दिल्ली में पहली FIR: भारतीय न्याय संहिता के तहत पहला मामला हुआ दर्ज, जानें किस पर हुई कार्रवाई

नई दिल्ली/- देशभर में आज से लागू हो चुके नए कानून के तहत दिल्ली में पहला मामला दर्ज कर लिया गया है। मामला दिल्ली के कमला मार्केट थाना इलाके में दर्ज हुआ है। जिसमें खुद पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। दर्ज मामले के मुताबिक, उप निरीक्षक कार्तिक मीणा ने यह शिकायत दर्ज कराई है। बताया जा रहा है कि उप निरीक्षक इलाके में गश्त कर रहे थे, तब वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुट ब्रिज के पास डीलक्स शौचालय के नजदीक पहुंचे । यहां पर एक शख्स अपनी रेहड़ी लगाकर आम रास्ते पर पानी, बिड़ी और सिगरेट बेच रहा था।इससे लोगों को वहां से गुजरने में परेशानी हो रही थी। उप-निरीक्षक ने उसे रेहड़ी हटाने के लिए कहा। लेकिन रेहड़ी मालिक ने अपनी मजबूरी बताई। वहां से नहीं जाने पर पुलिस कर्मी ने रेहड़ी वाले के खिलाफ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने और आमजन के आने जाने में दिक्कत करने का मामला दर्ज किया है।

पुराने मामले आईपीसी के तहत निपटाए जाएंगे: स्पेशल सीपी छाया शर्मा  
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सीपी छाया शर्मा ने बताया कि पुराने मामलों को आईपीसी के तहत निपटाया जाएगा। एक जुलाई से जब नए मामले दर्ज किए जाएंगे, तो उन पर बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धाराएं लागू होंगी। सभी को इन धाराओं का पालन करना होगा। अब नए मामलों को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धाराओं के तहत निपटाया जाएगा।

तीन नए आपराधिक कानून लागू होने पर पुडुचेरी की पूर्व एलजी और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा कि इससे मुझे जो सबसे बड़ा लाभ दिखाई देता है, वह यह है कि इससे पुलिस को जवाबदेही, पारदर्शिता, तकनीक, पीड़ितों के अधिकार, अदालतों में त्वरित सुनवाई, अभियुक्तों के अधिकारों के लिए पुनः प्रशिक्षण मिल रहा है। 

तीन नए विधेयक
भारतीय दंड संहिता में 511 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में धाराएं 358 रह गई हैं। संशोधन के जरिए इसमें 20 नए अपराध शामिल किए हैं, तो 33 अपराधों में सजा अवधि बढ़ाई है। 83 अपराधों में जुर्माने की रकम भी बढ़ाई है। 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है। छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।

पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा से मिली मंजूरी
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को 12 दिसंबर 2023 को केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन संशोधित आपराधिक विधियकों को पेश किया था। इन विधेयकों को लोकसभा ने 20 दिसंबर, 2023 को और राज्यसभा ने 21 दिसंबर, 2023 को मंजूरी दी। 

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बने कानून
राज्यसभा में विधेयकों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए जाने के बाद ध्वनि मत से पारित किया गया था। इसके बाद 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद विधेयक कानून बन गए। लेकिन इनके प्रभावी होने की तारीख 1 जुलाई, 2024 रखी गई। संसद में तीनों विधेयकों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इनमें सजा देने के बजाय न्याय देने पर फोकस किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *