उजाला, भरोसा, यकीन के दम पर साध रहे हैं वोटर्स को
गीत -संगीत से भी दिल जीतने की चल रही कवायद =
*-अर्जुन झा-*
*जगदलपुर।* विधानसभा चुनाव में इस बार तरह तरह के नारे सुनाई दे रहे हैं। मनभावन नारों और गीत संगीत के जरिए मतदाताओं को रिझाने की कोशिशें की जा रही हैं। लोगों का इन नारों और गीत संगीत से भरपूर मनोरंजन हो रहा है।
बीते डेढ़ दशक से चुनाव बेहद रंगीन, खर्चीले और मनोरंजक हो चले हैं। चुनाव प्रचार का तौर तरीका काफी बदल चुका है। प्रत्याशियों के लिए नए नए नारे गढ़े जा रहे हैं, गीत बनाए और संगीतबद्ध किए जा रहे हैं। लोक कलाकारों की डिमांड काफी बढ़ गई है। गांव गांव में लोक कलाकारों के कार्यक्रम के जरिए प्रत्याशियों की सभाओं के लिए भीड़ जुटाई जाने लगी है। केंद्रीय स्तर पर जो नारा सबसे ज्यादा प्रचलित हुआ वह है – मोदी है, तो मुमकिन है। वहीं छत्तीसगढ़ में भूपेश है, तो भरोसा है और कका जिंदा है नारे बेहद लोकप्रिय हुए हैं। इसी तरह बस्तर संभाग में भूपेश है तो भरोसा है के अलावा स्थानीय नेताओं और प्रत्याशियों से जुड़े नारे सुर्खियों में हैं। चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज के लिए गढ़े गए नारे इस तरह है दीपक है तो उजाला है और दीपक है तो विकास एवं विश्वास है। जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी जतिन जायसवाल को लेकर जतिन है, तो यकीन है नारा काफी प्रचलित है। आज जगदलपुर के नानगुर ब्लॉक में जनसंपर्क अभियान की एक शानदार झलक दिखाई दी। इस दौरान कोई नहीं है टक्कर में, क्यों पड़े हो चक्कर में, भूपेश है तो भरोसा है, अबकी बार 75 पार, दीपक है तो उजाला है और जतिन है तो यकीन है के नारे बुलंद होते रहे। वहीं नगरनार में युवक और कांग्रेस के युवा कार्यकर्त्ता डीजे की धुन पर नाचते हुए प्रचार में मस्त नजर आए।
*बॉक्स*
*तामझाम से दूर हैं दीपक बैज*
दीपक बैज समूचे बस्तर संभाग और छत्तीसगढ़ में एकमात्र प्रत्याशी हैं, जो तामझाम से दूर रहकर अपने चुनावी मिशन को अंजाम दे रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद दीपक बैज को कांग्रेस ने तीसरी बार चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। श्री बैज इस सीट से पिछले दोनों चुनाव जीत चुके हैं। वे इसी क्षेत्र के गढ़िया गांव के मूल निवासी हैं और क्षेत्र का बच्चा बच्चा उनके नाम एवं चेहरे से परिचित है। क्षेत्र के लोगों से उनका सालों से जीवंत संपर्क बना हुआ है। यही वजह है कि दीपक बैज को इस चुनाव में न तो पसीना बहाना पड़ रहा है और न ही अपने प्रचार के लिए बाजे गाजे, डीजे, गीत संगीत जैसा तामझाम करना पड़ रहा है। आम ग्रामीण ही एक दूसरे के साथ संवाद कर दीपक बैज का प्रचार कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई के पदाधिकारी एवं कार्यकर्त्ता ही श्री बैज के प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं। एक प्रत्याशी होने के नाते दीपक बैज जरूर गांव गांव का दौरा कर रहे हैं। उनके लिए जो नारे गढ़े गए हैं, वे भी क्षेत्र के युवाओं की देन हैं। ये नारे हैं – दीपक है तो उजाला है, दीपक है तो विकास और विश्वास है, दीपक नहीं ये चमकता सितारा है, गढ़िया का बेटा है सच्चा छत्तीसगढ़िया सपूत आदि।