चित्रकोट में दीपक की छलांग कांग्रेस को देगी मजबूती..

(अर्जुन झा)*

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बस्तर अंचल से जीत पर कांग्रेस की सत्ता में वापसी का आधार टिका है। इस बार कांग्रेस को मैदानी इलाकों में टक्कर का सामना करना पड़ सकता है तो सरगुजा अंचल में भी पहले जैसी स्थिति नहीं है तब उसे बस्तर में आवश्यक सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है।कांग्रेस संगठन को बस्तर ने साढ़े चार साल तक नेतृत्व दिया है और बदले हुए हालात में भी बस्तर ही कांग्रेस नेतृत्व पर काबिज है जो यह स्पष्ट कर रहा है कि बस्तर ही कांग्रेस की आशाओं का केंद्र है। यह बात एकदम साफ है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता का रास्ता बस्तर से होकर गुजरता है तो बस्तर जिसका, सरकार उसी की। कांग्रेस ने संगठन में बदलाव किया है और बस्तर सांसद दीपक बैज को अपना मुखिया बनाया है। अब बैज पर जिम्मेदारी है कि राज्य में कांग्रेस को मजबूती देने के साथ ही बस्तर को कांग्रेस के हाथ में रखें। भाजपा बस्तर में बहुत ज्यादा मेहनत कर रही है। उसकी नजर खास तौर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के घर पर है। यानी वह चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में माहौल बना कर बस्तर में कांग्रेस को झटका देना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह जरूरी हो गया है कि चित्रकोट बचाने के लिए दीपक बैज को विधानसभा चुनाव में उतारा जाए।

विश्वप्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात के सौंदर्य से परिपूर्ण चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र शैक्षणिक और वैचारिक दृष्टिकोण से काफी जागरूक है। दीपक बैज ने यहां दो बार विधानसभा चुनाव जीता है और यह उनके संसदीय क्षेत्र का वह हिस्सा है, जहां उनके द्वारा रिक्त सीट को उन्होंने कांग्रेस के पास सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाई है। वर्तमान विधायक राजमन बेंजाम के मुकाबले कांग्रेस में आधा दर्जन से अधिक शिक्षित और दमदार युवा टिकट के दावेदार हैं। स्थिति यह है कि एक ही गांव से तीन सशक्त दावेदार सामने हैं। ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी भी मजबूती से दावा ठोंक रहे हैं। गौंड़ आदिवासी दावेदार सामने हैं तो मुरिया आदिवासी भी पीछे नहीं हैं। चित्रकोट के पूर्व विधायक और मौजूदा बस्तर सांसद पीसीसी कमांडर बैज के साथ कांग्रेस के लिए संघर्ष करने वाले युवा टिकट की दावेदारी के लिए कदम बढ़ा चुके हैं। लगभग सभी दावेदारों से इस संवाददाता ने चित्रकोट के राजनीतिक समीकरणों पर बात की तो सभी इस पर एक मत दिखे कि कांग्रेस जीतना चाहिए। अगर विरोधी पार्टी जीत गई तो फिर से पार्टी को मजबूत करने में दिक्कत होगी। एक खास बात यह भी है कि कोई भी दावेदार कांग्रेस की हार नहीं चाहता लेकिन टिकट के लिए बराबरी के किसी दावेदार के लिए खुद से समझौता करने भी तैयार नहीं है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को ऐसा हैवीवेट प्रत्याशी सामने करना होगा, जिस पर सारे दावेदार स्वतः अपनी दावेदारी सरेंडर कर दें और जिसके साथ कांग्रेस का झंडा फहराने निकल पड़ें। चित्रकोट सीट के लिए ऐसा प्रत्याशी दीपक बैज ही हो सकते हैं।

कांग्रेस टिकट के लिए उम्मीदवार चयन प्रक्रिया अंतिम दौर में है। बस्तर सहित पूरे राज्य की सभी 90 सीटों पर जीतने योग्य उम्मीदवार पर गहराई से अध्ययन किया गया है। सारे पहलुओं पर बारीकी से पड़ताल की गई है। 75 प्लस का लक्ष्य लेकर चुनाव में उतरने जा रही कांग्रेस किसी भी सीट पर कोई रिस्क लेने तैयार नहीं है। इसलिए जहां भी तनिक भी कमजोरी नजर आई, वहां विधायक की टिकट कट करने में कांग्रेस कोई मुरौवत नहीं करेगी। जहां तक चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र की बात है तो हालात के मद्देनजर कांग्रेस के लिए दीपक बैज को प्रत्याशी घोषित करने से बस्तर की अन्य सीटों पर भी अच्छा संदेश जा सकता है।

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