अंग्रेजी स्कूलों में संविदा शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर उठे सवाल

प्रायमरी और मिडिल शिक्षा की जानकारी नहीं मांगी आवेदकों से =
= प्रधान पाठक पद के लिए टीईटी
की भी अनिवार्यता भी नहीं रखी गई =
= बस्तर जिले में जारी है भर्ती का खेल, कांकेर में भी नियमों की हुई जमकर अनदेखी =
-अर्जुन झा-
जगदलपुर 11 March, (Swarnim Savera) । अंग्रेजी माध्यम पूर्व माध्यमिक शालाओं में शिक्षक व प्रधान पाठक पदों और हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में व्याख्याता पदों के लिए की जा रही संविदा नियुक्ति प्रक्रिया विवादों में घिर गई है। इन पदों पर भर्ती के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं, उन पर सवाल उठ रहे हैं। बस्तर संभाग के बस्तर और कांकेर शैक्षणिक जिलों की भर्ती प्रक्रिया संबंधित अधिकारियों की मंशा पर शक पैदा कर रही है। बस्तर जिले में भर्ती प्रक्रिया में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। वहीं कांकेर जिले में भी नियमों की जमकर अनदेखी की गई है।
बस्तर जिले के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम पूर्व माध्यमिक विद्यालय किलेपाल, तोकापाल, दरभा, लोहंडीगुड़ा, बस्तर, करपावंड में संविदा सहायक शिक्षक कला, विज्ञान, संविदा शिक्षक गणित, संविदा शिक्षक विज्ञान, प्रधान पाठक और स्वामी विवेकानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम उच्चतर माध्यमिक शाला जगदलपुर में गणित, जीव विज्ञान, अंग्रेजी, वाणिज्य विषयों के लिए व्याख्याताओं और संविदा प्रयोगशाला सहायक पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया है। कलेक्टर एवं अध्यक्ष उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय संचालन प्रबंधन समिति जिला बस्तर तथा जिला शिक्षा अधिकारी बस्तर द्वारा भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। पदवार इंटरव्यू 12 एवं 13 मार्च को निर्मल विद्यालय जगदलपुर में सुबह 10. 30 बजे से आयोजित है। कहने को तो अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, लेकिन आवेदकों ने बुनियादी शिक्षा प्राथमिक व माध्यमिक शाला में अंग्रेजी या हिंदी माध्यम से प्राप्त की भी है या नहीं, यह पूछने की जरूरत महसूस नहीं की गई है। अगर आवेदकों ने प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक तक की पढ़ाई हिंदी माध्यम से की होगी, तो सवाल यह उठता है कि क्या वे संविदा शिक्षक बनकर बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में उत्कृष्ट शिक्षा दे पाएंगे? दरअसल आवेदकों से पांचवी और आठवीं की शिक्षा की जानकारी मांगी ही नहीं गई है। उनसे सीधे दसवीं बोर्ड, बारहवी बोर्ड और ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन संबंधी दस्तावेज ही मांगे गए हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि संविदा शिक्षक बनने के बाद ये अभ्यर्थी विद्यार्थियों का भविष्य गढ़ने में किस हद तक सक्षम साबित हो पाएंगे ? वहीं पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक पद के लिए शैक्षणिक योग्यता पोस्ट ग्रेजुएट निर्धारित की गई है। छठवीं से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए ग्रेजुएएशन को ही पर्याप्त माना जाता है। अब तक प्रधान पाठक के लिए पांच साल का अनुभव ही पर्याप्त माना जाता रहा है। टीईटी की अनिवार्यता मिडिल स्कूल प्रधान पाठक पद के लिए रखी ही नहीं गई है, जबकि नियमानुसार प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शालाओं में अध्यापन सेवा देने के लिए टीईटी की अनिवार्यता होनी ही चाहिए। इसी तरह कांकेर शैक्षणिक जिले में तो प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शालाओं में संविदा भर्ती के लिए टीईटी की अनिवार्यता को ही तिलांजलि दे दी गई है। उत्तर बस्तर कांकेर जिले में नोडल अधिकारी भर्ती सेल उत्कृष्ट विद्यालय प्रबंधन एवं संचालन समिति उत्तर बस्तर कांकेर द्वारा 29 जून 2022 को आदेश जारी कर स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय सरोना, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, चारामा, नरहरपुर, हरनगढ़, दुर्गूकोंदल, नरहरदेव में 65 पदों पर संविदा शिक्षक भर्ती के लिए 27 जुलाई 2022 तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इन पदों पर भर्ती के लिए सारे नियम कायदों को ताक पर रख दिया गया। इस तरह देखा जाए तो एक ही संभाग में संविदा शिक्षकों की भर्ती के लिए अलग – अलग नियम तय किए गए हैं। इससे सवाल उठ रहा है कि ऐसा किसके आदेश पर किया जा रहा है, कहीं भर्ती में मनमानी तो नहीं की जा रही है ?
टीईटी की अनिवार्यता क्यों नहीं ?
संविदा आधार पर सहायक शिक्षकों, प्रधान पाठकों और व्याख्याताओं की भर्ती के के लिए अपनाए जा रहे दोहरे मापदंड ने शिक्षा जगत में जबरदस्त हलचल मचा दी है। शिक्षक, प्रधान पाठक बनने के लिए अभ्यर्थी का टीचर एलिबिलिटी टेस्ट ( टीईटी ) उत्तीर्ण करना जरूरी होता है। संविदा शिक्षक भर्ती के लिए यह टेस्ट उत्तीर्ण होना जरूरी क्यों नहीं किया गया है? संविदा भर्ती करने वाले अधिकारियों द्वारा बनाए गए नए नियम से जो लोग टीईटी उत्तीर्ण करने के बाद ही नियमित शिक्षक बन पाए हैं, उनमें आक्रोश देखा जा रहा है। उनका कहना है कि नियमों को शिथिल कर नियुक्त किए जा रहे संविदा शिक्षक और व्याख्याता बच्चों को स्तरीय शिक्षा हरगिज नहीं दे पाएंगे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed