स्वरूपानंद महाविद्यालय में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया हरेली त्यौहार

Bhilai, 17 Jully (Swarnim Savera) स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में छत्तीसगढ़ का प्रथम त्यौहार “हरेली” के उपलक्ष्य में शिक्षा विभाग द्वारा महाविद्यालय में अंर्तविभागीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जिसमं सभी संकाय के विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. पूनम शुक्ला ने कहा कि ये त्यौहार छत्तीसगढ़ी जीवन शैली और प्रकृति से जुड़ा हुआ है। हरेली यानी कि “हरियाली” इस दिन छत्तीसगढ़ वासी अपने कृषि-औजारों की पूजा अर्चना कर यह कामना करते है कि पूरे विश्व में हरियाली छाई रहे और हमेशा सुख शांति बनी रहे। इस अवसर पर महाविद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जिससे विद्यार्थी अपनी संस्कृति एवं त्यौहारों का महत्व समझ सकें तथा जन-जन तक प्रसारित कर सकें।

प्रतियोगिताओं के अंतर्गत हरेली त्यौहार मनाते हुए विद्यार्थियों द्वारा वीडियों बनाकर एवं फोटो खींचकर भेजा गया। विचारों की अभिव्यक्ति कर अपने अनुभव व्यक्त किया। हरेली क्वीन प्रतियोगिता में प्राकृतिक फूलों एवं पत्तियों का श्रृंगार कर फोटो खींचकर भेजी गयी। महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने हरेली त्यौहार पर प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाने हेतु शिक्षा विभाग को बधाई दी। उन्होंने विजयी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि इस दिन किसान कुल देवता पशुधन व कृषि औजारों की पूजा अर्चना करने के साथ ही अच्छी फसल की कामना करते है। हरेली पर्व में बैलों, हल व खेती में काम आने वाले औजारों की विशेष पूजा करने के बाद खेती का काम शुरू किया जाता है। हरेली त्यौहार पर प्रतियोगिता आयोजित करने से विद्यार्थी, कृषि एवं संस्कृति के महत्व को समझ सकेगें । महाविद्यालय की उपप्राचार्या डॉ. अजरा हुसैन ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन से विद्यार्थी छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा, त्यौहार, खान-पान, पहनावा, आभूषण को समझ सकेगे।

विद्यार्थियों ने अपने विचार स्पष्ट करते हुए कहा हरेली का त्यौहार कृष्ण पक्ष अमावस्या को मनाया जाता है और किसानों द्वारा खेत, बैल एवं गायों के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की जाती है। हरेली पर्व पर किसान नांगर,गैती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि काम में आने वाले औजारों की साफ-सफाई एवं पूजा करते है, इस दिन विभिन्न प्रकार के पकवान जैसे गुरहा चीला, गुलगुला भजिया, अइरसा, चौसेला बनाये जाते है एवं बच्चे गेड़ी में चढ़कर चलते है, फुगड़ी खेलते है और खुशियां मनाते है। इस अवसर पर स.प्रा. शिक्षा विभाग की डॉ. शैलजा पवार ने विशेष सहयोग प्रदान किया। प्रतियोगता कार्यक्रम के निर्णायक स.प्रा. श्रीमती उषा साहू रही। प्रतियोगिता का परिणाम निम्न रहा – वीडियों मेकिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान दिनेश पटेल बीएड द्वितीय सेमेस्टर, द्वितीय स्थान अमिय कश्यप डीएलएड द्वितीय वर्ष एवं राजू कुर्रे बीएड द्वितीय सेमेस्टर, तृतीय स्थान अंकित टंडन बीबीए प्रथम वर्ष। फोटो खीचों प्रतियोगिता में प्रथम स्थान लेखराम डीएलएड प्रथम वर्ष, द्वितीय स्थान निधि मांडले डीएलएड प्रथम वर्ष एवं राजू कुर्रे बीएड द्वितीय सेमेस्टर, तृतीय स्थान देविका भास्कर एमएड द्वितीय सेमेस्टर। हरेली क्वीन में प्रथम देवीना यादव बीएससी तृतीय वर्ष रही। महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों ने विजयी विद्यार्थियों को बधाई दी।

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