मोदी ने मना किया, भूपेश दे रहे हैं गरीबों को आवास : दीपक बैज

भाजपा के आरोप पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का जवाब =
= भाजपा के गरीब विरोधी कदम के बाद कांग्रेस ने शुरू की है आवास न्याय योजना =
= 7 लाख हितग्राहियों के खाते मे 1 हजार करोड़ सीधे गए =

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार की आवास न्याय योजना का विरोध भाजपा की गरीब विरोधी सोच को उजागर करता है। केंद्र की मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ के 7 लाख आवासहीनों को आवास देने का काम जबरिया रोक रखा है। उसे स्वीकृति नहीं दी जा रही थी, भाजपा की उसी गरीब विरोधी सोच के कारण भूपेश सरकार ने आवास न्याय योजना शुरू की है। इसके तहत हितग्राहियों के खातों में सीधे एक हजार करोड़ रुपए डाले गए हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं बस्तर के सांसद दीपक बैज ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से बार- बार आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ के गरीबों के आवास की स्वीकृति दी जाए, लेकिन प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के लोगों की मांग को नही माना। तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने दम पर गरीबों के लिए आवास न्याय योजना शुरू की । इस योजना में 2011 की सर्वे सूची के अलावा 47000 नए लोगों को भी आर्थिक गणना करवा कर जोड़ा गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के हाथों आवास न्याय योजना की 1000 करोड़ की पहली किश्त 7 लाख आवासहीनों के खातों में पहुंच गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि अभी प्रधानमंत्री आवास योजना का आवंटन 2011 की सर्वे सूची के आधार पर हो रहा है। 10 साल में होने वाली जनगणना के तहत तो अब तक प्रदेश के और कई गरीबों के नाम आर्थिक सर्वेक्षण सूची में जुड़ते तथा उन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलता, लेकिन भाजपा गरीब विरोधी है। इसीलिए जनगणना नहीं करवाई गई है और गरीबों को आवास की योजना से वंचित रखा गया है। इसीलिए भूपेश सरकार ने आर्थिक गणना करवाई और 47000 से अधिक नए आवासहीनों को जुड़वाया गया। दीपक बैज ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार 7 लाख से अधिक गरीबों को मकान दे रही है तो भाजपा के पेट मे दर्द क्यो हो रहा है ? भाजपा के 9 सांसदों ने पीएम आवास के शेष हितग्राहियों को आवास दिलाने में रुचि क्यो नहीं दिखाई? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने पौने 5 साल में ग्रामीण एवं शहरी मिलाकर 14 लाख 38 हजार 823 मकान स्वीकृत किए हैं।जबकि रमन सरकार के दौरान पौने चार साल में ग्रामीण एवं शहरी मिलाकर मात्र 2 लाख 37 हजार मकान स्वीकृत हुए थे। प्रतिवर्ष के अनुसार देखा जाए तो भूपेश सरकार के पौने 5 साल में प्रति वर्ष 2 लाख 80 हजार मकान बने जबकि रमन सरकार के पौने चार साल में प्रति वर्ष मात्र 59 हजार मकान ही बने थे। भूपेश सरकार गरीबों के मकान बनाने अब ग्रामीण एवं शहरी मिलाकर 8489 करोड़ रु. से अधिक की राशि जारी कर चुकी है। जबकि रमन सरकार के पौने चार साल में मात्र 272 करोड़ राज्यांश दिया गया था।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि भाजपा बताए कि जब प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत हुई तब भारत सरकार के सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 के अनुसार 1875585 ग्रामीण हितग्राही थे, लेकिन उस दौरान रमन सरकार ने मात्र 2 लाख 18 हजार ग्रामीण मकान स्वीकृत क्यो किए ? प्रदेश के 16 लाख 57 हजार 585 गरीबो को पीएम ग्रामीण आवास योजना से वंचित क्यो रखा गया ? भूपेश सरकार में 1176146 ग्रामीण हितग्रहियों के आवास का सपना पूरा हुआ। इसमें 7 लाख और नए नाम जुड़ गए। अब 18 लाख से अधिक लोगों को आवास मिल गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *