सिविल सर्विस एस्पिरेंट क्लब का करियर विकल्पों पर सर्टिफिकेट कार्यक्रम का समापन

Bhilai,/- सेंट थॉमस महाविद्यालय भिलाई के सिविल सर्विस एस्पिरेंट क्लब द्वारा करियर विकल्पों पर
सर्टिफिकेट कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया| इस कार्यक्रम के मुख्य
अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलसचिव डॉ भूपेंद्र कुलदीप थे| सर्वप्रथम
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एम. जी. रोईमोन ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत
करते हुए आयोजन समिति के सदस्यों को कार्यक्रम के सफल आयोजन पर बधाई दी एवं
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्हें सिविल सर्विस के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए
कठिन परिश्रम एवं लगन के साथ पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया| सेंट थॉमस महाविद्यालय
भिलाई के प्रशासक एवं डायोसियन शिक्षा अधिकारी फादर डॉ जोशी वर्गीस ने प्रतिभागियों को
अपनी शुभकामनायें देते हुए कहा कि सिविल सर्विस के क्षेत्र में कार्य करने से करियर के साथ
आपका व्यक्तित्व भी विकसित होगा| कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ भूपेंद्र कुलदीप ने प्रतिभागियों
को अपने स्वयं के जीवन का वास्तविक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि अपने क्षेत्र में आप
महारत हासिल करके ही जीवन में सफल हो सकते हैं| उन्होंने कहा कि करियर का चुनाव जीवन
का सबसे मुख्य निर्णय होता है इसलिए केवल पालकों एवं साथियों के दबाव में कोई भी निर्णय
नहीं लेना चाहिए| सही समय की प्रतीक्षा किये बिना इसी समय को सही तरह से उपयोग करके
अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए| सिविल सर्विस एस्पिरेंट क्लब की संयोजक
डॉ शीजा वर्की ने 15 दिवसीय सर्टिफिकेट कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया एवं बताया
कि कार्यक्रम के दौरान तेजस अकेडमी के श्री विनय सिंह एवं आईएएस अकेडमी के डॉ उदय
प्रताप सिंह, डॉ धर्मेंद्र गौर, डॉ बी. पी. सिंह, श्री सुदेश शर्मा, श्री राकेश शर्मा, श्री सुरेंद्र खंडाल एवं
श्री अविनाश वर्मा आदि ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये| कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने भी अपने
अनुभव को साझा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम से उन्हें सिविल सर्विस के क्षेत्र में अपना
करियर चुनने में काफी सहायता मिली है| उपस्थित अतिथियों ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र
प्रदान किये| इस कार्यक्रम का संचालन समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष सुश्री दीप्ती संतोष ने
किया एवं धन्यवाद ज्ञापन बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ शुभा दीवान ने
दिया|

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