PM मोदी आज प्रभावित इलाकों का दौरा कर जायजा लेंगे; कुछ क्षेत्रों में रहस्यमयी आवाज से दहशत

नई दिल्ली/ केरल के भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले के कई इलाकों में रहस्यमयी आवाज से दहशत है। लोगों ने शुक्रवार सुबह धरती के नीचे से भूस्खलन की तेज आवाज और झटकों की शिकायत की। आज प्रधानमंत्री मोदी प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे।वायनाड के जिला कलेक्टर डी आर मेघश्री के मुताबिक, जिला प्रशासन ने प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों में छुट्टी का एलान करने के साथ ही सरकारी अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक, प्रभावित अंबालावायल गांव और व्यथिरी तालुक के रिहायशी इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है।

केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) भूकंपीय रिकॉर्ड की जांच के साथ ही कहीं कुछ असामान्य तो नहीं इसका पता लगाने के लिए स्थानीय स्तर पर भी जांच कर रहा है। उसके मुताबिक, अभी तक भूकंपीय रिकॉर्ड में हलचल के कोई संकेत नहीं मिले हैं। वहीं, पंचायत वार्ड के एक सदस्य का कहना था कि यह आवाज सुबह करीब 10.15 बजे सुनी गई। इससे लोगों में दहशत फैल गई। वायनाड में हालिया भूस्खलन से 226 लोग की मौत हो गई और कई अन्य लापता हो गए। 

प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को भूस्खलन प्रभावित केरल के वायनाड का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करने के साथ ही आपदा से प्रभावित लोगों का दुख-दर्द साझा करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि पीएम मोदी सुबह करीब 11 बजे कन्नूर पहुंचेंगे और फिर वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। बचाव दल उन्हें मलबे से लोगों को निकालने के प्रयासों के बारे में जानकारी देंगे। पीएम राहत शिविर और अस्पताल भी जाएंगे, जहां वह  पीड़ितों से मिलेंगे। भूस्खलन में करीब 300 लोगों की मौत हो गई थी।

खोज दल में शामिल होकर अपनों की तलाश
पहली बार अपनों की तलाश में परिजन चूरलमाला पहुंचे हैं। सबकुछ खो देने का गम और लापता लोगों के जीवित बचे होने की खत्म होती उम्मीद की पीड़ा इनके चेहरे पर साफ नजर आती है। मोहनन ऐसे ही लोगो में से एक हैं जो केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन से तबाह हुए अपने गांव की तबाही का सामना कर रहे बचे हुए लोगों के एक समूह का हिस्सा हैं।

पुनर्वास के लिए दो हजार करोड़ रुपये की जरुरत’
राज्य सरकार ने कहा कि पुनर्वास के लिए ही दो हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता है। इसमें कहा गया है कि कृषि क्षेत्र, पशुधन, घरों, इमारतों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, सड़कों और बिजली के साथ-साथ निजी संपत्तियों को भी भारी नुकसान हुआ है, और केंद्रीय टीम को आपदा प्रभावित क्षेत्र के ड्रोन वीडियो दिखाए। इस बीच, राज्य सरकार ने कहा कि जो लोग राहत शिविरों में हैं, उन्हें इस उद्देश्य के लिए पहचाने गए सरकारी क्वार्टरों समेत कई घरों में पुनर्वासित किया जाएगा।




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