शालीनता, मृदु व्यवहार के दम पर लोगों के दिलों में बस गए हैं बैज

= विपक्षी नेता भी कायल हैं दीपक बैज के गुणों के =

= बस्तर जिला और चित्रकोट के लोग मानते हैं देवतुल्य =

*-अर्जुन झा-*

*जगदलपुर।* प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, सांसद एवं चित्रकोट विधानसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज गुणों की वह खान है, जिसमें झांकने के बाद मन में दुश्मनी पाले बैठे लोग भी उनके कायल हो जाते हैं। सभ्य, शालीन, मितभाषी और व्यवहार कुशल यह राजनेता बस्तर की जनता के दिलों ने अपने इन्ही गुणों के कारण राज कर रहा है। और तो और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के कई नेता और केंद्रीय मंत्री भी दीपक बैज को इसी वजह इज्जत देते हैं। श्री बैज के इन सदगुणों ने चित्रकोट क्षेत्र में भी धूम मचा रखी है। लोग दीपक बैज को देवतुल्य मानते हैं और उनके लिए जान तक न्योछावर करने को तैयार रहते हैं।

      बस्तर के लोग बड़े ही शांतचित्त और मीठे बोल बोलने वाले होते हैं। परायों को भी अपना बना लेने का प्राकृतिक गुण हर बस्तरिहा में होता है। बस्तर की माटी में जन्मे, पले बढ़े, खेले कूदे और पढ़े दीपक बैज में भी यही प्राकृतिक गुण मौजूद हैं।अनुसूचित जनजाति छात्रावास में रहकर प्राथमिक से लेकर स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई पूरी करने वाले दीपक बैज को सारे अच्छे गुण तो विरासत में मिले हैं, लेकिन विरासत में राजनीति नहीं मिली। न तो वे बड़े घर से हैं, न किसी राजनीतिक परिवार से। वे तो एक साधारण से आदिवासी किसान के घर में जन्मे हैं। दीपक बैज ने अपना सियासी करियर खुद बनाया है। इसकी शुरुआत छात्र जीवन से हुई थी। छात्रावासी छात्रसंघ अध्यक्ष पद से शुरू हुआ उनका सियासी सफर कदम दर कदम फासला तय करता हुआ पहले विधायक, फिर सांसद और अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच चुका है। सफर अभी लंबा है और मंजिलें बेशुमार। लेकिन दीपक बैज जैसी बिना रुके, बिना थके निस्वार्थ भाव से जनसेवा के काम करने वाली शख्सियत के लिए डगर मुश्किल नहीं है। और फिर बस्तर की आबोहवा में ऐसी ताकत भी है कि एक साधारण से आदिवासी बालक चेंदरु को हॉलिवुड को सितारा बना देता है, बसपन का प्यार गीत को अपने अनूठे अंदाज में गाने वाले सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक निवासी गुदड़ी के लाल सहदेव को रातों रात सितारा बना देता है। दीपक बैज तो उच्च शिक्षित हैं, प्रतिभाओं की खान हैं, उनमें राजनैतिक परिपक्वता आ गई है। फिर भला वे सियासी दुनिया का चमकता सितारा कैसे नहीं बन पाएंगे ? वैसे भी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी कुमारी शैलजा भी उन्हें चमकता सितारा बता चुकी हैं। दीपक बैज राजनीति के शिखर के किस पायदान तक पहुंच पाते हैं, यह अलहदा मुद्दा है, मगर जिस मुकाम को वे हासिल कर चुके हैं, उसे पाना हर किसी के बस की बात नहीं है। वो है अवाम के दिलों की गहराई में बस जाना। दीपक बैज आज हर दिल पर राज कर रहे हैं। इसकी वजह है उनकी विकासपरक सोच, अवाम के दर्द को महसूस करने की क्षमता, सौम्यता और शालीनता, वीआईपी कल्चर से खुद को दूर रख निर्विकार भाव से लोगों की सेवा करना, हर खास एवं आम के साथ एक जैसा बर्ताव करना, लोगों के साथ सहजता से मिलना आदि गुण। दीपक बैज के निवास के द्वार हर व्यक्ति के लिए हमेशा खुला होता है, वहां से किसी को निराश नहीं लौटना पड़ता। फिर क्यों न लोग अपने इस प्यारे दीपक पर जान न लुटाएं?

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*भाजपा के नेता भी हैं कायल*

ऐसा नहीं है कि दीपक बैज सिर्फ अपने क्षेत्र की जनता और कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं का ही सम्मान करते हैं। विपक्ष के नेताओं को भी वे पूरा सम्मान देते हैं।. बड़े ओहदे पर रहते हुए भी उन्होंने कभी किसी सरकारी मुलाजिम का भी अपमान नहीं किया। भाजपा के बड़े नेता भी दीपक बैज की सज्जनता और शालीनता के कायल हैं।. इसका एक उदाहरण है केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दीपक बैज को गले लगा लेना। कुछ माह पहले सांसद दीपक बैज जगदलपुर – रायपुर नेशनल हाईवे को फोरलेन सड़क में तब्दील करने, भारत माला परियोजना से बस्तर संभाग को भी जोड़ने, नारायणपुर, सुकमा, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर जिलों में स्थित स्टेट हाईवे को नेशनल हाइवे से जोड़ने तथा सड़क सुविधा संबंधी कुछ अन्य मांगों को लेकर नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे थे। दीपक बैज की बातों से नितिन गडकरी इस कदर प्रभावित हो उठे कि वे तुरंत अपनी कुर्सी से उठ गए और उन्होंने दीपक बैज के कंधे में हाथ रखकर खड़े हो गए। उन्होंने दीपक बैज की सभी मांगों पर तुरंत सहमति दे दी। इसका परिणाम आज सबके सामने है। जगदलपुर – रायपुर नेशनल हाईवे को फोरलेन में विकसित करने का काम शुरू हो गया है। बस्तर के गांवों से गुजरे स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे से जोड़ने की स्वीकृति मिल गई है। इसी तरह बस्तर दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी दीपक बैज के व्यवहार से प्रभावित हो गए थे। श्री मेघवाल जगदलपुर में प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक ले रहे थे। उस समय सांसद दीपक बैज और चित्रकोट के विधायक क्षेत्र के दौरे पर थे, लिहाजा दोनों विलंब से बैठक में पहुंचे। बैठक में पहुंचते ही श्री बैज और श्री बेंजाम ने श्री मेघवाल से क्षमा याचना कर उनका दिल जीत लिया।

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*माहरा – महरा जाति को दिलाया इंसाफ*

छत्तीसगढ़ में निवासरत माहरा महरा जाति के लोगों को आजादी के बाद से अब तक अनुसूचित जाति या जनजाति का दर्जा नहीं मिल पाया था। जबकि यह समुदाय दलित, शोषित और उपेक्षित श्रेणी में आता है। समुदाय के लोग इसके लिए सालों से संघर्ष करते आ रहे थे। जब यह बात सांसद दीपक बैज के संज्ञान में आई, तो उन्होंने समुदाय को इंसाफ दिलाने की ठान ली। सबसे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मसले से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराकर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया। इसके बाद दीपक बैज ने मसला संसद में कई दफे उठाया और यहां तक कि वे संसद में धरने पर भी बैठ गए।इसके साथ ही वे समाज के पदाधिकारियों को साथ लेकर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री, संसदीय कार्यमंत्री, अनुसूचित जाति जनजाति आयोग समेत केंद्र सरकार के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों से निरंतर मुलाकात कर व संपर्क बनाए रख राज्य सरकार के प्रस्ताव को दफ्तर दर दफ्तर आगे बढ़वाते रहे। अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और केंद्र सरकार ने माहरा महरा समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा दे ही दिया। इसका लाभ पूरे देश में निवासरत माहरा महरा जाति के लोगों को मिलेगा। बस्तर संभाग में ही इस समुदाय की आबादी हजारों में है। आज यह समाज दीपक बैज के प्रति कृतज्ञ हो उठा है।

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*यहां नहीं है दीया तले अंधेरा*

दीया तले अंधेरा वाली कहावत बहुत ज्यादा प्रचलित है। कहते हैं रौशनी फैलाने वाले दीपक के तले के आसपास अंधेरा छाया रहता है, मगर बस्तर का ‘दीपक’ ऐसा दीपक है जो अपने तले में भी उजाला बिखेर रहा है। दीपक बैज ने अकेले बस्तर लोकसभा क्षेत्र का ही विकास नहीं किया है, बल्कि छत्तीसगढ़ के हित के लिए भी सतत काम किया है। बस्तर आज विकास पथ पर इसलिए अग्रसर हो रहा है क्योंकि उसे विकास के एक नहीं बल्कि दो अग्रदूत मिल गए हैं। एक अग्रदूत हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और दूसरे दीपक बैज। दीपक बैज जिस गांव के मूल निवासी हैं, उस गांव का नाम है गढ़िया। बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा विकासखंड में स्थित गढ़िया गांव दीपक की रौशनी से नहा रहा है। इस गांव में वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध हो गईं हैं, जो किसी शहर को ही नसीब होती हैं। गढ़िया ने विकास का वह आयाम गढ़ दिया है कि छत्तीसगढ़िया बेटा दीपक बैज के नाम की गूंज पूरे छत्तीसगढ़ में सुनाई दे रही है। एक गढ़िया गांव ही नहीं, बल्कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र और चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश गांव आज तरक्की की दास्तां खुद बयां कर रहे हैं। तभी तो चित्रकोट में कहा जाने लगा है – दीपक है तो उजाला और विकास है। सचमुच यहां दीया तले अंधेरा नहीं है।

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