हिंसा के बाद मौसम की मार से बेहाल मणिपुर, बारिश के पानी से लबालब हुआ राजभवन

इंफाल/-चक्रवात रेमल की वजह से मणिपुर में तबाही जैसे मंजर हैं। राज्य की इंफाल घाटी में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं तीन लोगों की मौत भी हो गई है। इंफाल नदी के उफान पर होने से कई इलाकों में पानी भर गया है और सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। यहां तक कि अब राजभवन में जलभराव की जानकारी भी सामने आ रही है।

तीन लोगों की मौतअधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात रेमल के बाद पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद मणिपुर के राजभवन में जलभराव की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि इंफाल घाटी में बारिश के कारण आई बाढ़ से तीन लोगों की मौत हो गई जबकि हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। नदी के तटबंध टूटेएक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर इंफाल नदी के तटबंध टूटने से राजभवन परिसर में पानी भर गया। हालांकि, पिछले दो दिनों की तुलना में राजभवन की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी भर गया है उन्हें जल्द ही साफ कर दिया जाएगा।

बाढ़ में राजभवन डूब रहाइस बीच, मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के प्रवक्ता निंगोबम बुपेंडा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने कहा कि बाढ़ में राजभवन डूब रहा है। मणिपुर के राज्यपाल को व्यक्तिगत रूप से राजभवन में जल स्तर की जांच करते देखना बुरा है।इंफाल में अभूतपूर्व बाढ़ के कारण इंफाल क्षेत्र का बड़ा हिस्सा पानी में डूब गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के स्तर को तेजी से कम करने की जरूरत है। बुपेंडा की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, ‘ निवर्तमान प्रधानमंत्री गहरे ध्यान में हैं।’दो दिन का सार्वजनिक अवकाशमणिपुर के जल संसाधन और राहत और आपदा प्रबंधन मंत्री अवांगबौ न्यूमई ने गुरुवार शाम को कहा था कि पूर्वोत्तर राज्य में बाढ़ से कुल 1,88,143 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि कम से कम 24,265 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नदी के किनारे तटबंधों में दरार के कारण आई भीषण बाढ़ के मद्देनजर सरकार ने गुरुवार को 31 मई तक सभी राज्य कार्यालयों के लिए दो दिवसीय सार्वजनिक अवकाश घोषित किया

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