अडानी समूह पर एलआईसी के 6, 182 करोड़ 64 लाख बकाया

बस्तर के सांसद दीपक बैज के प्रश्न पर संसद में सरकार ने दिया जवाब =
= समूह के छत्तीसगढ़ के रायपुर व रायगढ़ स्थित कंपनियों पर 191 करोड़ का है कुल ऋण एक्सपोजर =
बस्तर 13 March, (Swarnim Savera) । बस्तर के सांसद दीपक बैज ने सोमवार को संसद में अडानी समूह पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों की बकाया रकम के बारे में जानकारी सरकार से मांगी। इसके जवाब में सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि अडानी समूह की कंपनियों पर एलआईसी की ऋण एकस्पोजर राशि कुल 6 हजार 182 करोड़ 64 लाख रु. है।
सांसद दीपक बैज ने तारांकित प्रश्न के जरिए केंद्र सरकार से अडानी समूह पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों व बीमा कंपनियों की देनदारियों की जानकारी मांगी। श्री बैज ने पूछा था कि क्या बैंकों ने अडानी समूह को दिए गए ऋण की वसूली में शामिल जोखिमों का आकलन किया है, जिससे उनकी कुल अस्तियों व बाजार पूंजीकरण में काफी कमी आ गई है? उन्होंने कारण सहित पूरा ब्यौरा सरकार से मांगा था। इसके जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों के हवाले से बताया है कि रिजर्व बैंक अन्य बैंकों द्वारा प्रदत्त ऋण की जानकारी सार्वजनिक या प्रकटीकरण के लिए प्रतिबंधित है। वित्त मंत्री ने बताया कि भारतीय जीवन बीमा निगम का ऋण एक्सपोजर अडानी समूह की कंपनियों पर 31 दिसंबर 2022 की स्थिति में 6, 337. 42 करोड़ और 5 मार्च 2023 की स्थिति में 6, 182. 64 करोड़ रु. है। सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य पांच साधारण बीमा कंपनियों का अडानी समूह पर कोई ऋण एक्सपोजर नहीं है।वित्त मंत्री ने कहा बैंकों ने सूचित किया है कि परियोजनाओं की अर्थ क्षमता, संभावित नकदी प्रवाह, जोखिम संबंधी घटकों का मूल्यांकन करने और पर्याप्त प्रतिभूति की उपलब्धता के बाद ही ऋण स्वीकृत किए जाते हैं और ऋणों का पुनः भुगतान परियोजना द्वारा अर्जित राजस्व द्वारा सुनिश्चित किया जाता है, न कि बाजार पूंजीकरण द्वारा। वित्त मंत्री ने आरबीआई से प्राप्त सूचना के आधार पऱ बताया कि बैंकों को जोखिम से बचाने के लिए इससे वृहद एक्सपोजर ढांचे को लागू किया गया है। जिसमें बैंकों द्वारा किसी एक ही काउंटर पार्टी में और संबंधित काउंटर पार्टियों के समूह में एक्सपोजर की सीमा को बैंक के पात्र पूंजी आधार का 20प्रतिशत और अपवाद की स्थिति में 25प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। इसे 25 प्रतिशत तक ही सीमित रखा गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि 31 दिसंबर 2022 की स्थिति में एलआईसी का ऋण एकस्पोजर अडानी समूह के अडानी पोर्ट एंड एसईजेड पर 5, 553. 27 करोड़, 5 मार्च 2023 की स्थिति में 5, 388. 60 करोड़, अडानी पॉवर मुंद्रा लिमि. पर क्रमशः 266. 46 करोड़ और 266. 46 करोड़, अडानी पॉवर फेज – 1 महाराष्ट्र पर क्रमशः 81. 60 करोड़ व 81. 60 करोड़ अडानी पॉवर फेज 3 महाराष्ट्र पर क्रमशः 254. 87 करोड़ व 254. 87 करोड़, रायगढ़ एनर्जी जनरेशन लिमि. पर क्रमशः 45.44 करोड़ व 45.44 करोड़ तथा रायपुर इनर्जेन लिमि. पर क्रमशः 145.67 व 145. 67 करोड़ का ऋण एक्सपोजर रहा है

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