पद से हटाए गए गंभीर आरोपों से घिरे संयुक्त संचालक डॉ. राजन

स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष ने उठाई निलंबन की मांग

जगदलपुर 27 April, (Swarnim Savera) । महिला कर्मियों को अपमानित व प्रताड़ित करने, विभागीय कार्यों में अनियमितता बरतने, शासकीय धन का निजी हित में उपयोग करने जैसे कई गंभीर आरोपों से घिरे बस्तर में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. डी राजन को अंततः पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह दंतेवाड़ा के डॉ. पुजारी को संयुक्त संचालक बनाया गया है। इधर बस्तर जिला स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अजय सिंह परिहार ने डॉ. राजन को निलंबित करने की मांग की है।
डॉ. डी राजन खंड चिकित्सा अधिकारी पद से लगातार पदोन्नति प्राप्त करते हुए संयुक्त संचालक पद तक पहुंचे थे। उनका पूरा कार्यकाल विवादों से घिरा रहा है।तोकापाल में पदस्थ महिला नेत्र सहायक अधिकारी सोनिया प्रमोद यादव तो डॉ. राजन की प्रताड़ना से बहुत ज्यादा पीड़ित रही हैं। आरोप है कि स्वास्थ्य कर्मियों की बैठकों में डॉ राजन सोनिया यादव को डिफाल्टर कहकर अपमानित करते थे। श्रीमती यादव को उनकी औकात बताने की भी धमकी दिया करते थे। इससे परेशान सोनिया ने मामले की शिकायत जिला प्रशासन से की थी। तब दोनों के बीच समझौता कराकर मामला शांत कर लिया गया था। इसके बाद भी डॉ. राजन का रवैया सोनिया प्रमोद यादव के प्रति जरा भी नहीं बदला। वे सोनिया को अपमानित करने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने देते थे। इसके अलावा डॉ. राजन पर खंड चिकित्सा अधिकारी रहते फर्जी तरीके से लगभग एक लाख रुपए का फर्जी टीए बिल बनाकर राशि आहरित करने व भांडा फूट जाने पर रकम को चालान के माध्यम से सरकारी खजाने में जमा कराने, स्वास्थ्य कर्मियों की पदोन्नति में नियमों की अनदेखी करने, पदोन्नत कर्मियों को पहले दूर दराज के स्थानों पर पदस्थ करने और लेनदेन कर उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ करने जैसे भी गंभीर आरोप डॉ. राजन पर लग चुके हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ डॉ. डी राजन के खिलाफ संभाग आयुक्त से लगातार शिकायतें करते आ रहा था। आखिरकार डॉ. राजन को संयुक्त संचालक पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह दंतेवाड़ा के डॉ. पुजारी को बस्तर का संयुक्त स्वास्थ्य संचालक नियुक्त किया गया है।
निलंबित किया जाए डॉ. राजन को : परिहार
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बस्तर जिला अध्यक्ष अजय सिंह परिहार ने कहा है कि डॉ. राजन ने जिस तरह से अपने पद का दुरूपयोग और महिला कर्मियों का अपमान किया है, उस हिसाब से उन्हें पद से हटाया जाना ही पर्याप्त नहीं है। उन्होंने जो गड़बड़ियां की हैं, उसकी न्यूनतम सजा निलंबन तो होनी ही चाहिए। श्री परिहार ने कहा है कि डॉ. राजन ने महिला कर्मियों को खून के आंसू रोने के लिए मजबूर कर दिया था, कई कर्मियों को नियम विरुद्ध पदोन्नति दी है, पैसों के लेनदेन के आधार पर पदास्थपना की है। उसे देखते हुए उन्हें तत्काल निलंबित कर उनके सारे कार्यों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

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