रचनाकारों ने दी पूर्वजों को को काव्यमयी पुण्यांजलि
आओ पूर्वजों को याद करें विषय पर हुई काव्य गोष्ठी == अहिसास अमरावती की इंदौर शाखा का आयोजन = *रायपुर।* साहित्यिक संस्था अहिसास अमरावती की इंदौर शाखा द्वारा श्राद्ध पक्ष के परिप्रेक्ष्य में 71वीं ऑनलाईन ऑडियो काव्य गोष्ठी “आओ पूर्वजों को याद करें ” विषय पर आयोजित की गई। काव्यगोष्ठी की मुख्य अतिथित प्रोफेसर डॉ. मीना श्रीवास्तव पुष्पांशी ग्वालियर, विशिष्ट अतिथि दल्ली राजहरा की वरिष्ठ कवियित्री डॉ. शिरोमणि माथुर थीं। देश के 41 कवियों ने अपनी नई स्व रचित रचनाएं सुनाकर सभी को अभिभूत कर दिया। अध्यक्ष डॉ. बनवारी लाल जाजोदिया यथार्थ ने कहा कि भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में श्रद्धा, भावना, सहिष्णुता को विशेष महत्व दिया गया है।पुनर्जन्म को मान्यता देने के साथ अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा एवम् कृतज्ञता प्रकट करने का विधान है श्राद्ध पक्ष में। ज्योतिष शास्त्र एवं ब्रह्म पुराण के अनुसार जब सूर्य कन्या राशि में विचरण करते तब पितृलोक पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, इस समय हमारे पूर्वज मृत्यु तिथि पर अपने घर के दरवाजे पर पहुंच कर ब्राह्मणों के माध्यम से वायु रूप में भोजन करते हैं और आशीर्वाद देकर पुनः अपने लोक लौट जाते हैं। काव्य गोष्ठी में सरस्वती वंदना की प्रस्तुति आशा जाखड़ ने दी।स्वागत गीत शोभारानी तिवारी ने गया। सम्मान पत्र का वाचन अशोक द्विवेदी ने किया।अथिति परिचय डॉ. राजेंद्र खरे ने दिया। डॉ. खरे ने आभार व्यक्त भी किया। कविता पाठ नीति, शोभारानी, मीना अग्रवाल, संतोष तोसनीवाल, शेषणारायण चौहान, राजकुमार हांडा, स्नेह नीमा, डॉ. राज गोस्वामी, मोहन त्रिपाठी गुजरात, महेंद्र शर्मा, डॉ. अजीत जैन आगरा, मनीराम शर्मा, पूर्णचंद्र शर्मा और डॉ. अरविंद श्रीवास्तव दतिया, डॉ. रामस्वरूप साहू मुंबई, डॉ. राजेंद्र खरे, चंद्रकला जैन चंडीगढ़, हंसा मेहता, डॉ. शिरोमणि माथुर, डॉ. नूतन जैन, सोनल सीकर, डॉ. विजयलक्ष्मी अन्नू आगरा, डॉ. बनवारी जाजोदिया, डॉ. बिनोद हंसोड़ा दरभंगा, जयप्रकाश अग्रवाल काठमांडू, हरिप्रकाश भिलाई, दिनेंद्र दास कबीर आश्रम, डॉ. मीना श्रीवास्तव ग्वालियर, डॉ. नूतन जैन आगरा, अनिल वर्मा अलीगढ़, डॉ. ललित सिंह ठाकुर भाटापारा ने किया। संचालन शोभारानी तिवारी ने किया। राष्ट्रगान के बाद सभी ने पूर्वजों को श्रद्धा से नमन किया।