अंतर‍िक्ष में परमाणु बम फोड़ने जा रहा रूस! अमेर‍िकी एजेंसियों की सांसें अटकीं, जानें धमाका हुआ तो क्‍या होगा?

अब तक आपने धरती पर ही परमाणु हमले की बात सुनी होगी. लेकिन अमेरिकी खुफिया सूत्रों के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अंतरिक्ष में परमाणु हथियार लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं. इसके ल‍िए बकायदा तैयारी कर ली है. दावा किया जा रहा है कि यह परमाणु हमला किसी उपग्रह को नष्‍ट करने के ल‍िए किया जाएगा. इससे सैटेलाइट नेटवर्क ध्‍वस्‍त हो सकता है. यह खुफ‍िया सूचना लीक होने के बाद हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के प्रमुख कांग्रेसी माइक टर्नर ने इसे राष्‍ट्रीय खतरा बताते हुए अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि से पूरी जानकारी सार्वजन‍िक करने की मांग की है. हालांकि, रूस ने इस दावे को खार‍िज कर दिया है और कहा क‍ि यह व्‍हाइट हाउस की चाल है. लेकिन अगर कोई देश ऐसा करता है तो क्‍या होगा? क्‍या धरती पर तबाही मचेगी?सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि रूस अंतर‍िक्ष में परमाणु हथ‍ियारों की तैनाती करने जा रहा है. वह उपग्रहों को नष्‍ट करने की कोश‍िश कर रहा, ताकि सैटेलाइट से स‍िग्‍नल मिलने बंद हो जाएं. इसके बाद वह आसानी से क‍िसी भी मुल्‍क पर हमला कर सकता है. लेकिन क्‍या ऐसा संभव है? जब पृथ्वी पर एक परमाणु बम विस्फोट होता है, तो भारी विकिरण की वजह से तबाही मचती है. लेकिन अंतरिक्ष में तो निर्वात है. वहां हवा नहीं है, जिससे विक‍िरण फैले और विनाशकारी हो.

असर धरती पर बहुत ज्‍यादा नहीं होगा
साइंटिस्‍ट के मुताबिक, अगर स्‍पेस में परमाणु धमाका हो तो उसका असर धरती पर बहुत ज्‍यादा नहीं होगा. या यूं कहें क‍ि कोई असर नहीं होगा. क्‍योंकि 100 परमाणु बम भी स्‍पेस में एक साथ फट जाएं तो अंतर‍िक्ष इतना बड़ा है क‍ि उसमें गायब हो जाएंगे. वि‍क‍िरण फैल नहीं पाएगा, क्‍योंकि वहां कोई वायुमंडल नहीं है. इसे आप ऐसे समझ सकते हैं क‍ि हबल टेल‍िस्‍कोप से देखने पर भी यह काफी छोटा नजर आएगा. और अगर इसका व‍िक‍िरण धरती की कक्षा में आ भी गया तो धरती तक पहुंचने में उसे लगभग 2 महीने लग जाएंगे.

जब अमेर‍िका ने क‍िया था धमाका
अमेरिका ने 1960 के दशक में धरती से लगभग 50 मील ऊपर परमाणु हथियारों का परीक्षण किया था. उस वक्‍त तुरंत विशाल आग की क‍िरणें नजर आई थीं. वैज्ञान‍िकों का मानना है क‍ि चूंक‍ि यह दूरी काफी कम थी, इसल‍िए यह नजर भी आई. तो फ‍िर अमेर‍िकी एजेंसियों की सांसें क्‍यों अटकी हुई हैं? दरअसल, इसके पीछे खास वजह है. दुनिया के सारे हथ‍ियार, पूरा सिस्‍टम आजकल सैटेलाइट के भरोसे है. अगर एक पल के ल‍िए भी सैटेलाइट काम करना बंद कर दें तो सबकुछ ठप हो जाए. ट्रेनें बंद हो जाएंगी, टीवी नहीं चलेंगे. कोई हथ‍ियार काम नहीं करेगा. यहां तक क‍ि कोई फोन भी आप इस्‍तेमाल नहीं कर पाएंगे. अगर आप कोई फाइटर जेट भी भेजना चाहें तो नहीं कर सकते, क्‍योंकि उसे चलाने के ल‍िए भी सैटेलाइट से ही संकेत मिलते हैं. डर इसीलिए ज्‍यादा है क‍ि कहीं इन सैटेलाइट को निशाना बनाया गया तो सबकुछ तबाह हो जाएगा और रूस के ल‍िए क‍िसी भी मुल्‍क को कब्‍जे में लेना आसान होगा

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