युवाओं के सुनहरे भविष्य का मंच वाय -20 शिखर सम्मेलन स्वरूपानंद महाविद्यालय में सेमिनार का आयोजन

Bhilai, 27 Feb, (Swarnim Savera) ,,, भारत सरकार सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम व खेल विभाग एवं राजभवन,रायपुर द्वारा निर्देशित वाय-20 शिखर सम्मेलन के अंतर्गत स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया l महाविद्यालय को विषय दिया गया : रिसर्च एंड इनोवेशन एस ए वे ऑफ लाइफ l

राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में युवाओं के एक सुनहरे भविष्य का मंच है वाय-20 l भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। युवा विकास के लिए एक सकारात्मक शक्ति हो सकते हैं, उन्हें ज्ञान और अवसरों के साथ बढ़ने की आवश्यकता होती है। दुनिया के 10 सर्वाधिक युवा जनसंख्या वाले देशों में से अकेले 5 देश जी-20 समूह के सदस्य हैं, जिनमें भारत पहले नंबर पर आता है। 2023 में वाय 20 इंडिया समिट भारत के युवा-केंद्रित प्रयासों का उदाहरण होगा और दुनिया भर के युवाओं को अपने मूल्यों और नीतिगत उपायों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा।

कार्यक्रम में अतिथि वक्ता के रूप में डॉ सपना शर्मा सारस्वत, सहायक प्राध्यापक समाजशास्त्र, शासकीय विश्वनाथ यादव तामसकर स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग , उपस्थित रहीं l
डॉ सपना शर्मा सारस्वत ने सर्वप्रथम जी-20 अर्थात ग्रुप ऑफ 20 के बारे में बताया साथ ही बताया कि कैसे यह 19 राष्ट्र का समूह कार्य करता है l फिर उन्होंने जी-20 में युवाओं के भागीदारी के मंच वाय-20 के बारे में बताया l यह युवाओं का राष्ट्र है और देश का विकास युवाओं के हाथ में ही है l डॉ सारस्वत ने लीडरशिप क्वालिटी एंपैथी तथा सिंपैथी के बारे में समझाया l आज का युवा ही भविष्य में एक मजबूत संगठन का निर्माण करेगा l भारत की अध्यक्षता में जी-20 समूह के अंतर्गत यूथ-20 की बैठक वैश्विक युवा शक्ति के लिए एक बेहतरीन मंच होगा जिसके माध्यम से युवाओं के उन मुख्य मुद्दों पर चर्चा की जा सकेगी जो वर्तमान पीढ़ी के लिए अति लाभदायक है।
तत्पश्चात डॉ सारस्वत ने रिसर्च एवं इनोवेशन का जीवन में क्या महत्व है, इस पर प्रकाश डाला l उन्होंने कहा कि सुई से लेकर रॉकेट तक सब रिसर्च एवं इनोवेशन का ही उदाहरण है l रिसर्च एवं इनोवेशन देवभूमि भारत में प्राचीन काल से ही है जहां ऋषि मुनि अपने वेद तथा उपनिषद के ज्ञान के आधार पर नाड़ी पकड़कर बीमारी के बारे में बता देते थे l चिकित्सा जगत में भी रिसर्च एवं इनोवेशन का ही कमाल है कि आज मृत्युदर काफी कम हो गई है तथा औसत आयु बढ़ गई है l कभी ब्लैकबोर्ड भी रिसर्च एवं इन्नोवेशन का हिस्सा थी तो आज यह आईसीटी रूम भी उसी का कमाल है l जानकारी प्राप्त करने का परिपेक्ष इतना विस्तृत हो गया है मोबाइल की एक क्लिक पर दुनिया के हर कोने की जानकारी मिल जाती है l एक समय पर जब शोध करना काफी मुश्किल होता था आज मोबाइल की एक क्लिक पर इ-बुक्स की भरमार है l डॉ सारस्वत ने अपने निजी अनुभवों को साझा किया और बताया कि उनके एक फौजी साथी वेदर फोरकास्टिंग अर्थात मौसम विभाग की जानकारी को ध्यान में रखते हुए दक्षिण भारत से मध्य भारत तक खेती करने आते हैं l अर्थात क्लाइमेट चेंज को भी रिसर्च एवं इन्नोवेशन के माध्यम से बखूबी समझा जा सकता है तथा इसका उचित इस्तेमाल किया जा सकता है l अर्थात चाहे चिकित्सा हो या इंजीनियरिंग, चाहे शिक्षा हो या कृषि, चाहे वह उद्योग हो या शांति निर्माण और सुलह हर तरफ रिसर्च एंड इनोवेशन का महत्व है और केवल युवा है जो इसका सही इस्तेमाल करके देश को प्रगति की ओर ले जाएगा l
महाविद्यालय प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि वाय-20 समिट का वैश्विक स्तर पर युवाओं को बढ़ावा देगा l इस मंच से जी-20 देशों के यूथ सहित भारत द्वारा आमंत्रित अतिथि देशों के युवा भी अपने विचारों और अनुभवों को साझा कर सकेंगे। वाय-20 शिखर सम्मेलन युवाओं को रचनात्मक नीति संबंधी इनपुट प्रदान करने और विश्व भर के दर्शकों को अपनी बात रखने के लिए मंच का उपयोग करने का एक अनूठा अवसर है। 
मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के योजना से नई पीढ़ी में लीडरशिप का विकास होगा, जो उन्हें आगे चलकर अपने देश या किसी बड़े संगठन के नेतृत्व के लिए तैयार करेंगे।
सेमिनार के अंत में श्री हितेश सोनवानी, सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी ने एक प्रश्नोत्तरी रखी जिसमें विद्यार्थियों से प्रश्न पूछे गए तथा उनके प्रश्नों को भी हल किया गया l
मंच संचालन श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी ने किया l
धन्यवाद ज्ञापन तथा इस कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री हितेश सोनवानी, ने विशेष योगदान दिया

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