शाला भवन निर्माण में गड़बड़ी, ग्रामीणों ने रोका काम

स्वीकृत राशि से अपनी जेबें भरने में लगी है चौकड़ी =

 = छत में कम सरिया और छड़ों का हो रहा इस्तेमाल = 

= बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है भवन =

*अर्जुन झा-*

*बकावंड।* विकासखंड बकावंड की ग्राम पंचायत छोटे देवड़ा -1 के बड़ेपारा में नवीन शाला भवन निर्माण में जमकर गड़बड़ी की जा रही है। बिना ड्राइंग और ले आउट के निर्माण कार्य कराया जा रहा है और गुणवत्ता का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। छत ढलाई में घटिया सरिया और छड़ों का उपयोग तो हो ही रहा है, कम मात्रा में सरिया, छड़, स्तरहीन बजरी और अन्य निर्माण सामग्री लगाकर रकम हड़पी जा रही है। घटिया कार्य को देखते हुए ग्राम पंचायत छोटे देवड़ा -1 के बड़ेपारा के ग्रामीणों ने एकजुट होकर निर्माण पर रोक लगा दी है।

        छोटे देवड़ा -1 के बड़े पारा में नवीन शाला भवन निर्माण के लिए जिला खनिज निधि न्यास (डीएमएफटी) मद से 12.84 लाख रु. की स्वीकृति मिली है। यह कार्य जनपद पंचायत के इंजीनियर, सरपंच और सचिव की निगरानी में ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है। शाला भवन का ज्यादातर कार्य पूर्ण हो चुका है। छत ढलाई के लिए सेंटरिंग में सरिया और छड़ें कम मात्रा में उपयोग किया जा रहा है। सरिया और छड़ों को बांधने और लगाने में तय मापदंड का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। छत की मजबूती के लिहाज से सरिया, छड़ों को 6 इंच के फासले में लगाना चाहिए, लेकिन यहां सरिया व छड़ों के बीच फासला 8 से 10 इंच तक रखा गया है। ऐसा कम से कम सरिया और छड़ों का उपयोग कर रकम अपनी जेब में डालने के ध्येय से किया जा रहा है। ज्यादा फासले में छड़ें बांधने से छत की मजबूती पर अभी से सवालिया निशान लग रहे हैं। छत से पानी सीपेज की समस्या पैदा होगी और छत के धराशायी होने की भी आशंका हमेशा बनी रहेगी। जब हम कुछ ग्रामीणों के साथ निर्माणाधीन शाला भवन को देखने गए तो पता चला कि निर्माण के नाम पर केवल खानापूर्ति कर शासन को पलीता लगाने का काम चल रहा है। छत ढलाई के लिए घटिया किस्म की बजरी गिट्टी का उपयोग हो रहा है।

*बॉक्स*

*बच्चों की सुरक्षा को लेकर ग्रामीण चिंतित* 

ग्रामीणों का कहना है जब शाला भवन तैयार हो जाएगा, तब वहां पढ़ाई के लिए हमारे बच्चे आएंगे। घटिया तरीके से बनाए गए भवन में बैठकर पढ़ाई करने वाले बच्चों के सिर पर हर पल खतरा मंडराता रहेगा। हमारे बच्चों की जान हमेशा खतरे में पड़ी रहेगी। ऐसे में हम जानबूझकर अपने बच्चों को इस भवन में कैसे भेज सकते हैं। कुल मिलाकर स्वार्थ के लिए सरपंच, सचिव, इंजीनियर और ठेकेदार की चौकड़ी बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ करने पर आमादा हैं। आक्रोशित ग्रामीणों और पंचों ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। उनका कहना है कि निर्माण नए सिरे से गुणवत्ता के साथ कराया जाना चाहिए। जब पंचायत सचिव से ड्राइंग और लेआउट के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर कर दी। इंजीनियर और ठेकेदार ने भी ड्राइंग और लेआउट नहीं होने की बात कही। ठेकेदार ने कहा कि ड्राइंग सचिव मैडम के पास है और सचिव ने अपने पास ड्राइंग न होने की बात कही।अब सवाल उठता है कि बगैर ड्राइंग और लेआउट के इतना बड़ा स्ट्रक्चर कैसे खड़ा किया जा रहा है?

*बॉक्स*

*नख से सिर तक गड़बड़ी ही गड़बड़ी*

नवीन शाला भवन निर्माण के नाम पर नख से सिर तक गड़बड़ी ही गड़बड़ी का आलम देखने को मिला है। नींव खोदाई व भराई, दीवार निर्माण आदि तमाम कार्यों में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। नींव की गहराई कम है, उसकी भराई में हल्के स्तर की गिट्टी, बोल्डर, रेत व सीमेंट का उपयोग किया गया है। सीमेंट कम और रेत ज्यादा उपयोग में लाई गई है। पिलर में भी बहुत ही कम और घटिया स्तर की छड़ें लगाई गईं हैं। दीवार निर्माण में प्रयुक्त की गईं इंटें और सीमेंट पूरी तरह स्तरहीन हैं। इसमें भी कम सीमेंट का उपयोग हुआ है तथा दीवारों की मोटाई बहुत कम रखी गई है। पूरे निर्माण कार्य में जमकर गोलमाल किया गया है। भविष्य में यह शाला भवन पूरी तरह असुरक्षित रहेगा। ऐसे में पालकों की चिंता जायज है।

*बॉक्स*

*सरपंच पति की ऐसी दबंगई !*

ग्राम पंचायत छोटे देवड़ा -1 की सरपंच महिला है। ग्राम पंचायत के कामकाज में सरपंच के पति की दखलंदाजी रहती है। इससे पंचों में गहरी नाराजगी है। ग्रामीणों और कुछ पंचों के मुताबिक पंचायत और ग्रामसभा की बैठकों में सरपंच पति हावी रहते हैं। उनकी ही मनमानी चलती है। पंच जब इसका विरोध करते हैं, तो सरपंच पति सीधे धमकी देते हुए कहते हैं कि मुझे जो करना है, जैसा करना है, करता रहूंगा, तुम लोगों को जो करना है करके देख लो मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यहां तक कि ग्राम पंचायत के समानों और उपकरणों का भी सरपंच पति निजी संपत्ति की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। ग्राम पंचायत के कंप्यूटर सेट, एलईडी टीवी, टेबल, कुर्सियों को सरपंच पति ने अपने घर में रखवा लिया है। इनका उपयोग उनके परिवार के लोग कर रहे हैं। इसका भी पंचों ने विरोध किया, तो उन्हें धमका कर चुप करा दिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *