पीएम मोदी 3 महीने तक नहीं करेंगे ‘मन की बात’, बताई क्‍या है इसकी वजह

नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकप्रिय ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिये देशवासियों से रूबरू हुए. इस मौके पर उन्‍होंने ड्रोन दीदी से बात की. पीएम मोदी ने कहा कि देश में नमो दीदी ड्रोन की चर्चा हो रही है. नारी शक्ति हर क्षेत्र में आगे हैं. मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, ‘कुछ दिनों के बाद 8 मार्च को हमलोग महिला दिवस मनाएंगे. यह खास दिन देश के विकास में महिलाओं के योगदान को सैल्‍यूट करने का अवसर प्रदान करता है. महान कवि भरतियार ने कहा था कि दुनिया तभी फल-फूल सकती है जब महिलाओं को समान मौके दिए जाएंगे.’ यह मन की बात का 110वां एपिसोड था. साथ ही पीएम मोदी ने बताया कि मार्च में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू हो जाएगी, ऐसे में अगले 3 महीनों तक ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण नहीं किया जाएगा.

पीएम मोदी ने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, ‘आज भारत की नारी-शक्ति हर क्षेत्र में प्रगति की नई उंचाइयों को छू रही है. आज तो गांव-गांव में ड्रोन दीदी की चर्चा हो रही है. हर किसी की जुबान पर नमो ड्रोन दीदी, नमो ड्रोन दीदी ये चल पड़ा है. ये नमो Drone दीदी देश में कृषि को आधुनिक बनाने का एक बहुत बड़ा माध्यम बन रही है.’ उन्‍होंने आगे कहा कि रासायनिक पदार्थों (Chemical) से हमारी धरती मां को जो कष्ट हो रहा है, जो पीड़ा हो रही है, जो दर्द हो रहा है- हमारी धरती मां को बचाने में देश की मातृशक्ति बड़ी भूमिका निभा रही है.


पीएम नरेंद्र मोदी ने डिजिटल गैजेट का भी उल्‍लेख किया. पीएम मोदी ने कहा, ‘क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि Digital Gadgets की मदद से अब वन्य जीवों के साथ तालमेल बिठाने में भी मदद मिल रही है. आपको ये जानकर खुशी होगी कि हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में वन्य-जीवों के संरक्षण के लिए तकनीक का खूब उपयोग हो रहा है.’ पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘साथियों, आज युवा उद्यमी भी वन्य जीव संरक्षण और Eco-Tourism के लिए नए-नए Innovation सामने ला रहे हैं. भारत में तो प्रकृति के साथ तालमेल हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है. हम हजारों वर्षों से प्रकृति और वन्य जीवों के साथ सह-अस्तित्व की भावना से रहते आये हैं.’ पीएम मोदी ने बिहार की मुसहर जाति का उल्‍लेख करते हुए कहा, ‘बिहार में भोजपुर के भीम सिंह भवेश की कहानी प्रेरणा देने वाली है. अपने क्षेत्र के मुसहर जाति के लोगों के बीच इनके कार्यों की खूब चर्चा है. कितने ही लोग निस्वार्थ भाव से भारतीय संस्कृति के संरक्षण और इसे सजाने-संवारने के प्रयासों में जुटे हैं. आपको ऐसे लोग भारत के हर हिस्से में मिल जाएंगे. इनमें से बड़ी संख्या उनकी भी है, जो भाषा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मार्च महीने में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहित लागू हो जाएगी. पीएम ने कहा कि ऐसे में अगले तीन महीने तक मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण नहीं होगा. उन्‍होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में गान्दरबल के मोहम्मद मानशाह पिछले तीन दशकों से गोजरी भाषा को संरक्षित करने के प्रयासों में जुटे रहे हैं. अरुणाचल प्रदेश में तिरप के बनवंग लोसू जी एक टीचर हैं. उन्होंने वांचो भाषा के प्रसार में अपना अहम योगदान दिया है. यह भाषा अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और असम के कुछ हिस्सों में बोली जाती है. हमारे देश में बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं, जो गीतों और नृत्यों के माध्यम से अपनी संस्कृति और भाषा को संरक्षित करने में जुटे हैं. कर्नाटका के वेंकप्पा अम्बाजी सुगेतकर उनका जीवन भी इस मामले में बहुत प्रेरणादायी है.’

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