कृषि दवाएं किसानों को बांटी नहीं, डबरी में फेंक दी
विधायक के प्लाट के पास डबरी में पड़ी मिलीं एक्सपायर्ड कीटनाशक दवाएं =
= ग्रामीणों और मवेशियों की जान को खतरे में डाल सकती है ऐसी घोर लापरवाही =
*-अर्जुन झा-*
*बकावंड।* बस्तर में सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का किस कदर मखौल सरकारी तंत्र द्वारा उड़ाया जाता है, इसकी एक बानगी क्षेत्र की ग्राम पंचायत कौड़ावंड में देखने को मिली है। किसानों को वितरित करने के लिए आई कीटनाशक दवाएं किसानों को न बांटकर डबरे में फेंक दी गई हैं। कहा जा रहा है कि विधायक लखेश्वर बघेल के प्लाट के पास स्थित डबरे में फेंक दी गईं ये दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं। इन दवाओं को यूं खुले में फेंक दिए जाने से ग्रामीणों और मवेशियों की जान खतरे में पड़ गई है।
बकावंड जनपद पंचायत अंतर्गत कौड़ावंड ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम शिवनागुड़ा में बनमाली बघेल पिता सुकदास बघेल की डबरी में नेमिक्स नामक कीटनाशक के सैकड़ों भरे हुए डिब्बे पड़े मिले हैं। यह दवा एक्सपायर हो चुकी है। कीटनाशक के सैकड़ों डिब्बे डबरी में मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसा प्रतीत होता है कि किसानों की बांटने के लिए आई इस दवा को संबंधित विभाग और उसके कर्मियों ने अपने स्टोर में दबाए रखा और जब वह एक्सपायर हो गई तब उसे डबरी में फेंक दिया गया। यह भ्रष्टाचार और लापरवाही का मामला लग रहा है। इसी डबरी में गांव के मवेशी रोजाना पानी पीने आते हैं। अगर यह दवा डबरी के पानी में घुल गई, तो सैकड़ों मवेशियों की जान पर बन आएगी। ग्रामीणों का कहना है कि ये दवाइयां किसानों को बांटने के लिए आई थी, मगर बांटी नहीं गई।मौके पर पहुंचे ग्रामीण दवाइयों को परखते नजर आए। यह दवा तरल है और छोटी छोटी शीशी में बंद है।
*बॉक्स*
*एक्सपायर हो चुकी हैं दवाएं*
ग्रामीण ने कहा है कि ये दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं और बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती हैं। दवाई से तीक्ष्ण दुर्गन्ध उठ रही है। यह दवाई मुझे जहरीली कीटनाशक दवाई है और इसको बहुत अत्यधिक मात्रा में फेंका गया है। अगर एक भी दवाई की बोतल खुलती है और कहीं पानी में मिल जाती है, तो जो मवेशी पानी पीने आते हैं, वे मारे जाएंगे। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इन्हें कैसे यहां फेंका गया है और किसने इन्हें डबरी में डलवाया है। लोगों को लग रहा है कि यह हार्टिकलचर विभाग की दवाई है। क्योंकि यह दवाई कृषि विभाग में नहीं आती, सिर्फ हार्टिकलचर विभाग में सप्लाई होती है। इन्हें तो किसानों में बांटा जाना चाहिए था, मगर किसानों को न देकर गड्ढे में फेंक दिया गया है। ग्रामीण हलधर कश्यप ने कहा कि दवाई सरकार ने भेजी है, तो जाहिर है किसानों को देने के लिए ही भेजी होगी। इसे किसानों को न देकर एक्सपायर हो गई तो गड्ढा में फेंक दिया गया है। इस डबरी के पानी को ग्रामीण उपयोग करते हैं, गाय बैल यहां का पानी पीते हैं। इससे लोगों और मवेशियों की मृत्यु भी हो सकती है।
*वर्सन*
*हमारे विभाग की नहीं है ये दवा*
हमारे विभाग में इस किस्म की दवा नहीं आ रही है और न हमारे विभाग से किसानों को वितरित की गई है। यह दवा तीन-चार साल पहले दी जाती थी। जबसे डीबीटी सिस्टम शुरू हुआ है, जिन किसानों को दवा खरीदना होती है, उनके खाते में पैसा जमा कर दिया जाता है। इसका अगर जानवर खाएंगे आदमी कोई खाएगा तो पेट खराब हो सकता है, बीमार भी हो सकता है। कीटनाशक है तो नुकसान तो करेगा ही बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं लेकिन पेट खराब करेगा ही। यह ऑर्गेनिक है और एक्सपायर होने के बाद भी उसका उपयोग कर सकते हैं।
*-आरके मिश्रा*
अधिकारी, उद्यानिकी विभाग, बकावंड