rs20 तक घट जाएंगी तेल की कीमतें; जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर रही केंद्र सरकार

New Delhi/- केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में करीब 20 रुपये तक की कमी आ सकती है। पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने से न सिर्फ तेल कंपनियों को इनपुट पर चुकाए गए कर को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि देशभर में ईंधन पर टैक्स में एकरूपता आएगी। इसका मतलब है कि पूरे देश में पेट्रोल-डीजल लगभग एक ही कीमत पर उपलब्ध होंगे।दरअसल, जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए तैयार है। अब राज्यों को इस बारे में फैसला लेना है और साथ मिलकर इसकी दरें तय करनी हैं। अगर जीएसटी दर पर सहमति बन जाती है और पेट्रोलियम उत्पादों पर सर्वाधिक 28 फीसदी कर लगाया जाता है तो भी आम लोगों को पेट्रोल पर 19.71 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 12.83 रुपये प्रति लीटर की राहत मिलेगी। हालांकि, इससे सरकारों को कर के रूप में होने वाली कमाई पर असर पड़ सकता है।

दिल्ली में पेट्रोल 94.72 फीसदी प्रति लीटर बिक रहा है, जबकि डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है। इस आधार पर जीएसटी लगने के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत घटकर 75.01 रुपये और डीजल की 74.79 रुपये प्रति लीटर रह जाएगी।

अभी ऐसे तय होते हैं तेल के दाम

मदपेट्रोलडीजल
बेस प्राइस55.4656.20
ढुलाई0.200.22
एक्साइज ड्यूटी19.9015.80
डीलर कमीशन3.772.58
वैट15.3912.82
कुल कीमत94.7287.62

(कीमत : दिल्ली के रुपये प्रति लीटर में, अन्य आंकड़े भी रुपये में)

जीएसटी के दायरे में आने के बाद कीमत

मदपेट्रोलडीजल
बेस प्राइस55.4656.20
ढुलाई0.200.22
जीएसटी15.5815.79
डीलर कमीशन3.772.58
कुल कीमत75.0174.79

(दाम : दिल्ली के रुपये प्रति लीटर में, अन्य आंकड़े भी रुपये में) (कीमत की गणना 28 फीसदी जीएसटी मानकर की गई है)

एक लीटर पेट्रोल पर 35.29 रुपये का टैक्स
अगर आप दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल खरीदते हैं तो 94.72 रुपये चुकाते हैं। इसमें से कुल 35.29 रुपये कर लगता है, जिसमें 19.90 रुपये एक्साइज ड्यूटी और 15.39 रुपये वैट शामिल है। एक्साइज ड्यूटी केंद्र की झोली में जाता है, जबकि वैट राज्य सरकार वसूलती है। इसी प्रकार, 87.62 रुपये में एक लीटर डीजल खरीदने पर कुल 28.62 रुपये कर लगता है। इसमें एक्साइज ड्यूटी की हिस्सेदारी 15.80 रुपये और वैट की 12.82 रुपये है।  

जीएसटी भुगतान से पहले जीएसटीआर-1 में संशोधन संभव : जीएसटी करदाताओं के पास अब मासिक या तिमाही करों के भुगतान से पहले बाहरी आपूर्ति या बिक्री रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-1 में संशोधन करने का विकल्प होगा। हालांकि, संबंधित कर अवधि के लिए जीएसटीआर-3बी में रिटर्न जमा करने से पहले जीएसटीआर-1ए दाखिल करना होगा। 53वीं बैठक में जीएसटी परिषद ने करदाताओं को कर अवधि के लिए फॉर्म जीएसटीआर-1 में विवरण संशोधित करने और अतिरिक्त जानकारी जोड़ने की सुविधा के लिए फॉर्म जीएसटीआर-1ए के जरिये एक नई वैकल्पिक सुविधा देने की सिफारिश की थी। इस कदम से कारोबार करने में आसानी होगी।

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