सच कभी छुपता नहीं: स्वयं को मृत दिखाने के लिए की थी सहेली की हत्या,समय जरूर लगा, लेकिन दोषी को हुई सजा हुई

पानीपत 30 मार्च,(स्वर्णिम सवेरा)। हरियाणा के पानीपत शहर के बहुचर्चित सिमरन हत्याकांड की दोषी ज्योति को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। ज्योति ने खुद को मरा दिखाने के लिए अपनी सहेली सिमरन की हत्या कर उसके चेहरे को तेजाब से जला दिया था ताकि वह पहचान में न आए। शव के पास अपना कॉलेज का आई कार्ड व मोबाइल छोड़ दिया था। पुलिस ने चार दिन बाद ही पूरे मामले का पटाक्षेप कर दिया था।
दोषी ज्योति पर अदालत ने 65 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश गगनदीप मितल की अदालत ने 26 गवाहों को सुनने के साढ़े पांच साल बाद फैसला सुनाया है। इस वारदात के दूसरे आरोपी ज्योति के प्रेमी कृष्ण निवासी गांव अटावला की नवंबर 2019 में जेल में टीबी से मौत हो गई थी।
2017 में सिमरन पुत्री आलोक दूबे एसडी कॉलेज में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। वह एनएसएस की स्वयं सेविका भी थी। एसडी कॉलेज का ही बीए तृतीय वर्ष का छात्र अटावला गांव निवासी कृष्ण पुत्र बिजेंद्र कॉलेज का एनएसएस इंचार्ज था। जनवरी 2017 में आर्य कॉलेज में एनएसएस का कैंप लगा था। यहां कृष्ण की मुलाकात आर्य कॉलेज की बीए तृतीय वर्ष की छात्रा ज्योति से हुई। दोनों में प्यार हो गया। दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। क्राइम पेट्रोल सीरियल देखकर दोनों ने प्लान बनाया कि वे अपनी कद काठी के एक युवक व युवती की हत्या करेंगे और फिर उनके चेहरे को झुलसा देंगे।
शवों के पास अपने-अपने आईकार्ड व मोबाइल रख देंगे ताकि प्रतीत हो कि ज्योति व कृष्ण की मौत हो चुकी है। इससे उन्हें परिवार वाले नहीं ढूंढेंगे। दोनों ने प्लान के मुुतबिक पांच सितंबर 2017 को सिमरन व छाजू गढ़ी गांव निवासी मंजीत को एनएसएस कैंप की बात कहकर गोहाना रोड के पास स्थित गोशाला में बुलाया।
मंजीत ने काम होने की बात कहकर आने से मना कर दिया। सिमरन पहुंच गई। ज्योति ने कोल्ड ड्रिंक में उसे नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश किया और उसकी हत्या कर दी। फिर उसके चेहरे पर तेजाब डालकर जला दिया था। शव के पास अपना आईकार्ड व मोबाइल रखा और सिमरन के हाथ में अपना कड़ा डाल दिया था।
परिजनों ने शव को अपना समझकर किया था अंतिम संस्कार
शव मिलने पर ज्योति के परिजनों ने सिमरन के शव को ज्योति का समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था। पुलिस ने मामले की जांच के दौरान ज्योति व कृष्ण को शिमला के होटल से गिरफ्तार कर लिया था। दोनों ने पूछताछ में बताया था कि उन्हें मंजीत की भी हत्या करनी थी, लेकिन वह बच गया। नवंबर 2019 में कृष्ण की जेल में टीबी से मौत हो गई।
अपराधी चाहे जितना शातिर हो, सजा जरूर होगी : चौधरी
जिला न्यायवादी राजेश कुमार चौधरी ने कहा कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, लेकिन वह बच नहीं सकता। इस मामले में अपराधी ने अपराध छुपाने के लिए अनेक प्रयास किए। समय जरूर लगा, लेकिन दोषी को सजा हुई।
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