कांकेरः चारामा में धड़ल्ले से हो रहा अवैध रेत खनन, अधिकारी नहीं ले रहे एक्शन, ग्रामीण सड़कों पर उतरे

कांकेर/- कांकेर जिले के चारामा क्षेत्र में अवैध खनन का खेल जोरों पर है। प्रशासन के अधिकारियों के नाक के नीचे से खनन माफिया इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। अधिकारी अवैध खनन रोकने में नाकाम हैं। इस वजह से रात के अंधेरे में चारामा क्षेत्र की महानदी के दर्जनों घाटों में धड़ल्ले से अवैध खनन का खेल चल रहा है और माफिया बेखौफ होकर रेत खनन की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। अवैध खनन की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें साफ दिख रहा है कि चारामा क्षेत्र की महानदी से रेत से भरे ट्रक ले जाए जा रहे हैं। माहुद रेत खदान से हर दिन 200 से ट्रक निकलते हैं।  भिरौदा, तेलगुड़ा, हारडुला खरथा, किलेपार, भिरौद में रात के अंधेरे में रेत का अवैध खनन का कारोबार हो रहा है।

अफसरों का रवैया ढीला 
एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का आदेश है कि नदियों में किसी भी तरह की खुदाई नहीं होगी। यह आदेश 15 जून से पूरे छत्तीसगढ़ में लागू हो गया है। एनजीटी के आदेशों के बावजूद प्रशासन व विभाग के अधिकारी आदेशों का पालन करवाने में ढीला रवैया अपना रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों की नर्मी की वजह से खनन माफिया खुलेआम खुलेआम रेत की खुदाई कर रहा है। क्योंकि उन्हें कोई रोकने -टोकने वाला नहीं है। 

सड़कों पर उतरे ग्रामीण
अवैध रेत खनन के विरोध में ग्रामीण रोष जता रहे हैं। मंगलवार रात को स्थानीय लोग मचांदुर नाके पर विरोध जताने पहुंते, तभी उनके सामने ही वहां से रेत से भरे आधा दर्जन ट्रक निकले। लोगों ने आरोप लगाया कि मचांदुर नाके पर खनिज विभाग के इंस्पेक्टर तैनात रहते हैं। रात के अंधेरे में ये भी अपनी आंखें बंद कर लेते है। राजनीतिक लोग और रेत माफिया एक सिंडिकेट बना कर पूरे चारामा क्षेत्र में अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं। ग्रामीणों ने सुबह 5 बजे तक अपना विरोध जताया। 

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