गुणों,शक्तियों, स्नेह ,सहयोग, शांति, खुशी के अविनाशी रंग सभी को सदा लगाते रहो….

परमात्म संग के रंग में  सदा रह  सब वैर विरोध विस्मृत कर आत्मिक स्वरूप की स्मृति में रहना ही सर्वश्रेष्ठ होली मनाना है…

भिलाई 10 मार्च 2023 (Swarnim Savera) :- होली के अर्थ स्वरूप में स्थित हो कर  देह भान, अभिमान ,अहंकार को समाप्त कर सच्ची होली मनानी है|  जो कुछ पास्ट हुआ अर्थात बीती सो बीती | पुराने संस्कारों की होली जलाकर श्रेष्ठ गुणों के रंगों से अलौकिक होली मनाओ | उक्त उदगार सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडीटोरियम में प्रातः राजयोग सत्र के पश्चात भिलाई सेवाकेंद्रो की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी  ने कही |

 आपने बताया की गुणों,शक्तियों, स्नेह ,सहयोग, शांति, खुशी के अविनाशी रंग सभी को सदा लगाते रहो|  व्यर्थ कमजोरी के संकल्पों, दुख देने वाले संस्कारों का होलिका दहन करो |

परमात्मा पिता के संग के रंग में  सदा रहे तो सब वैर विरोध विस्मृत हो आत्मिक स्वरूप का भान रहता है यह होली सर्वश्रेष्ठ होली है | आत्मिक स्मृति  का तिलक लगाकर गुलाबाशि एवं खुशियों की पिचकारी से संस्कार मिलन की रास द्वारा उमंग उत्साह से होली पर्व मनाया गया|

 संध्या होली स्नेह मिलन में डिवाइन ग्रुप के बच्चों द्वारा जैसा होगा अन्न वैसा होगा मन, जैसा पानी वैसी वाणी, जीवन में सात्विक भोजन का महत्व एवं फ्लाइ, क्लेप, वाक्, डांस, जंप, उल्टा पुल्टा दिमागी कसरत, नेता जी की जय हो, शांति की तलाश, गप्पू बाबा जाने मन की बात, मनमत, परमत एवं श्रीमत शिक्षाप्रद हास्य नाटक प्रस्तुत किया गया|

भावनात्मक हृदयस्पर्शी नाटक द्वारा  दर्शाया गया की धन कमाने की अंधी दौड़ में सद्भावना, धैर्यता, ईमानदारी, नम्रता जैसे गुणों को दरकिनार कर और झूठ, छल कपट, बेईमानी, भ्रष्टाचार से कमाया गया धन जीवन के अंतिम समय में पश्चाताप एवं दुख अशांति ही लाता है|

गणेश जी द्वारा डमरु एवं पिचकारी से  नृत्य करते हुए सन्देश दिया गया की पिज्जा बर्गर को छोड़ भारतीय भोजन पद्धति एवं योगयुक्त जीवन शैली को जीवन में धारण करने का संदेश दिया|

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed