महाराष्ट्र से गुजरात तक कांग्रेस में भगदड़, चव्हाण, बासवा के बाद इस दिग्गज ने थामा भाजपा का दामन
मुंबई/– कांग्रेस नेता राहुल गांधी पार्टी को मजबूत करने के लिए इन दिनों भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उनकी यात्रा असरदार साबित होने की बजाय पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है. कई प्रदेशों में शीर्ष नेता पार्टी छोड़ रहे हैं. पिछले दिनों महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था. अब इसी प्रदेश में कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष रहे बासवाराज पाटिल भी कांग्रेस छोड़कर मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए. यह सिलसिला यहीं नहीं थमा. मंगलवार को ही गुजरात कांग्रेस के दिग्गज नेता और पांच बार के लोकसभा सांसद नारण राठवा भी भाजपा में शामिल हो गए.
पूर्व राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे नारण राठवा पर भगवा रंग चढ़ गया है. नारण राठवा अपने बेटे संग्राम सिंह के साथ भाजपा में शामिल हो गए. गौरतलब है कि एक के बाद एक कांग्रेस के कई दिग्गज नेता कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं, वहीं राहुल गांधी के दौरे से पहले नारण राठवा का भाजपा में जाना गुजरात कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है.
आदिवासी समुदाय से आने वाले कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नाराण राठवा छोटा उदेपुर से पांच बार लोकसभा सांसद रहे और आदिवासी समुदाय का बड़ा चेहरा हैं. उन्होंने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की और 1989 में पहली बार लोकसभा जीतकर संसद पहुंचे. 1991, 1996, 1998 और 2004 में सांसद बने. वह 2004 से 2009 तक यूपीए-1 में रेल राज्य मंत्री रहे. 2009 के लोकसभा चुनाव में वह बीजेपी के रामसिंह राठवा से हार गए. फिर वह कांग्रेस से राज्यसभा सांसद बने.
कांग्रेस के दिग्गज नेता नारण राठवा के बीजेपी में शामिल होने के मामले पर छोटाउदेपुर बीजेपी अध्यक्ष उपेन्द्रभाई राठवा ने प्रतिक्रिया दी है. उपेन्द्रभाई राठवा ने कहा कि बीजेपी के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी की यात्रा में शामिल हों. हम नारणभाई राठवा और कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हैं. टिकट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड और राज्य संसदीय बोर्ड फैसला करेगा. छोटाउदेपुर जिला कांग्रेस मुक्त हो रहा है.
गौरतलब है कि 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में मोहनसिंह राठवा और नाराण राठवा के बीच अपने बेटे के टिकट को लेकर लड़ाई हुई थी. दोनों आदिवासी नेता चाहते थे कि उनका बेटा विधानसभा चुनाव लड़े. हालांकि, उस समय नाराण राठवा की जिद के कारण मोहन सिंह राठवा ने कांग्रेस को हरा दिया. अब नारण राठवा अपने बेटे के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
उधर, मुंबई में भी राजनीतिक हलचल तेज है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे बासवराज पाटिल ने भी पार्टी छोड़ दी है. वह मंगलवार सुबह में भाजपा में शामिल हो गए. पाटिल मराठवाड़ा क्षेत्र के एक बड़े लिंगायत नेता हैं. वह दो बार के विधायक हैं हालांकि औसा विधानसभा सीट से वह पिछला चुनाव हार गए थे.