आदिवासियों और मसीहियों के बीच जमकर संघर्ष, कई घायल

धर्मांतरित आदिवासी महिला के अंतिम संस्कार को लेकर चल रहे विवाद ने लिया उग्र रूप
= भेजरीपदर गांव में भारी पुलिस बल तैनात, बड़े अधिकारी भी पहुंचे
= ननकीराम कंवर समेत अनेक वरिष्ठ भाजपा नेता हालात जानने पहुंचे
तोकापाल 21 March, (Swarnim Savera) । बस्तर जिले की तोकापाल जनपद पंचायत का भेजरीपदर गांव सुलग उठा है। ईसाई धर्म अपना चुकी गांव की एक महिला के शव के अंतिम संस्कार को लेकर उपजे विवाद ने मंगलवार को उग्र रूप ले लिया। दोनों समुदायों के लोग आक्रामक हो उठे और एक दूसरे पर पत्थर बरसाने लगे। पथराव में चार पुलिस कर्मियों समेत दोनों समुदायों के अनेक लोग घायल हुए हैं। जख्मी पुलिस कर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालात को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी गांव में डेरा डाले हुए हैं।
बस्तर संभाग में इन दिनों धर्मांतरण को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गांव – गांव से आदिवासियों और मसीही समुदाय के लोगों के बीच आएदिन विवाद की खबरें आती रहती हैं। इसी क्रम में परपा थाना क्षेत्र और तोकापाल जनपद पंचायत क्षेत्र के भेजरीपदर गांव में रविवार को 45 वर्षीय महिला माते बेको पति मोसू बेको की मौत हो गई थी। माते बेको धर्म परिवर्तन कर ईसाई बन गई थी। धर्मांतरित माते बेको के शव को उसके परिजन आदिवासियों के लिए आरक्षित श्मशानघाट में अंतिम संस्कार के लिए ले गए थे। परिजन शव को वहीं दफनाना चाहते थे। आदिवासी समुदाय के लोग एकजुट होकर इसका विरोध करने लगे। माते बेको के परिजनों के समर्थन में ईसाई समुदाय के लोग सामने आ गए। बात बिगड़ती चली गई और दोनों समुदायों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। दोनों पक्षो में जमकर पत्थरबाजी होने लगी। हालात को देखते हुए डीआरजी, तीन थानों के पुलिस बल समेत अन्य सुरक्षा बल गांव में तैनात कर दिए गए। स्थिति सम्हालने के फेर में चार पुलिस जवान पथराव में घायल हो गए। इसके अलावा दोनों समुदायों के भी कुछ लोगों को चोटें आने की खबर है। तोकापाल के प्रभारी एसडीएम तथा पुलिस व जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी भेजरीपदर में डटे रहकर हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
इस गांव में ईसाई समुदाय एवं आदिवासी समुदाय के बीच में विवाद की यह पहली घटना है। विवाद के बाद प्रशासनिक और पुलिस प्रशासन ने इस गांव को सुरक्षात्मक दृष्टि से छावनी में तब्दील कर दिया है और दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। समझाइश के बाद महिला के शव को परिजनों की निजी जमीन में दफना दिया गया है। मामला सुलझाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ईसाई समुदाय एवं आदिवासी समुदाय के लोगों से लगातार बातचीत कर रही है। अब भी गांव में पुलिस बल तैनात है।
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बस्तर में लगातार हो रही हैं ऐसी घटनाएं
बस्तर संभाग में बड़े पैमाने पर आदिवासियों का धर्मान्तरण हुआ है। इसे लेकर आदिवासी समुदाय तथा ईसाई समुदाय के लोगों के बीच टकराव के हालात बनते रहते हैं। संभाग के नारायणपुर में कूछ माह पहले इन्हीं दोनों समुदायों के बीच उपजे विवाद की परिणति भीषण संघर्ष के रूप में सामने आई थी। वहां कई दिनों तक तनावपूर्ण हालात बने रहे। इस विवाद को बड़ी मुश्किल से शांत किया जा सका था। बस्तर जिले के बकावंड विकासखंड के ग्राम मालगांव में भी धर्म परिवर्तित कर चुकी एक महिला के अंतिम संस्कार को लेकर आदिवासी और ईसाई समुदाय के लोग आमने सामने हो गए थे। इस महिला की मौत छुई मिट्टी खदान धंसने से हुई थी। मृतका के परिजन अंतिम संस्कार ईसाई परंपरा के अनुसार करना चाहते थे, लेकिन आदिवासी समुदाय अपनी रीति के अनुसार अंत्येष्टि कराने पर अड़े हुए थे। चूंकि महिला पहले आदिवासी समुदाय की थी और धर्मान्तरित होकर ईसाई बन गई थी, इसलिए आदिवासी समुदाय अड़ा हुआ था। प्रशासनिक अधिकारियों की समझाईश के बाद बड़ी मुश्किल से मामला शांत हो पाया था। वहीं किलेपाल में आदिवासी समुदाय के भाजपा नेता की रहस्यमी परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर भी आदिवासियों और ईसाई समुदाय के लोगों में जमकर विवाद हुआ था। किलेपाल में तब तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी।
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भाजपा का प्रतिनिधि मंडल पहुंचा भेजरीपदर
भेजरीपदर में आदिवासियों और ईसाई समुदाय के लोगों के बीच टकराव और संघर्ष की जानकारी मिलने पर बस्तर एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न भागों से भाजपा से जुड़े अनेक वरिष्ठ आदिवासी नेता जगदलपुर पहुंच गए। बाद इन नेताओं का दल भेजरीपदर रवाना हो गए। इन नेताओं में पूर्व मंत्री द्वय ननकीराम कंवर व केदार कश्यप, दिनेश कश्यप, राजाराम तोड़ेम, बैदूराम कश्यप, लच्छूराम कश्यप, रूपसिंह मंडावी, पूर्व विधायक संतोष बाफना, संजय पाण्डेय, महेश कश्यप, शिवनारायण पाण्डेय, सुधीर पाण्डेय, तेजपाल शर्मा आदि शामिल थे। इन नेताओं ने भेजरीपदर के आदिवासी समुदाय के लोगों से चर्चा कर वस्तुस्थिति जानने का प्रयास किया।
प्रताड़ित किए जा रहे आदिवासी : लच्छूराम कश्यप
चित्रकोट के पूर्व विधायक एवं आदिवासी नेता लच्छूराम कश्यप ने आरोप लगाया है कि भेजरीपदर के आदिवासियों को प्रशासन के अधिकारी और मिशनरी के लोग प्रताड़ित कर रहे हैं। ईसाई समुदाय द्वारा किए गए हमले में चार पांच आदिवासियों को काफी चोटें आई हैं। आदिवासियों के श्मशान घाट में धर्म बदल कर ईसाई बन चुकी महिला के शव को दफनाने का प्रयास कर आदिवासियों को उकसाया गया। इसके बाद आदिवासियों पर हमला कर दिया गया। श्री कश्यप ने कहा कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पीड़ित आदिवासियों की फरियाद सुनने को तैयार नहीं हुए और ईसाई समुदाय के समर्थन में खड़े हो गए। इस तरह गांव के निरीह आदिवासियों को दोनों तरफ से प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को पक्षपात नहीं करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि श्री कश्यप भेजरीपदर पहुंचे भाजपा नेताओं के प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे।

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