लवलेश का किस्सा मां की जुबानी: ‘बहुत धार्मिक था बेटा, हर रोज मंदिर जाता

बांदा 16 April, (Swarnim Savera) ,, माफिया अतीक अहमद व अशरफ को गोली मारकर मौत के घाट उतारने में गिरफ्तार लवलेश तिवारी बांदा जिले के केवटरा मोहाल का रहने वाला है। इस पूरे मामले को लेकर रविवार को लवलेश तिवारी की मां आशा तिवारी ने रुंधे गले से कहा कि पता नहीं उसके नसीब में क्या लिखा था। वह बेहद धार्मिक था और दर्शन के लिए नियमित रूप से मंदिरों में जाता था। जब से वह घर से निकला है, हमने उससे बात नहीं की है। उसका फोन भी स्विच ऑफ था।

लवलेश तिवारी की पसंदीदा फिल्म सनी देओल की अर्जुन पंडित रही है। उसका कहना था कि “डॉन को मारकर डॉन” बनूंगा। बताया जा रहा है कि उसने इस कांड को अपनी इसी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए अंजाम दिया।

पड़ोस के दुष्यंत सिंह ने बताया कि उसका पूरा परिवार बहुत सीधा है। लवलेश इतना बड़ा कांड कैसे कर सकता है? विश्वास नहीं हो रहा। खैर, लवलेश एक बात हमेशा कहता था कि कुछ बड़ा करने की इच्छा है। 5-6 माह से ऐसी बात ज्यादा करने लगा था। महत्वाकांक्षा भी बड़ा करने की बढ़ गई थी। इसी के चलते वह डॉन को मारकर डॉन बन गया। 

लवलेश के पिता यज्ञ तिवारी सेंट मेरीज सीनियर सेकेंडरी स्कूल की बस चलाते हैं। मूलरूप से चिल्ला थाना क्षेत्र के लौमर गांव के रहने वाले हैं। यहां शहर में करीब 4 साल से अधिवक्ता व्योमेश कुमार सिंह के घर में किराए से रह रहे हैं।

स्नातक फेल लवलेश तिवारी नशे का आदी बताया गया है। पिता यज्ञ तिवारी ने बताया कि छह रोज पहले घर आया था। उसका ढर्रा सही नहीं रहा। स्नातक फेल होने के बाद उसने पढ़ाई बंद कर दी थी। गलत संगत में चला गया। घरवालों ने भी उसका पीछा छोड़ दिया था। चार भाइयों में तीसरे नम्बर का था। कोई काम नहीं करता था। पिता ने बताया कि इतनी बड़ी वारदात कैसे कर दी? वह खुद नहीं समझ पा रहे। लवलेश का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व एक छात्रा को तमाचा जड़ने पर आठ दिन जेल में रहा है। घटना से लवलेश का परिवार दहशत में है।

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