अंतरिक्ष विज्ञान की बारीकियों से रूबरू हो रहे हैं कॉलेजियंस

पं. रविशंकर विवि में इसरो अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण आरंभ 
रायपुर 26 Jully (Swarnim Savera) । पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स और फोटोनिक्स अध्ययन शाला में इसरो अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण स्टार्ट ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ।
इसरो मुख्यालय, बेंगलुरु, इसरो देहरादून, आईआईआरएस देहरादून द्वारा आयोजित अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (स्टार्ट) ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह एसओएस इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड फोटोनिक्स द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष डॉ. कविता ठाकुर के स्वागत भाषण से हुई।  डॉ. कविता ने कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला के प्रति उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उनके ही सहयोग के चलते पं. रविशंकर शुक्ल विवि इसरो स्टार्ट कार्यक्रम का नोडल केंद्र बना एवं  नैक के चल रहे दौरे के बावजूद कार्यक्रम के समय पर निष्पादन के लिए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. एसके पटेल कुलसचिव का भरपूर सहयोग मिला। डॉ. कविता ठाकुर ने प्रोफेसर एसके पांडे पूर्व कुलपति एवं प्रमुख भौतिकी और खगोल भौतिकी अध्ययन शाला, पं. रविशंकर शुक्ल विवि का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथि डॉ. सरिता अग्रवाल डीन रिसर्च अभा आयुर्विज्ञान परिषद रायपुर का भी स्वागत किया। विभागाध्यक्ष एसओएस इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड फोटोनिक्स अध्ययन शाला डॉ. कविता ठाकुर ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए इसरो स्टार्ट प्रोग्राम के कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर विश्वविद्यालय और विभाग को बधाई दी और 30 दिवसीय कार्यक्रम का संक्षिप्त परिचय दिया। पूर्व कुलपति डॉ. एसके पांडे ने विद्यार्थियों को इसरो की स्थापना और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी घटनाओं को जिक्र करते हुए टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बढ़ने की भूमिका को सामने रखा। उन्होंने प्रतिभागियों को देश के वैज्ञानिक विकास में योगदान देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का उपयोग करने को कहा और स्टार्ट के लिए पंजीकरण कराने के लिए बधाई दी। उन्होंने कविता ठाकुर को कार्यक्रम की शानदार शुरुआत के लिए बधाई भी दी। अतिथि डॉ. सरिता अग्रवाल, डीन रिसर्च अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद रायपुर ने बताया कि अंतरिक्ष अनुसंधान ने चिकित्सा के क्षेत्र में किस तरह योगदान दिया है। उन्होंने टेलीमेडिसिन, टिशु इंजीनियरिंग और पुनर्योजी चिकित्सा में प्रगति का उदाहरण दिया। उन्होंने छात्रों को खुले दिमाग से इस कार्यक्रम में भाग लेने और प्रशिक्षण के माध्यम से नई सीख का स्वागत करने की सलाह दी। डॉ. कविता ठाकुर ने विद्यार्थियों को आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दी।

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