100 KM की रफ्तार…स्कूटी को उड़ाया, 20 मीटर दूर गिरीं थीं मां-बेटी, नाबालिग व पिता गिरफ्तार
कानपुर/ कानपुर में बिगड़ैल नाबालिग छात्र ने कार से स्टंटबाजी करते हुए एक हंसते-खेलते परिवार की खुशियों को रौंद डाला। शुक्रवार दोपहर को साकेतनगर में टेलीफोन एक्सचेंज रोड पर 100 की स्पीड से लग्जरी कार दौड़ाकर एक स्कूटी को उड़ा दिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि स्कूटी चला रही महिला और पीछे बैठी आठवीं में पढ़ने वाली बेटी उछलकर करीब 20 मीटर दूर जाकर गिरीं। हादसे में महिला की मौत हो गई, जबकि बेटी का बायां पैर और कूल्हा टूट गया है।
कार में एक अन्य नाबालिग छात्र और दो छात्राएं भी थीं। कहा जा रहा कि लड़कियों को दिखाने के लिए नाबालिग ने कार तेज रफ्तार से दौड़ाई और स्कूटी सामने आने पर हैंडब्रेक लगा दी। इस वजह से कार काफी दूर तक घिसटी और स्कूटी को चपेट में ले लिया। मृतका के पति की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर नाबालिग चालक और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, 12वीं में पढ़ने वाला सेन पश्चिमपारा के सागरपुरी निवासी करीब 17 साल का छात्र एक दोस्त और दो छात्राओं को लेकर गंगा बैराज पर मैगी खाने जा रहा था। वहीं, किदवईनगर थाना क्षेत्र के बांके बिहारी इंक्लेव उस्मानपुर निवासी भावना मिश्रा (42) बेटी मेधावी को कोतवाली के पास होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. हर्ष निगम को दिखाने जा रहीं थीं। मेधावी के चेहरे पर एक मस्सा है।
सिर के बल गिरने से टूट गया था हेलमेट
भावना के पति अनूप मिश्रा नवीन मार्केट एचडीएफसी बैंक की कारपोरेट शाखा में सीनियर मैनेजर हैं। मेधावी सेंट थॉमस स्कूल किदवईनगर में कक्षा आठ की छात्रा है। मां-बेटी दरोगा पार्क के पास पहुंचीं थीं कि तभी सामने से आ रही अनियंत्रित कार ने जोरदार टक्कर मार दी। उछलकर सिर के बल गिरने से भावना का हेलमेट भी टूट गया। तेज रफ्तार कार वहां खड़ी नगर निगम के सेवानिवृत्त इंजीनियर यमुना सिंह की ब्रेजा कार से टकराने के बाद रुक गई।
नाबालिग को राहगीरों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा
कार का एक पहिया फट गया और पिछला शीशा टूट गया। उधर, घायल मां-बेटी को गंभीर अवस्था में गोविंदनगर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। यहां कुछ देर बाद भावना की मौत हो गई। बच्ची का इलाज अभी भी चल रहा है। उधर, कार चालक नाबालिग को राहगीरों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
छात्र स्कूल के बहाने तो छात्राएं कोचिंग के बहाने घर से निकलीं
कार चला रहा नाबालिग और उसका दोस्त मेदर टेरेसा स्कूल की ड्रेस पहने थे। पूछताछ में पता चला है कि दोनों छात्र स्कूल तो छात्राएं कोचिंग के बहाने घर से निकली थीं। कार से नाबालिग चालक के एक जोड़ी कपड़े भी बरामद हुए हैं। नाबालिग के पिता अशोक कुमार मौर्या पेट्रोल पंप की मशीनों का मेंटीनेंस करने वाली कंपनी में ऑपरेटर हैं।
दिनभर कार से घूमते रहे छात्र, दोपहर बाद को छात्राओं को लिया
पकड़े गए नाबालिग छात्र ने बताया कि वह कोयलानगर स्थित मदर टेरेसा स्कूल में इंटर का छात्र है। इससे पहले वह किदवईनगर मदर टेरेसा में पढ़ता था। सुबह घर से स्कूल जाने की बात कहकर कार से निकला था। पहले से तय प्लान के मुताबिक किदवईनगर शाखा में पढ़ने वाले यशोदानगर निवासी साथी को बुलाया। इसके बाद दिनभर घूमते रहे। दोपहर बाद साकेतनगर स्थित सुभाष कॉलेज के पास से दोनों छात्राओं को बैठाया, जो कोचिंग जाने की बात कहकर निकली थीं। सभी ने बैग एक परिचित के यहां रख दिए और गंगा बैराज जा रहे थे, तभी हादसा हो गया।
भीड़ का फायदा उठाकर चली गईं छात्राएं और दूसरा छात्र
फार्मा कंपनी के जोनल मैनेजर रामसिंह के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में हादसा कैद हो गया। आसपड़ोस के लोगों ने बताया कि कार में दो किशोर स्कूली यूनिफार्म में थे और पीछे सीट पर बैठी दोनों किशोरियां सामान्य कपड़ों में थीं। आगे की सीट पर एक जींस और टीशर्ट रखी थी। राहगीरों के मुताबिक पीछे बैठीं किशोरियां घबरा गईं और रोने लगीं। सभी को मामूली खरोंच भी आईं थीं। इसके बाद भीड़ का फायदा उठाकर किशोरियां और छात्र कहीं चले गए। लोगों ने महिला की स्कूटी सामने रहने वाले सेवानिवृत्त इंजीनियर यमुना सिंह के घर में खड़ी करा दी है।
बहन के नाम कार, नाबालिग के हाथ रहती स्टीयरिंग
हादसे का कारण बनी सियाज कार नाबालिग की बहन अर्पिता के नाम है। किशोर के मुताबिक उसे कार चलाने का शौक है। अकेले कहीं जाना हो या पूरे परिवार के साथ जाना हो, कार वही चलाता था। पिता दोपहिया वाहन का इस्तेमाल करते हैं।
नाबालिग को भेजा बाल सुधार गृह, पिता को जमानत पर छोड़ा
डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार ने बताया कि किदवईनगर थाने में आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 281 (रैश ड्राइविंग से नुकसान पहुंचाना), 125 (दूसरे के जीवन को खतरे में डालना), 106(1) (बिना सोचे समझे लापरवाही में ऐसा कार्य करना, जिससे किसी की मृत्यु हो जाए) और 324 (1) (किसी की संपत्ति को जानबूझकर गलत तरह से नुकसान पहुंचाना) में एफआईआर दर्ज की गई है। उसके पिता को भी बीएनएस 106 (लापरवाही के कारण मृत्यु हो जाना) का दोषी माना है। नाबालिग को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया है, जबकि पिता की धारा में गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। इस कारण उसे 41 ए का नोटिस जारी कर थाने से जमानत दी गई है।
घटनास्थल पर शाम पांच बजे तक खड़ी थी कार
हादसे के 24 घंटे से अधिक समय बाद भी महिला की जान लेने वाली कार घटनास्थल पर खड़ी थी। पुलिस अफसरों का कहना था कि हादसे के बाद कार को कब्जे में लेकर थाने में खड़ा करा लिया गया है। शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे हादसा हुआ, लेकिन शनिवार शाम पांच बजे तक वहीं खड़ी दिखी।
प्रबंधन को भेजा गया नोटिस, बाकी छात्र-छात्राओं के परिजन भी तलब
आरोपी नाबालिग मदर टेरेसा स्कूल यशोदानगर का 12वीं का छात्र है। एडीसीपी ट्रैफिक शिवा सिंह ने बताया कि कार लेकर छात्र स्कूल आया था या नहीं, अगर आया तो उसे रोका क्यों नहीं गया। उसके अभिभावकों को बुलाकर जानकारी क्यों नहीं दी गई समेत कई बिंदुओं पर जानकारी लेने के लिए स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है। वहीं, हादसे के वक्त जो नाबालिग छात्र-छात्राएं कार में थे, उनके भी अभिभावकों को नोटिस देकर बुलाया गया है।
स्कूल प्रबंधन का जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी
उन्हें भी पूरे मामले की जानकारी दी जाएगी। एडीसीपी ने बताया कि स्कूल प्रबंधन से भी कहा जाएगा कि बच्चे वाहन लेकर स्कूल आ रहे हैं, तो उन्हें रोका क्यों नहीं जा रहा है। स्कूल प्रबंधन का जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। एडीसीपी ने बताया कि सोमवार से फिर अभियान चलाकर नाबालिग वाहन चालकों पर कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों में कार्यशालाएं की जाएगी।
वाहन चला रहे नाबालिगों के हाथों जान गंवाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी नाबालिग कई की जान ले चुके हैं। इन नाबालिगों पर सबसे पहले रोक स्कूल स्तर से ही लगनी चाहिए। इसके लिए अमर उजाला सोमवार से वृहद स्तर पर अभियान चलाएगा। -अखिल कुमार, पुलिस कमिश्नर