शाही में फिर महिला की हत्या: गन्ने के खेत में मिला शव, वारदात का वही तरीका, इलाके में लौटा सीरियल किलर का डर

बरेली/ बरेली के शाही थाना क्षेत्र के गांव बुझिया जागीर में शेरगढ़ के हौसपुर निवासी सोमपाल की पत्नी अनीता (45) की हत्या कर शव गन्ने के खेत में फेंक दिया गया। प्राथमिक तौर पर हत्या वैसी ही बताई जा रही है, जैसे पिछले साल नौ महिलाओं को मारा गया था। साड़ी से ही महिला का गला कसा गया है। लूट की खातिर हत्या की आशंका भी जताई जा रही है। मंगलवार शाम शव मिलने के बाद फॉरेंसिक टीम व डॉग स्क्वॉड ने मौके का मुआयना किया। एसएसपी ने मौके पर जाकर जानकारी ली और जल्द राजफाश करने के निर्देश दिए।बुझिया जागीर गांव निवासी बीरेंद्र मंगलवार शाम सात बजे अपने खेत पर काम कर रहे थे। उनकी निगाह पास में गन्ने के खेत में गई तो वह सिहर उठे। वहां महिला की लाश पड़ी थी। उन्होंने गांव जाकर प्रधान के पति राजकुमार गुप्ता को जानकारी दी तो वह कुछ ग्रामीणों के साथ खेत पर आ गए। शव करीब 15 मीटर अंदर पड़ा था। देखने लगा कि जैसे उसे घसीटकर डाला गया। लग रहा था कि किसी ने गला घोंटकर उसकी हत्या की है। कपड़े अस्त व्यस्त होने से काफी संघर्ष की आशंका जताई जा रही है।

थैली में मिले कपड़े और पासबुक 
सूचना पर थानाध्यक्ष शाही अमित कुमार बालियान मौके पर पहुंचे और फॉरेंसिक टीम बुला ली। महिला लाल रंग का ब्लाउज व हल्के पीले रंग की छींटदार साड़ी पहने थी। उसके बाएं हाथ पर अनीता लिखा हुआ है। शव से कुछ दूरी पर एक थैली मिली, जिसमें उसके कुछ कपड़े, बैंक की पासबुक और एक आधार कार्ड मिला। इसमें अनीता देवी पत्नी सोमपाल निवासी हौसपुर थाना शेरगढ़ लिखा था। पुलिस पति सोमपाल को बुलाकर लाई तो उन्होंने शिनाख्त कर ली। 

एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि शाही क्षेत्र में महिला का शव मिला है। उसकी हत्या की आशंका जताई जा रही है। पुराने मामलों से इसका जुड़ाव तो नहीं है, इसकी भी जांच कराई जाएगी। 

नौ महिलाओं की एक ही तरीके से हुई थी हत्या 
शाही व शीशगढ़ थाना क्षेत्र में पिछले साल सिलसिलेवार नौ महिलाओं की हत्या की गई थी। ये मामले पुलिस के लिए आज भी सिरदर्द बने हुए हैं। गांव लखीमपुर की महमूदन, कुल्छा की धानवती, सेवा ज्वालापुर की वीरावती, खजुरिया निवासी कुसुमा देवी, शाही के मुबारकपुर की शांति देवी, आनंदपुर की प्रेमवती, मीरगंज थाना क्षेत्र के गांव गूला की रेशमा व शाही के खरसैनी की दुलारी देवी की पांच महीने में जान चली गई थी। 

अधिकतर महिलाओं के गले में फंदा कसा मिला था। कुछ के शव खराब हो चुके थे तो पुलिस विसरा रिपोर्ट के बहाने हत्या की बात खारिज कर दी। शुरू के एक मामले में परिजनों ने न तहरीर दी और न पोस्टमार्टम कराया। बाकी में कुछ हत्याओं का खुलासा किया गया। पर उनके सटीक होने पर भी संदेह है। तीन मामलों में खुलासे को लेकर पुलिस आज तक माथापच्ची कर रही है। 

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