ओडिशा-बंगाल पर मंडराया ‘साइक्लोन मोचा’ का खतरा, जानिए सेफ्टी रूल्स और इससे जुड़ा हर अपडेट

New Delhi.. 04 May, (Swarnim Savera) / मौसम की उठापटक के बीच एक चक्रवाती तूफान की खबर सामने आ रही है। बंगाल के दक्षिणी पूर्व में एक लो प्रेशर एरिया डेवलप हो रहा है, जिसके तूफान में बदलने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा है कि ये साइक्लोनिक सर्कुलेशन 6 मई को बन सकता है जो कि 11 मई तक सक्रिय तूफान में तब्दील हो सकता है, हालांकि अभी इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है, हमारी नजर इस पर लगातार बनी हुई है लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि अगर लो प्रेशर दवाब तूफान में तब्दील होता है तो निश्चित तौर पर ये चक्रवात शक्तिशाली होगा और इसका नाम ‘मोचा’होगा, ये नाम यमन की ओर से दिया गया है।

बंगाल और ओडिशा के तटों पर मंडराया खतरा

इस साइक्लोन का असर सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों पर देखा जाएगा, जिससे निपटने के लिए ओडिशा सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस बारे में मीटिंग कर चुके हैं और सारे अधिकारियों को अलर्ट रहने को भी कहा है।

बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन विकसित हालांकि ECMWF ने तो साफ तौर पर कहा है कि ‘दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन विकसित हो रहा है जिसका असर 11 मई को भारत समेत कई देशों में नजर आएगा और इस दौरान भारी बारिश होगी और तेज हवाएं चलेंगी।’ ये भी जानिए दरअसल चक्रवात काफी गंभीर होते हैं। ये जिस इलाके में आते हैं वहां पर बहुत बारिश होती है और हवाओं की गति इतनी तेज होती है कि वो इंसान को भी उड़ा सकती हैं। आपको बता दें कि गति के हिसाब से चक्रवात की स्थिति पांच तरह की होती है।

ये है तूफान की पांच स्थितियां पहली स्टेज के साइक्लोन में हवा की रफ्तार 90 से 120 किमी प्रति घंटा होती है। दूसरी स्टेज के साइक्लोन में हवा की रफ्तार 121 से 159 किमी प्रति घंटा होती है। तीसरी स्टेज के साइक्लोन में हवा की रफ्तार 160 से 224 किमी प्रति घंटा होती है। चौथे स्टेज के साइक्लोन में हवा की रफ्तार 225 से 279 किमी प्रति घंटा होती है। पांचवे स्टेज के साइक्लोन में हवा की रफ्तार 280 किमी प्रति घंटा से ज्यादा होती है। सेफ्टी नियम वैसे तो चक्रवात एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसे रोका नहीं जा सकता है लेकिन थोड़ा सावधानी बरतनें से तबाही से बचा जा सकता है। अपने घर की छत की मरम्मत करवाएं। ज्वलनशील पदार्थों को दूर रहें। लालटेन,टार्च अपने पास रखें। मछुआरों को मौसम विभाग का हर अपडेट पता करते रहना होगा। बारिश के दौरान बिजली के वायर से दूर रहें। घर से बाहर निकलते वक्त घरवालों को बताकर जाएं। मोबाइल पर लोगों से संपर्क रहते हैं। अगर तूफान में कहीं फंस जाएं तो किसी पेड़ या बिल्डिंग के पास खड़े ना रहें।

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