले विधायक श्री बघेल ने जनपद पंचायत बकावंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखकर मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों, संबंधित कर्मियों और हितग्राहियों की सूची के साथ उपस्थित होने के लिए कहा था। बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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जिला पंचायत सीईओ के निर्देश को डाला डस्टबिन में
लगता है बकावंड जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को भी अहमियत नहीं देते और उनके आदेश को डस्टबिन में डाल देते हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है। बस्तर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बकावंड जनपद पंचायत के सीईओ को मामले की जांच के निर्देश दिए थे। जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर किसी तरह की कार्रवाई अब तक नहीं हुई है।
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प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजेंगे शिकायत
केंद्र सरकार की योजना में हुई धांधली को लेकर बकावंड मंडल भाजपा ने अब मोर्चा खोल दिया है। मंडल भाजपा अध्यक्ष धनुर्जय कश्यप इस मामले की जांच की मांग पहले से उठाते आ रहे हैं, मगर उन्हें जरा भी तवज्जो नहीं दिया जा रहा है। श्री कश्यप की आवाज अफसरों ने पूरी तरह अनसुनी कर दी। अब श्री कश्यप इस मसले को प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी तक पहुंचाने की कवायद में जुट गए हैं। धनुर्जय कश्यप ने बताया कि वे फर्जी बिलों, फर्मों और व्यापारियों के नामों, बोगस किसानों की सूची तथा अन्य दस्तावेजी प्रमाण के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत जल्द भेजने वाले हैं।
वर्सन
तुरंत ले रहा हूं एक्शन
यह जानकर हैरानी हुई कि बकावंड जनपद पंचायत के सीईओ ने पूर्व में मेरे द्वारा जारी किए गए आदेश पर अमल नहीं किया है। तुरंत सच्चाई का पता लगाकर एक्शन लूंगा।
- प्रकाश सुर्वे,
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, बस्तर