मुख्यमंत्री ने गैर-अनुसूचित क्षेत्रों के लिए ’मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना’ का किया वर्चुअली शुभारंभ

दुर्ग, 20 अप्रैल 2023 (Swarnim Savera) / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने रायपुर निवास कार्यालय से राज्य के गैर-अनुसूचित क्षेत्रों के लिए ’मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना’ का वर्चुअली शुभारंभ किया। यह योजना मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना की तर्ज पर की गई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 13 अप्रैल को बस्तर में आयोजित भरोसा सम्मेलन में ’मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ का शुभारंभ किए थे। इन योजनाओं का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की पारंपरिक तीज त्यौहारों, मड़ई मेलों को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ी को छत्तीसगढ़ी संस्कृति से अवगत कराने और इन परंपराओं को जीवंत बनाए रखना है। इन योजनाओं के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों को दो किस्तों में कुल 10 हजार रूपए जारी किए जाएगें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में यहां की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण का काम अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य में तीजा, हरेली, भक्तिन महतारी कर्मा जयंती, मां शाकंभरी जयंती (छेरछेरा), छठ और विश्व आदिवासी दिवस जैसे पर्वाे पर सार्वजनिक अवकाश दिया जा रहा है। राज्य शासन की यह भावना है कि तीज-त्यौहारों के माध्यम से नयी पीढ़ी अपने पारंपरिक मूल्यों से संस्कारित हो और अपनी संस्कृति पर गौरव का अनुभव करे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, युवा महोत्सव, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक, बासी-तिहार जैसे आयोजनों के पीछे भी हमारा यही उद्देश्य है। लोक-संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से ही देवगुड़ियों और घोटुलों के विकास का काम भी किया जा रहा है।
वर्चुअल कार्यक्रम में जिले के जनपद अध्यक्ष देवेंद्र देशमुख, भुनेश्वरी वर्मा, तेजराम चंदेल, समस्त जनप्रतिनिधि, कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा एवं जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देंवागन उपस्थित थे।

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