पूर्व उप मुख्यमंत्री के बेटे, बहू और पोती की हत्या के मामले में पांच आरोपियों को आजीवन कारावास
कोरबा/ अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर, पत्नी सुमित्रा कंवर और बेटी आशी कंवर की तीन साल पहले उसके घर के अंदर घूसकर योजना बनाकर बेरहमी से हत्या करने का मामला कुछ साल पहले सामने आया था। इस घटना से प्रदेश में सनसनी फैल गई थी,अब इस मामले में तीन साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों में मृतक के बड़े भाई का साला और एक महिला सहित कुल पांच लोग शामिल हैं.।मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी, जिसके आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।सरकारी अभिभाषक कृष्णा द्विवेदी ने बताया कि हरीश कंवर और उनके परिवार के अन्य सदस्य की निर्मम हत्या की गई थी. तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदेश्वर की पीठ ने मामले की सुनवाई की गई।
अभियोजन पक्ष ने सभी साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिनके आधार पर न्यायालय ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला हत्याकांड के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है.
मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी, जिसके आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. सरकारी अभिभाषक कृष्णा द्विवेदी ने बताया कि उपमुख्यमंत्री प्यारेलाल कंवर के पुत्र हरीश कंवर और उनके परिवार के अन्य सदस्यों की निर्मम हत्या की गई थी. कोर्ट के फैसले के बाद, कृष्णा द्विवेदी ने कहा कि इस मामले में कुल पांच आरोपियों को सजा दी गई है, जिनमें एक महिला और चार पुरुष शामिल हैं. तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदेश्वर की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. मामले में अभियोजन पक्ष ने सभी साक्ष्य प्रस्तुत किए थे, जिन्हें न्यायालय ने संज्ञान में लिया और सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
21 अप्रैल 2021 को उरगा थाना क्षेत्र के भैंसमा गांव में चौक के पास घर के अंदर हुआ था. स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर, पत्नी सुमित्रा कंवर और बेटी आशी कंवर की हत्या सुबह के समय कर दी गई थी. तत्कालीन गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे. मामले में कुछ ही घंटों में पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जिसमें पता चला कि हत्यारा मृतक के बड़े भाई का साला था. मामले में गहराई से जांच करते हुए पुलिस ने अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था. ट्रिपल मर्डर मामले में तत्कालीन गृहमंत्री ने बताया था कि प्रारंभिक पूछताछ में पैसों का लेन-देन मामला सामने आया था।
इस घटना का बाद पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे आरोपियों ने घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए थे जहां इस मामले में एक आरोपी के हाथ मे चोंट आई थी जो ईलाज कराने पास के ही सरकारी अस्पताल में पहुंचा हुआ था पुलिस को सूचना मिली जहां मौके पर पहुंच उसे गिरफ्तार किया और पूछताछ शुरू कर आगे की कार्रवाई की गई थी।