अब कांग्रेस को आइना दिखाएगी मोदी सरकार! आज लोकसभा में पेश हो सकता है श्वेत पत्र, क्या होता है यह?

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने के लिए बड़ा दांव चल दिया है. आज यानी गुरुवार को लोकसभा में यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल पर एनडीए की मोदी सरकार व्हाइट पेपर यानी श्वेत पत्र पेश कर सकती है. खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में इस श्वेत पत्र का जिक्र किया था. हालांकि, मोदी सरकार के श्वेत पत्र के जवाब में कांग्रेस भी मोदी सरकार के 10 सालों के कार्यकाल पर ब्लैक पेपर लाने की तैयारी में है.

मोदी सरकार के दांव पर कांग्रेस भी चलेगी चाल
दरअसल, मोदी सरकार साल 2014 से पहले अर्थव्यवस्था के ‘कुप्रबंधन’ को उजागर करने के लिए यह श्वेत पत्र लाने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पहली बार सरकार 2014 में ही बनी थी. उसके पहले लगातार 10 वर्षों यानी 2004-14 तक मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार रही थी. मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल भी अब जल्द खत्म होने वाला है. हालांकि, मोदी सरकार के श्वेत पत्र का कांग्रेस ने भी तोड़ निकाला है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस भी मोदी सरकार के दस सालों के कार्यकाल पर ब्लैक पेपर पेश करेगी. माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस ब्लैक पेपर को जारी कर सकते हैं.

वित्त मंत्री ने क्या-क्या कहा था
वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए इस कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र लाने की जानकारी दी थी. सीतारमण ने कहा था, ‘सरकार अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में सदन के पटल पर श्‍वेत पत्र पेश करेगी, ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं. इस श्‍वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है.’ वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद सरकार संकटों से निपटने में सफल रही और अब अर्थव्यवस्था सर्वांगीण विकास के साथ उच्च वृद्धि की राह पर अग्रसर है.

श्वेत पत्र से क्या होगा
दरअसल, मोदी सरकार के इस श्वेत पत्र के जरिए साल 2004 से 2014 तक के दौरान लिए गए फैसलों की समीक्षा होगी. जानकारी के मुताबिक, इस श्वेत पत्र के जरिए मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था पर 2014 से पहले लिए गए आर्थिक निर्णयों से पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में आम लोगों को विस्तार से बताएगी. इसके जरिए सरकार यह दिखाने की कोशिश करेगी कि 2014 से पहले और 2014 यानी मोदी सरकार के कार्यकाल में कितना अंतर है.

क्या होता है श्वेत पत्र
दरअसल, किसी भी सरकार के कार्यकाल के दौरान के आर्थिक हालातों की झलक दिखाने के लिए ही श्वेत पत्र पेश किया जाता है. श्वेत पत्र एक तरह से सरकारी दस्तावेज होता है, जिसे किसी मसले पर जनता का समर्थन हासिल करने और जनता की प्रतिक्रिया जानने के लिए, नई नीतियों और उपलब्धियों को उजागर करने और किसी सरकार के कार्यकाल के दौरान के हालातों को समझाने के लिए प्रस्तुत किया जाता है. क्योंकि यह प्रायः सफेद आवरण में बंधा रहता है. इसलिए इसे श्वेत पत्र भी कहा जाता है.

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