महान समाजसेवी सुनंन्दा देवी भारतीय संविधान के रक्षा हेतु देश को समर्पित; पंचतत्व में विलीन

सुनंदा देवी केशरवानी मानव समाज के लिए प्रेरणा ।

पंचशील संस्था के पूर्व सेवा प्रमुख ; के असामयिक निधन भारतीय संविधान की अंत्येष्ठि समान। ; पंचशील संस्था प्रमुख
135 करोड़ देशवासियों के ह्रदय में सुनंदा देवी हमेशा जीवित रहेंगे:; उनके त्याग और बलिदान देश के सर्वोच्च सदन में सम्मान योग्य है ।

कोरबा 28 April, (Swarnim Savera) । छत्तीसगढ़ प्रदेश में मान्यता प्राप्त संस्थान के स्वयं सेवी दूरदर्शी स्वर्गीय सुनन्दा देवी को श्रद्धांजलि अर्पण कर रहे परिजनों मित्रों को नारायण प्रसाद ने बताया है कि सुनंदा यद्यपि भौतिक रूप से हमसे बिछड़ गए हैं लेकिन समाज के हृदय में वे हमेशा रहेंगे। भारतीय संविधान और संस्कृति की रक्षा करने में हुईं उनकी मृत्यु मानव समाज और छत्तीसगढ़ सहित भारत देश के संविधान को मानने वाले लोगों के अन्त:करण में उनकी स्मृतियां चिर स्थायी रहेगा। स्वयं सेवी संस्था- पंचशील कौशल सेवा संस्थान के वर्तमान सेवा प्रमुख ने कोरबा के महाराणा प्रताप नगर पर स्थित दशहरा मैदान सामुदायिक भवन में दिनांक 22.04.2023 को आयोजित स्वर्ग वासी सुनन्दा देवी के श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित संस्था परिवार के बीच शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाने शामिल लोगों का आभार जताया और पुण्यात्मा सुनन्दा को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
प्रदेश अध्यक्ष नारायण ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित किया, कहा कि स्वर्गीय सुनंदा देवी मानवीय मूल्यों को स्थापित करने केशरवानी समाज के लिए आत्मसम्मानी थे। एक महत्वपूर्ण मामले में उन्हें मिली प्रताड़ना को लेकर सरकार से विधिवत न्याय के लिए आवश्यक सभी संबंधित संविधान हत्यारों को जब तक सख्त सजा नहीं मिल जाती, तब तक सुनंन्दा के परिवार (पुत्र नयन और पति नारायण) को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक पंचशील संस्था; भारतीय संविधान विरोधी ताकतों को चैन से बैठने नहीं देगी।
अपने देश के संविधान पर बलिदान देने वाले सुनंदा देवी एवं परिवार के साथ एक प्रकरण नारायण प्रसाद केशरवानी बनाम छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के आज़ दिनांक तक हुई सरकार की दमनकारी तंत्र का अवैधानिक चेष्टाओं से उनके परिवार को न्याय दिलाने और सुनन्दा देवी को सर्वोच्च सदन में सम्मान दिलाने संघर्ष करती रहेगी।

पंचशील कौशल सेवा संस्थान प्रदेश अध्यक्ष और दैनिक नव ऊर्जा के संपादक नारायण प्रसाद केशरवानी ने कहा कि मेरी अर्धांगिनी और उनके द्वारा किए गए त्याग एवं बलिदान ने देश की जर्जर कानून व्यवस्था को खुली किताब की तरह देशवासियों के बीच रखकर सरकार को सचेत किया है। उन्हें जीवन भर भरोसा दिलाया कि उनके परिवार के इकलौते पुत्र के साथ न्याय होगा, इंसाफ होगा। पर मां की ममता से दूर होने की भरपाई संभव नहीं पर न्याय दिलाने के लिए आपके सपनों को साकार करने के साथ ही आपके पुण्य प्रताप से न्याय दिलाकर रहेंगे।

पंचशील कौशल सेवा संस्थान द्वारा संचालित संबंधित संविधान के प्रति आस्था और पूर्ण विश्वास है कि सुनंदा देवी के संवैधानिक हत्यारों को कानून के अनुसार सजा होनी चाहिए। हमारी सर्वश्रेष्ठ स्वयं सेवी संस्था का कानून (बाॅयलाज) यही चाहत लेकर भारत देश के संविधान विरोधी ताकतों को रोकने मजबूती से खड़े हैं। नारायण प्रसाद ने भारत देश के संविधान के हत्यारों और सुनन्दा देवी के अमन-चैन में ज़हर घोलने वाले ताकतों को सजा हो। पंचशील संस्था सहित प्रदेश की प्रेस मीडिया हर कदम पर सुनन्दा देवी के पुण्य प्रताप के साथ है और हम और हमारी संस्था परिवार उन्हें न्याय दिलाने के साथ ही साथ इस देश के सर्वोच्च सदन में नागरिक सम्मान दिलाने तक संघर्ष करती रहेगी।

पंचशील कौशल सेवा संस्थान : सेवा प्रमुख कोरबा, छत्तीसगढ़

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