कांग्रेस ने रेलवे प्रशासन के वार्ता का प्रस्ताव ठुकराया
महामंत्री मलकीत सिंह गैदू ने कहा – जारी रहेगा रेल रोको आंदोलन =
रायपुर।* रेलवे के वार्ता के प्रस्ताव को कांग्रेस ने ठुकराते हुए रेल रोको आंदोलन को जारी रखने का फैसला किया है। मंडल रेल प्रबंधक ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री प्रभारी संगठन एवं प्रशासन मलकीत सिंह गैदू को पत्र भेजकर उनके समक्ष वार्ता का प्रस्ताव रखा था। छत्तीसगढ़ से गुजरने और बनने वाली पचासों ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिए जाने तथा लंबी दूरी की यात्री ट्रेनों की बेतहाशा लेटलतीफी के विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी आज प्रदेश के सभी जिलों में रेल रोको आंदोलन कर रही है। इसकी भनक लगने के बाद रेलवे प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया। मंडल रेल प्रबंधक ने प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री प्रभारी संगठन एवं प्रशासन मलकीत सिंह गैदू को ट्रेनों के परिचालन संबंधी विस्तृत जानकारी से युक्त पत्र भेजकर वार्ता का प्रस्ताव रखा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने जानकारी दी है कि छ्ग कांग्रेस कमेटी ने वार्ता के प्रस्ताव को ठुकराते हुए जनहित मे आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है।13 सितंबर को सभी जिलों मे रेल रोको आंदोलन जारी रहेगा। मंडल रेल प्रबंधक ने अपने पत्र में कहा है कि सभी ट्रेंनें यथावत चल रही हैं। कोरोना काल में जिन ट्रेनों को बंद कर दिया गया है, उनका भी परिचालन शुरू कर दिया गया है। ज्यादातर यात्री ट्रेनें अपने निर्धारित समय पर चल रही हैं। यह भी कहा गया है कि ट्रेक संधारण और सिग्नलिंग प्रणाली के आधुनिकी कार्य के चलते कुछ लोकल ट्रेनों का परिचालन जरूर बंद किया गया है। उनका भी परिचालन जल्द शुरू हो जाएगा। कांग्रेस ने मंडल रेल प्रबंधक की बातों को सिरे से नकारते हुए रेल रोको आंदोलन को वापस न लेने तथा वार्ता के लिए न जाने का निर्णय किया है।*बॉक्स**जनहित सर्वोपरि : मलकीत सिंह*मंडल रेल प्रबंधक के वार्ता – प्रस्ताव पर वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री प्रभारी संगठन व प्रशासन मलकीत सिंह गैदू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मंडल रेल प्रबंधक द्वारा पत्र में यात्री ट्रेनों के परिचालन संबंधी दी गई जानकारी से इतर जमीनी हकीकत कुछ और है। मलकीत सिंह गैदू ने कहा कि अभी भी पचासों ट्रेनों का परिचालन नहीं हो रहा है। लंबी दूरी की जो ट्रेनें चल भी रही हैं, उनकी टाइमिंग का कोई ठिकाना नहीं हैं। ये ट्रेनें कई कई घंटे विलंब से चल रही हैं। यात्रियों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। यात्री कई दिनों पहले से रिजर्वेशन करा चुके यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में दो से तीन दिन तक की देरी हो रही है। उनके जरुरी कार्य अटक गए हैं। लोकल ट्रेनों को रद्द कर दिए जाने से आम यात्रियों, ट्रेनों पर रोजाना निर्भर रहने वाले कर्मचारियों और शहरों में जाकर रोजी मजूरी करने वाले दिहाड़ी मजदूरों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा। मजदूरों की आजीविका संकट में पड़ गई है। मलकीत सिंह गैदू ने कहा कि कांग्रेस के लिए जनहित पहली प्राथमिकता है और इसीलिए हमने रेल रोको आंदोलन को वापस न लेने का फैसला किया है। श्री गैदू ने कहा कि व्यवस्था बहाल नहीं हुई, तो कांग्रेस के इस आंदोलन का विस्तार भी किया जा सकता है।