एनएमडीसी ने नहीं खोला अस्पताल, बेमौत मर रहे कर्मी

नगरनार स्टील प्लांट में जारी है हादसों का सिलसिला =

= घायल कर्मियों को इलाज के लिए ले जाना पड़ता है 30 किमी दूर मेडिकल कॉलेज =

*नगरनार।* एनएमडीसी द्वारा यहां स्थापित स्टील प्लांट में आएदिन दुर्घटना हो रही है। इन हादसों में हताहत होने वाले मजदूरों और कर्मचारियों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता और वे मौत के मुंह में समा जाते हैं। कल ही बड़ा हादसा हो गया। एनएमडीसी प्रबंधन ने यहां इतना बड़ा संयंत्र तो स्थापित कर दिया है, लेकिन हॉस्पिटल खोलने की जरूरत नहीं समझी है। इसे लेकर मजदूरों, कर्मचारियों, ग्रामीणों और श्रमिक संगठनों ने नाराजगी जताई है। 

                केंद्र सरकार के उपक्रम राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) ने नगरनार समेत आसपास के दर्जनभर गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित कर नगरनार में विशाल इस्पात संयंत्र की स्थापना की है। नियमानुसार स्टील प्लांट का स्ट्रक्चर खड़ा करने के पहले यहां सभी सुविधाओं से युक्त हॉस्पिटल खोलना चाहिए था। ताकि संयंत्र स्थापना के दौरान होने वाले हादसों में घायल होने वाले मजदूरों और कर्मियों को त्वरित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके, मगर ऐसा नहीं किया गया। संयंत्र के लिए स्ट्रक्चर तैयार करने से लेकर संयंत्र में काम शुरू हो जाने के बाद अब तक पचासों बार गंभीर किस्म की दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इन दुर्घटनाओं में अनगिनत लोग हताहत हो चुके हैं। यहां हॉस्पिटल न होने की वजह से प्लांट में घायल होने वाले लोगों को इलाज के लिए यहां से तीस किमी दूर स्थित मेडिकल कॉलेज डिमरापाल ले जाना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही कई कर्मी रास्ते में दम तोड़ देते हैं। नगरनार स्टील प्लांट में रोज छोटी -बड़ी दुर्घटना होती ही रहती है। एनएमडीसी द्वारा यहां हॉस्पिटल खोलने के लिए हायर सेकंडरी स्कूल के पास जमीन आरक्षित की जा चुकी है, मगर कई साल बीत जाने के बावजूद हॉस्पिटल निर्माण के नाम पर एक ईंट तक नहीं रखी जा सकी है।

*बॉक्स*

*सीएमडी से की हॉस्पिटल की मांग*

मजदूर, कर्मचारी, श्रमिक यूनियन के प्रतिनिधि और अंचल के ग्रामीण हॉस्पिटल खोलने की मांग एनएमडीसी से लगातार करते आ रहे हैं। प्रबंधन कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है। एनएमडीसी के सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) अमिताव मुखर्जी के समक्ष भी शनिवार को यह मुद्दा प्रमुखता से उठा था। श्री मुखर्जी नगरनार स्टील प्लांट की ब्लास्ट फर्नेस के हीटिंग सिस्टम की जानकारी लेने यहां शनिवार को आए थे। इस दौरान मजदूर यूनियनों के पदाधिकारियों ने उनसे यहां जल्द अस्पताल खुलवाने की मांग की। नगरनार और आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों ने एनएमडीसी से पहले अस्पताल बनाने फिर स्टील प्लांट का काम शुरू करने की मांग की थी। इस पर प्रबंधन ने कोई ध्यान नहीं दिया। मजदूर संगठन एचएमएस के नेता ने कहा कि कल की घटना से पहले दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। अगर स्टील प्लांट निर्माण के साथ ही अस्पताल भी बना दिया जाता, तो ऐसी घटनओं में मौत नहीं होती। चूंकि नगरनार से मेडिकल कालेज करीब 30 किलोमीटर दूर है। घायलों को वहां ले जाते समय अक्सर उनकी मौत हो जाती है।

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