श्रमिकों के पसीने से ही तैयार होती है संयंत्रों की बुनियाद : जैन

मेहनतकशों के सम्मान में बोरे बासी खाई संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने =
= विश्व मजदूर दिवस के कार्यक्रमों में शामिल हुए जगदलपुर के विधायक =
जगदलपुर 01 May, (Swarnim Savera) । राज्य शासन के श्रम एवं नगरीय प्रशासन विभाग के संसदीय सचिव तथा जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन ने मजदूर दिवस के मौके पर बोरे बासी समस्त जनों से मेहनतकशों के सम्मान में बोरे
बासी खाकर श्रमिकों का सम्मान किया।
संसदीय सचिव श्री जैन सोमवार को श्रमिक दिवस पर अपने निवास में अपनी धर्मपत्नी संगीता जैन और बच्चों के साथ बोरे बासी का सेवन किया। इसके बाद श्री जैन शहर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर श्री जैन ने कहा कि बोरे बासी न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से अनुकूल है, बल्कि इसके सेवन से हमारे छत्तीसगढ की सदियों पुरानी खान पान की संस्कृति भी संरक्षित होती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2022 में राज्य में एक मई मजदूर दिवस को बोरे बासी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। तबसे छत्तीसगढ़ के अलावा देश विदेश में रह रहे भारत के नागरिक भी बोरे बासी के महत्व से परिचित हुए हैं। राज्यभर में व देश के अनेक राज्यों में तो बोरे बासी के सेवन का चलन बढ़ा ही है, सात समंदर पर दूसरे देशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों के साथ विदेशी नागरिक भी अब बोरे बासी खाने लगे हैं। श्रम विभाग के संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि चिलचिलाती धूप पड़ रही हो या घनघोर बारिश हो रही हो, या फिर सिहराती ठंड पड़ रही हो, हमारे छत्तीसगढ़ के मजदूर साथी बिना मौसम की परवाह किए दिनभर कठोर परिश्रम करते हैं। दोपहर के समय जब वे घर से लाई गई बोरे बासी को नून, गोंदली या अमारी व चेंच भाजी के साथ खाते हैं, तब उनकी सारी थकान काफूर हो जाती है। वे तरोताजा और ऊर्जा से भरपूर होकर फिर से हाड़तोड़ परिश्रम करने में जुट जाते हैं। संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मजदूरों की परिश्रम शक्ति का कोई मुकाबला नहीं है। हमारे राज्य की विशेष पहचान यहां के किसानों, कामगारों, घरेलू व खेतिहर श्रमिकों, राजमिस्त्रियों रेजाओं जैसे मेहनतकशों के दम पर बनी है। छत्तीसगढ़ के मजदूरों की मांग पूरी दुनिया में है। छोटे मोटे कल कारखानों से लेकर विशालकाय संयंत्रों की पूर्ण रूप से स्थापना मजदूरों के श्रम के बिना संभव ही नहीं है। हमारे मजदूर भाई बहनों की मेहनत को पूरी दुनिया सलाम करती है और छत्तीसगढ़ के मजदूरों की डिमांड समूची दुनिया के देशों में है।इन श्रमवीरों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का बोरे बासी दिवस एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इसलिए समस्त बस्तरवासियों को हर साल बोरे- बासी दिवस मनाना और अपने नित्य के खानपान में बासी को जरूर शामिल करना चाहिए।

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